शिवपुरी । कोरोना महामारी ने ऐसा दर्द दिया है कि लोगों को रीति-रिवाज से अंतिम संस्कार भी नहीं हो पाया। पिछले डेढ़ महीने तक लगातार शमशाम चिताओं से सुलगता रहा। ऐसा ही मामला शिवपुरी मुक्तिधाम के लॉकर का जहाँ करीब 72 लोगों की अस्थियां रखी हुई हैं जिन्हें लेने के लिए अभी तक कोई नहीं आया है। कोरोना की दूसरी लहर तो अब बीत चली है और संक्रमण दर 1 प्रतिशत से भी नीचे आ गई है, लेकिन सैकड़ों जिंदगियों में यह रिक्तता छूट गई है।
एक साल से इंतजार कर रहीं 22 अस्थियां
शिवपुरी मुक्तिधाम में कोरोना काल के अलावा 22 लोगों की अस्थियां पिछले 1 साल से अपनों का इंतजार कर रही हैं। अभी तक कोई भी उन्हें लेने के लिए नहीं आया है। हिंदू रीति-रिवाज के अनुसान मृत्यु होने के बाद तेरहवीं से पहले अस्थियों का विसर्जन जरूरी है। इन लोगों की अस्थियों को 1 साल से अधिक समय हो चुका है। ऐसे में अब मानवता ग्रुप ने निर्णय लिया है कि इन लोगों की अस्थियों का विसर्जन वे लोग हरिद्वार या सोरोंजी करके आएंगे। हालांकि इनमें कई लोग ऐसे भी होते हैं जिनका अंतिम संस्कार प्रशासन द्वारा कराया जाता है क्योंकि शव मिलने के बाद कोई स्वजन का पता ही नहीं चल पाता है
वही इस मामले में नगर पालिका का कहना है की यदि कुछ दिन और कोई भी अस्थियां लेने के लिए नहीं आता है तो हम लॉकडाउन खुलने के बाद इसकी सूचना प्रकाशित कराएंगे। इसके बाद भी कोई नहीं आया तो नगर पालिका की टीम जाकर अस्थियों का विधिवत विसर्जन करेगी। हमारे कामगारों ने ही मुख्याग्नि दी है। हमने अंतिम संस्कार कराया है तो अस्थियां विसर्जित कराने का काम भी करेंगे। यह तो पुण्य का काम है।