सिंगरौली 9 अप्रैल। विवादित और चर्चित कमिश्नर आरपी सिंह अपने रिटायरमेंट की प्लानिंग करने के लिए सिंगरौली आए हैं इस बात से हर कोई वाकिफ है. कमिश्नर यहां आते ही अपने मन पसंदीदा अधिकारियों को उन कामो की जिम्मेदारी दी गई जहां से खूब माल बटोरा जा सके। हालांकि कलेक्टर के आदेश के बाद कई मामलों में वह बैकफुट पर रहे और अपने ही आदेश को बदलते नजर आए। इसकी चर्चा न केवल शहर में है बल्कि भोपाल तक पहुंच गई है।
ननि सिंगरौली में सिविल विभाग के द्वय कार्यपालन यंत्री के यहां नस्तियां प्रस्तुत किये जाने संबंधी आदेश का मामला फिर गरमाने लगा है। ननि के कार्यपालन यंत्री विद्युत शाखा से होकर समस्त निर्माण कार्य की नस्तियां प्रस्तुत किये जाने का आदेश पिछले माह जारी किया गया था। जहां इसकी शिकायत भोपाल विभागीय अधिकारियों एवं मंत्री तक पहुंचने की खबर है।
दरअसल नगर पालिक निगम सिंगरौली के आयुक्त ने 9 मार्च को एक आदेश जारी किया था। जिसमें उल्लेख किया था कि प्रशासनिक दृष्टिकोण से विकास एवं निर्माण कार्यों की समस्त नस्तियां जिसमेें निविदा समिति एवं भुगतान आरके जैन सहायक यंत्री एवं प्रभारी कार्यपालन यंत्री व्हीपी उपाध्याय के माध्यम से ही आयुक्त के समक्ष प्रस्तुत किये जाने का निर्देश हुआ था। यहां बताते चलें कि कार्यपालन यंत्री व्हीपी उपाध्याय विद्युत शाखा से हैं और उनकी अहर्ताएं भी इसी से तालुकात रखते हैं। बावजूद इसके उन्हें सिविल संबंधी भुगतान निविदा की नस्तियों को अवलोकन करने का जिम्मा सौंप दिया है। जिसको लेकर एक बार फिर से नगर निगम चर्चाओं में हैं। सूत्र बता रहे हैं कि इसकी शिकायत भोपाल तक पहुंच गयी है। यहां बताते चलें कि नगर निगम में इन दिनों जमकर खेला हो रहा है और इस खेल को लेकर भाजपा सरकार की भी जहां किरकिरी हो रही है। वहीं अधिकारियों की भी कार्यप्रणाली चर्चाओं में है। साथ ही पीएम आवास आवंटन में अपने कई चहेतों को लाभ पहुंचाने के भी आरोप हैं। कलेक्टर के निर्देश पर जांच चल रही है, लेकिन सूत्रों के अनुसार जांच में लीपापोती करने का भरपूर प्रयास चल रहा है।