सिंगरौली 19 दिसम्बर। ऊर्जाधानी में बर्फीली हवाओं से समूचा ऊर्जाधानी थर-थर कांप उठा है। इस सीजन का सबसे ठण्ड दिन रविवार माना जा रहा है। शहर का पारा भी जहां न्यूनतम 6 डिग्री पहुंच गया है। वहीं ग्रामीण अंचलों में पारा लुढ़ककर 2 डिग्री तक पहुंच गया है। जिसके कारण खेत, खलिहानों में रविवार की सुबह बर्फ की चादरें बिछी दिखीं।
गौरतलब हो कि शुक्रवार से ही जिले का तापमान लुढ़कने लगा और आज शीतलहर के साथ तापमान 4 डिग्री तक पहुंच गया है। गलन भरी ठण्ड ने सबको झकझोर कर रख दिया है। आलम यह है कि रविवार को पूरे दिन सूर्य देवता के धूप भी मंद-मंद सुहावना लग रहा था तो वहीं शाम होते ही बर्फीली हवाओं ने आमजनों को अस्त-व्यस्त कर दिया है। जानकारी के मुताबिक इस साल का रविवार का दिन सबसे ठण्ड दिन माना जा रहा है। तो वहीं मौसम विभाग ने अनुमान जताया है कि आगे आने वाले दिनों में कड़ाके की ठण्ड पड़ सकती है। इधर शनिवार-रविवार का पूरा दिन जिले के ग्रामीण अंचल देवसर, चितरंगी, सरई, माड़ा, बरगवां, बगदरा, लंघाडोल, लमसरई क्षेत्र समेत अन्य गांवों के खेतों व फसलों एवं पेंड़ के पत्तों में अलसुबह ही ओस फैली हुई थी। इस नजारे को देख लोगों ने अनुमान लगाया कि आगामी दिनों में समूचा ऊर्जाधानी बर्फीली हवाओं से कांपेगा। वहीं सर्दी, जुकाम , खासी का भी प्रकोप शुरू हो गया है। फिलहाल जिले में कड़ाके की पड़ रही ठण्ड से जहां आमजनों का हाल बेहाल है तो वहीं शहरी क्षेत्र में अभी तक अलाव की व्यवस्था नहीं किये जाने से अस्पताल व यात्री प्रतिक्षालय में आने वाले लोग ठण्ड से कांप रहे हैं।
तीन दिनों से चल रहीं बर्फीली हवाएं
जिले में शुक्रवार से ही बर्फीली हवाओं का प्रकोप शुरू है। सुबह से ही हवाओं का झोका शुरू हो जा रहा है। किन्तु शनिवार का दिन इस सीजन का सबसे तीव्र शीतल दिन माना जा रहा था, लेकिन रविवार का दिन और ज्यादा ठण्ड का दिन रहा है। आलम यह है कि आज का अधिकतम तापमान 17 डिग्री एवं न्यूनतम 6 डिग्री तक आ गया है। हवाओं का वेग 8 किमी प्रति घण्टा है। जबकि नमी 65 प्रतिशत है। यह हाल शहरी क्षेत्र बैढऩ का है। जबकि ग्रामीण क्षेत्रों का पारा काफी नीचे गिर गया है। अनुमान के मुताबिक ठण्ड का पारा लुढ़ककर तकरीबन 2 डिग्री तक पहुंचा है।
गरीबों का हाल बेहाल,अलाव सहारा
जिले में बर्फीली हवाओं के चलते हाड़ कपां देने वाली ठण्ड ने सबको हाल बेहाल कर दिया है। गरीबों का हाल बेहाल है। अलाव के सहारे ही रात कट रही है। वहीं मवेशी भी दांत खट्टे करने वाली ठण्ड से थर-थर कांप रहे हैं। ग्रामीण अंचलों में ठण्ड की स्थिति और भयावह हो गयी है। हालांकि यहां पूरी रात अलाव जलाकर ठण्ड भगाते हैं। शहरी क्षेत्र में झुग्गी झोपडिय़ों में रहने वाले परिवारजनों का हाल सबसे बुरा है। इन दिनों समाजसेवी भी गर्म कपड़े कंबल बांटने नहीं निकल रहे हैं। ठण्ड जब कम होगा तब समाजसेवी सक्रिय होकर कंबल बांटते हुए फोटो सेशन कराने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे।