सिंगरौली 6 फरवरी। गोंदवाली में स्थित त्रिमूला इंडस्ट्रीज से धुओं के गुब्बार से फसलें तबाह हो रही हैं। इंडस्ट्रीज कंपनी यहां के फसलों के लिए नासूर बनती जा रही है। आरोप है कि क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अमला व जिला प्रशासन बेसुध है। जबकि इसकी लगातार शिकायतें भी हो रही हैं। फिर भी कार्रवाई करने से परहेज किये जाने के कारण अन्नदाता व ग्रामीणों में लगातार असंतोष बढ़ रहा है।
चितरंगी के गोंदवाली में स्थापित त्रिमूला इंडस्ट्रीज आस-पास के दर्जनभर गांवों के लिए एक मुसीबत बनी हुई है। यहां के कई किसानों व ग्रामीणों का आरोप है कि धुओं के गुब्बार से एक ओर जहां घरों में कोयले के डस्ट से परेशान हैं। वहीं दूसरी ओर इंडस्ट्रीज से निकलने वाला जहरीला धुआं फसलों के लिए नासूर बनता जा रहा है। फसले चंद दिनों में ही काली पड़ जा रही है। जिसके चलते पैदावार भी नही हो पा रहा है। इस तरह कच्चे व पक्के मकानों पर कोयले की परते इस तरह जमा हो रही हैं कि लोगबाग परेशान हैं। इसकी कई बार जिला प्रशासन के साथ-साथ म.प्र.क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी के दफ्तर में भी लिखित तौर पर दर्जनों बार शिकायतें की गयीं, लेकिन नतीजा ढाक के पात की तरह निकला। ग्रामीणों एवं किसानों का आरोप है कि त्रिमूला इंडस्ट्रीज कंपनी में एनजीटी का दिशा-निर्देश लागू नहीं है। कंपनी का अमला सब पर भारी है। शायद इसीलिए प्रदूषण नियंत्रण अमला भी कार्रवाई करने से गुरेज करता है। किसानों ने यहां तक कहा है कि धुओं के गुब्बार से फसलें पूरी तरह से तबाह हो रही है। अब यहां खेती किसानें करने लायक नहीं रह गया है। जिस तरह से धुएं का गुब्बार उड़ता है। उसे हर व्यक्ति देखने के बाद सोचने को मजबूर हो जाता है कि यहां के लोग कैसे गुजर बसर कर रहे हैं। वहीं प्रदूषण के चलते लोग तरह-तरह के बीामरियों के शिकार हो रहे हैं। फिर भी प्रदूषण नियंत्रण अमला व जिला प्रशासन की नजरें यहां इनायत नहीं हो रही हैं। यहां के अन्नदाता व ग्रामीणों ने कलेक्टर का ध्यान आकृष्ट कराते हुए उक्त कंपनी पर कार्रवाई किये जाने की मांग की है।
कंपनी के खिलाफ लामबंद हो रहे ग्रामीण
त्रिमूला इंडस्ट्रीज कंपनी की मनमानी से परेशान आस-पास के कई गांवों के लोग लामबंद हो रहे हैं। सूत्र बता रहे हैं कि यदि जिला प्रशासन फैलते प्रदूषण पर नियंत्रण नहीं लगाया तो इसकी शिकायत एनजीटी में भी की जायेगी। साथ ही प्रदूषण नियंत्रण के अधिकारियों के कारनामों की भी शिकायत उच्च स्तर पर की जायेगी। साथ ही किसान व ग्रामीण जन धीरे-धीरे लामबंद होकर कंपनी के खिलाफ मोर्चा खोलने की तैयारी कर रहे हैं। इसके लिए लोगबाग अभी से कंपनी से होने वाले नुकसान के बारे में एक-दूसरे के बीच चर्चाएं विमर्श कर जिला प्रशासन व प्रदूषण नियंत्रण अमला के नाकामियों की अवगत करायेंगे। ताकि आने वाले भविष्य में फैलते प्रदूषण पर काबू पाया जा सके।
प्रदूषण विभाग की कार्रवाई समझ से परे
गोंदवाली सहित गोरबी, नौढिय़ा में कोयले व धुओं के गुब्बार से फैल रहे प्रदूषण को लेकर प्रदूषण विभाग की कार्रवाई लोगबाग के समझ से परे है। कंपनी से निकलने वाले धुओं के गुब्बार व कोयले के डस्ट की फोटों व वीडियो लगातार सोशल मीडिया में वायरल भी किया जा रहा है, किन्तु उक्त कंपनी के खिलाफ क्या कार्रवाई की जा रही है। इसका जबाव प्रदूषण नियंत्रण अमला भी नहीं दे रहा है। जिम्मेदार अधिकारी मामला गोपनीय बताकर अपने आपको बचने का प्रयास कर रहे हैं। हालांकि आरोप है कि मौजूदा हालात में जिला का प्रदूषण नियंत्रण अमले की कार्यप्रणाली सुर्खियों में है। जिम्मेदार अधिकारी अपने ही कारनामों से चर्चाओं में आ गये हैं।