सीधी — बीते शुक्रवार को जिले भर के 2 सैकड़ा शिक्षकों ने आक्रोश व्यक्त करते हुए कलेक्टर पहुंचकर मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है। बताया गया कि तत्कालीन सरकार ने मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2018 के पूर्व स्कूल शिक्षा विभाग और जनजाति कल्याण विभाग द्वारा प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड के माध्यम से संयुक्त पात्रता परीक्षा के अंतर्गत उच्च माध्यमिक शिक्षा (एसएसटी) के 19,220 पद पर एवं माध्यमिक शिक्षक (एमएसटी) के 11,374 पद पर भर्ती निकाली गई थी। जिसकी पात्रता परीक्षा इसका परीक्षा परिणाम और इसके पद दोनों विभागों द्वारा काउंसलिंग प्रक्रिया के अंतर्गत चयनित अभ्यर्थियों को मेरिट और वेटिंग लिस्ट जारी होने के बाद नियुक्ति हेतु दस्तावेज सत्यापन की प्रक्रिया शुरू हुई और अब 1 वर्ष बीतने पर भी काउंसलिंग प्रक्रिया की कार्यवाही दस्तावेज सत्यापन पर ही अटकी हुई है जिससे 30,594 शिक्षकों की नियुक्तियां आज भी लंबित हैं।
इस बीच जुलाई 2020 दस्तावेज सत्यापन की प्रक्रिया शुरू हुई लेकिन उसे बीच में रोक दिया गया जिसके लिए लोक परिवहन उपलब्ध ना होने का कारण बताया गया था जो कि अब सभी जगह उपलब्ध है फिर भी 1 साल में हम चयनित शिक्षक लगातार प्रताड़ित हो रहे हैं। इन 30,594 चयनित अभ्यार्थी अपने परिवार सहित कई प्रकार के आर्थिक और सामाजिक संकटों से जूझ रहे हैं स्कूल शिक्षा विभाग और जनजाति विभाग की असंवेदनशीलता देखते हुए हम सब चयनित शिक्षक चाहते हैं कि आप हमारे मुद्दे को महत्वपूर्ण मानते हुए हमारी लंबित नियुक्तियां हमें समय पर प्रदान करने हेतु दस्तावेज सत्यापन पूर्ण करवाने और नियुक्तियां प्रदान करने के लिए आदेश जारी करें ताकि सभी चयनित विद्यालयों में पहुंचकर अपना शिक्षक कर्तव्य निभाते है। उत्पीड़ित शिक्षकों ने कहा कि अगर सरकार कोई फैसला जल्द ही नहीं लेती है तो हम लोग उग्र आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे जिसका जवाबदारी सरकार की होगी।