चंदौली। फैक्ट्री के नाम पर सिंगरौली कोल माइन से चंधासी मंडी तक कोयला पहुंचाने की कोशिश पर जीएसटी टीम ने माफियाओं के मंसूबों पर पानी फेर दिया है . सिंगरौली में हुई जांच में सामने आया कि 38 ट्रकों में लदा कोयला एशिया के सबसे बड़े बाजार में पहुंचाया जाता है । बिल्टी पर कोलमंडी के एक बड़े व्यापारी का नाम मिला है। बुधवार को काला हीरा बाजार में तलाशी टीम ने छापा मारा है। इस दौरान आधा दर्जन व्यापारियों से घंटों पूछताछ की गई। वही दस्तावेजों की जांच करते हुए डिपो में डंप किए गए कोयले का मिलान किया गया। करीब सात घंटे तक टीम के रुकने से बाजार में हड़कंप मच गया। कोयले के लिए विख्यात सिंगरौली क्षेत्र आए दिन चोरी की वजह से यो सुर्खियों में रहता है। दो नंबर का कोयला चंधासी मंडी पहुंचने से पहले GST टीम ने पकड़ लिया है। GST टीम के इस कार्यवाही के बाद पूरे ऊर्जाधानीसहित पूरे उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश हड़कंप मच गया ।
लिंकेज के कोयले से चल रही कालाबाजारी को बड़ी चतुराई से किया जा रहा है. इस खेल को वाराणसी के अधिकांश व्यापारियों का संरक्षण भी मिल रहा है। वाराणसी के व्यापारियों ने औद्योगिक क्षेत्र, रामनगर,चंधासी , जौनपुर में कारखाने स्थापित किए हैं। फैक्ट्रियां चलाने के लिए व्यापारी सरकार की नीति के तहत कोयला मंगवा रहे हैं। सरकार की ओर से छूट पर फैक्ट्री संचालकों को सस्ते दर पर कोयला मिलता है। फैक्ट्री में आने वाले कोयले को माफिया बाजार में बेच देते है। सभी फैक्ट्रियां बिजली से ही चलाई जा रही हैं। ऐसे में फैक्ट्री के लिए आने वाले कोयले को सीधे चंधासी कोल मंडी में रखा जा रहा है. कोयला लेकर 38 ट्रक सिंगरौली से निकला तो जीएसटी टीम ने इसका पर्दाफाश किया। टीम के सदस्यों ने एक-एक कर सभी व्यापारियों के डिपो की तलाशी ली। अब जांच के बाद ही पता चलेगा कि कितने कोयले का भंडार है। टीम ने यह भी चेतावनी दी कि कोयला फैक्ट्री के नाम पर बाहर निकलने पर व्यापारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
फर्जी फर्म थी, रजिस्ट्रेशन तक को खारिज करने के लिए लिखा था
GST को पता लगा कि कोयला खदानों से निकलने वाला कोयला जिसे फैक्ट्रियों में जाना था वह वहां ना जाकर चंदौसी मंडी में खापाया जाता है। इसमें 38 वाहनों की जानकारी थी। लेकिन 17 ट्रक ही पकड़े गए। सभी ट्रक मध्य प्रदेश से सोनभद्र में स्थित भट्टों के लिए जा रही थीं। चार ट्रको में जो बिल बनाया गया वह माबा कोल डिपो का था. इसकी जांच पड़ताल की गई है। बिल्टी फर्जी बनाया गया था। उनका रजिस्ट्रेशन भी रिजेक्शन के लिए लिखा गया है। यह कोयला चंधासी नहीं पहुंच रहा था। कोयला सोनभद्र से मिर्जापुर होते हुए प्रयागराज जाता है। यह आज का नहीं बल्कि पुराना मामला है। वैसे भी हर दिन कोयले की दो-चार ट्रके पकड़ी जा रही हैं।