सिंगरौली 6 अगस्त। शिवराज सरकार कोरोना की तीसरी लहर का डर अभी सता रहा है यही वजह है कि अब तक छात्रावासों को खोलने की इजाजत नहीं दी गई है दरअसल म.प्र.शासन के निर्देशानुसार 27 जुलाई से 11 वीं, 12 वीं की कक्षाओं का संचालन शुरू कर दिया गया है। लेकिन दूर-दराज से आने वाले छात्र-छात्राएं जो अपने स्कूल के समीपस्थ छात्रावास में रहकर पढ़ाई करते थे वे अब छात्रावास नहीं खुलने से अपने सुविधानुसार स्कूलों में आने के लिए मजबूर हैं।
मिली जानकारी के अनुसार जिले में स्कूल शिक्षा विभाग के निर्देश पर 11 वीं, 12 वीं सहित 9 वीं, 10 वीं की कक्षाएं संचालित हो रही हैं। लेकिन छात्रावास के ताले नहीं खुलने से छात्रावास में रहकर अध्ययन करने वाले छात्रों के पढ़ाई पर इसका बुरा असर पड़ रहा है। दूर-दराज ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले छात्रों का ज्यादातर समय उनके आने जाने में ही खत्म हो जाता है। वहीं स्कूल से जाने के बाद थकेहारे छात्र अपनी पढ़ाई सही ढंग से नहीं कर पा रहे हैं। कुछ छात्रों के परिजन जो सक्षम हैं वो अपने बच्चों को स्कूलों के समीप किराये के मकान में रहकर पढ़ा रहे हैं। लेकिन जो छात्र गरीब,असहाय हैं उनके लिए पढ़ाई का यह दौर मुसीबत भरा साबित हो रहा है।
छात्रों ने उठाया स्वयं खर्च का बोझ
इन दिनों स्कूलों के संचालन के कारण दूर-दराज से आने वाले छात्र स्वयं के व्यय से अपनी पढ़ाई करने को मजबूर हैं। चूंकि छात्रावास में रहकर पढ़ाई करने वाले छात्रों के लिए कोविड की तीसरी लहर के कारण अभी छात्रावास का संचालन नहीं हो रहा है। जिससे छात्रों के परिजन अपने बच्चों को स्कूलों के समीपस्थ किराये का मकान लेकर पढ़ाने के लिए मजबूर हैं। फिलहाल इनको शासन से अभी किसी तरह की मदद नहीं मिल पा रही है। वहीं छात्रों ने बताया कि कोरोना के चलते सरकार से अभी छात्रावास संचालन की अनुमति नहीं मिली है जिससे हम लोग अपने स्वयं के व्यय से यहां ठहरे हैं। पूरा खर्चा वहन हमारे परिजन कर रहे हैं।
इनका कहना है
कोरोना महामारी अभी पूरी तरह से गया नहीं है विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एलर्ट जारी किया है कि अगस्त महीने के अंतिम सप्ताह से लेकर अक्टूबर महीने तक में कोरोना महामारी की तीसरी लहर आ सकती है। जिसको ध्यान में रखते हुए म.प्र.शासन से अभी छात्रावासों के संचालन की अनुमति नहीं प्राप्त हुई है। जैसे ही अनुमति प्राप्त होती है छात्रावासों का संचालन सुचारू रूप से किया जायेगा।
संजय खेड़कर, सहायक आयुक्त, आदिवासी विकास विभाग सिंगरौली