उमरिया — जिला आदिवासी बाहुल्य जिला है जहां पर सर्वाधिक आदिवासी निवास करते हैं यहां के विधायक,मंत्र,सांसद हैं उसके बाद भी यहा आदिवासियो की स्थिति खराब हो रही है आऐ दिन अधिकारियों की प्रताड़ना के शिकार हो रहे हैं। अब बिजली विभाग के अधिकारियों ने इनके घरों की लाइट काट दी है इसलिए यह अंधेरे में रहने को मजबूर हैं बिजली का बिल अधिक आया है तो कुछ ग्रामीणों ने बिल को जमाकर दिया है जिनका सबसे अधिक आया है वह ग्रामीण बिल जमा नहीं कर पाए हैं जिस कारण से पूरे गांव की लाइट काट दी गई है वहीं बिजली विभाग के अधिकारियों ने कह दिया है कि जब तक बिल जमा नहीं होगा तब तक लाइट नहीं जुड़ेगी।
बता दें की मामला उमरिया जिले के मानपुर ब्लाक के अंतर्गत ग्राम पंचायत पिपरिया के बिलाइकाप का है जहां पर बिजली नहीं होने के कारण लोग अंधेरे में चिमनी का सहारा लेकर अपना जीवन यापन कर रहे हैं तो वहीं किसानों को भी चिंता सता रही है कि अगर सिंचाई नहीं हुई तो धान का रोपा भी सूख जाएगा। इतना ही नहीं बच्चों के लिए भी रात में निकलने वाले जीव जंतुओं का डर बना रहता है यहां के आदिवासी बिजली विभाग के तानाशाही रवैए से परेशान हैं तो अधिकारी भी साफ कर दिए हैं कि जब तक बिल जमा नहीं होगा तब तक लाइट नहीं जुड़ेगी.
जब इस संबंध में अधिकारियों का पक्ष जानने के लिए हमारी कैमरा टीम विद्युत मंडल के कार्यालय पहुंची तो वहां एस ई शिब्बू सैमुअल ने हमारी टीम से मिलना मुनासिब नहीं समझा। वहीं सबसे बड़ी बात यह है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री अपने आप को आदिवासियों का मसीहा कहते नही थकते और यहां आदिवासी खून के आंसू रोने को मजबूर है।