सिंगरौली 23 मार्च। भाजपा नेता नगर निगम कमिश्नर आरती सिंह की कार्यप्रणाली को लेकर एक बार फिर आमने सामने है इस बार भाजपा के निवर्तमान अध्यक्ष चंद्र प्रताप विश्वकर्मा ने मोर्चा खोल सकते हैं दरअसल नगर निगम सिंगरौली के उपयंत्री से वाहन का अतिरिक्त प्रभार वापस लिये जाने की मांग को लेकर भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व पार्षद तटस्थ हो गये हैं। ननि आयुक्त के ढुलमुल रवैये को देख आर-पार की लड़ाई के मूड में हैं।
दरअसल नगर निगम संविदा चालक राजेन्द्र सिंह की माजनमोड़ के नवानगर मार्ग शराब दुकान के ठीक सामने हाईवा की टक्कर से 16 मार्च की दोपहर के समय दर्दनाक मौत हो गयी थी। इस घटना के बाद भाजपाईयों ने ननि के वाहन प्रभारी पर भी तरह-तरह के आरोप मढऩा शुरू कर दिया था। इसी के चलते मृतक राजेन्द्र के शव का पोस्टमार्टम करीब 21 घण्टे बाद काफी मान मुनौबल के बाद हुआ था। इस दौरान भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं निवर्तमान ननि अध्यक्ष चन्द्र प्रताप विश्वकर्मा व पूर्व पार्षद रजनीश पाण्डेय इस बात पर अड़ गये थे कि उपयंत्री पीके सिंह से वाहन का अतिरिक्त प्रभार वापस कर लिया जाय और किसी भी ननि के अधिकारियों को यह प्रभार सौंप दें। लेकिन उनके अधीन नहीं रहना चाहिए। सूत्र बताते हैं कि निगमायुक्त ने भाजपा के उक्त नेताओं को आश्वस्त किया था कि 17 मार्च को उपयंत्री पीके सिंह से वाहन का प्रभार वापस कर लिया जायेगा। आश्वासन के करीब 5 दिन बाद भी वाहन का प्रभार न छिने जाने पर अब उक्त भाजपाई नेता नगर निगम के खिलाफ ही मोर्चा खोलने की तैयारी में लग गये हैं।
नगर निगम में चर्चा है कि भाजपा नेताओं ने आयुक्त को साफ शब्दों में बता दिया है कि यदि पीके सिंह से वाहन का प्रभार वापस नहीं लिया गया तो नगर निगम के लिए भारी पड़ सकता है। यहां के एक-एक कारगुजारियों का पर्दाफास कर भोपाल तक शिकायत पहुंचायी जायेगी। नगर निगम के अधिकारी एक उपयंत्री पर इतनी बड़ी मेहरबानी क्यों कर रहे हैं इस बात को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं चल रही हैं। फिलहाल नगर निगम में वाहन प्रभारी को लेकर एक बार फिर से भाजपा नेता सक्रिय हो गये हैं वे भी इस बात के लिए तटस्थ हो गये हैं ऐसे में यदि समय रहते ननि के जिम्मेदार अधिकारी सूझ-बूझ के साथ मामले को नहीं सुलझाये तो नगर निगम की काली करतूतें सामने आना शुरू हो जायेंगी। भाजपा नेता ने यहां तक कहा है कि कल बुधवार को नगर निगम आयुक्त से मुलाकात करूंगा यदि ढुलमुल रवैया समझ में आया तो आगे के लिए भाजपा के अन्य वरिष्ठ नेताओं को अवगत कराते हुए भोपाल तक शिकायत पत्र भेजा जायेगा।
उपयंत्री के पास है कई प्रभारी
नगर पालिक निगम सिंगरौली के उपयंत्री पीके सिंह पर अधिकारी दरियादिली दिखा रहे हैं। सूत्र बता रहे हैं कि रिटायरमेंट के कगार पर पहुंच रहे उपयंत्री के पास सिवरेज पाईप लाईन जल योजना के सभी कार्य, स्टोर के प्रभारी, वाहन अधिकारी के साथ-साथ साइड इंजीनियर का बड़े वार्ड जिसमें वार्ड नं.30,31,39, 40, 42 का कार्य भी देख रहे हैं। इसके अलावा अन्य कई प्रभार होना बताया जा रहा है। एक ही उपयंत्री पर इतने शाखाओं का प्रभार सौंप दिये जाने से काम की अधिकता के चलते उपयंत्री पर अतिरिक्त बोझ है। साथ ही समय पर इनके साइड के कार्यों का समय पर प्राक्कलन भी नहीं बन पाता है और न ही निर्माण कार्यों का मूल्यांकन हो पा रहा है। रिटायरमेंट कगार पर पहुंचे उपयंत्री पर इतनी बड़ी मेहरबानी लोगों के समझ से परे है।
बैंक गारंटी रिटर्न के मामले में ननि अधिकारी मौन
केके स्पन कंपनी की बैंक गारंटी को गुप चुप तरीके से रिटर्न कर दिये जाने के मामले में ननि के जिम्मेदार अधिकारियों ने चुप्पी साध लिया है। ननि क्षेत्र में 100 करोड़ से अधिक की लागत से सिवरेज प्रोजेक्ट कार्य के लिए केके स्पन कंपनी को जिम्मा सौंपा गया था। जहां उसने 5 करोड़ रूपये बतौर गारंटी के रूप में नगर पालिक निगम सिंगरौली को दिया था। लेकिन उक्त बैंक गारंटी को ननि के अधिकारियों ने करीब डेढ़ साल पहले ही रिटर्न कर दिया था। 7 करोड़ रूपये मोबिलाईजेशन का है। इसी रकम को बार-बार ननि के साहब लोग तोते की तरह रटकर ननि प्रशासक व कलेक्टर को गुमराह कर रहे हैं। वहीं अब यह तर्क दे रहे हैं कि केके स्पन कंपनी अब ब्लैक लिस्ट होने वाली है। फिलहाल 5 करोड़ रू. की बैंक गारंटी केके स्पन कंपनी को रिटर्न किये जाने का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है।