एनओसी देने में छ: महीने का लगा दिया वक्त
सोन घडिय़ाल अमले ने केवल सैद्धांतिक दिया है एनओसी
सिंगरौली 14 जनवरी। गढ़वा थाना क्षेत्र के देवरा ग्राम के सोन नदी पर पीपा पुल चार महीने पूर्व लगा दिये जाने का निर्देश था। लेकिन सोन घडिय़ाल अमले की घोर लापरवाही सामने आयी है। एनओसी देने में करीब छ: महीने का वक्त लगा दिया। फिर भी अभी तक सैद्धांतिक एनओसी 8 जनवरी को ही मिली है। यदि समय से लोक निर्माण विभाग को एनओसी मिल गयी होती तो शायद पनवार के सोन नदी में नाव डूबने की घटना घटित न होती। आखिरकार इस हादसे का गुनाहगार कौन है? क्या जिला व पुलिस प्रशासन सोन घडिय़ाल अमले के लापरवाहों पर एक्शन लेगा।
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गौरतलब हो कि गढ़वा थाना क्षेत्र के सोन नदी देवरा गांव में पीपा पुल करीब 8 साल से लगाया जा रहा है और यह पीपा पुल सितम्बर महीने से 15 जून तक लगा रहता है ताकि सोन नदी के पीपा पुल से छोटे वाहनों के आवाजाही हो सके। प्रत्येक वर्ष अक्टूबर महीने के बीच में पीपा पुल उक्त नदी पर लगा दिया जा रहा था। लेकिन इस बार लोक निर्माण विभाग के साथ-साथ सोन घडिय़ाल अमले की लापरवाही का खामियाजा अंचल के आमजनों को भुगतना पड़ रहा है। आलम यह है कि जो काम करीब पांच महीने पूर्व होना चाहिए था वह काम आज तक नहीं हो पाया है। हालांकि इसके पीछे कई कारण बताये जा रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक पीडब्ल्यूडी के मैदानी अमले व देवरा, पिपरझर, नौगई, पनवार, अगरहवा सोन नदी के नाविकों के बीच गुप चुप तरीके से समझौता होने के कारण देवरा नदी पर पीपा पुल लगाने के कार्य में हीला-हवाली बरती जा रही थी ताकि इन घाटों के नाविकों की अच्छी खासी कमाई होती रहे। वहीं सोन घडिय़ाल अभ्यारण्य अमले की लापरवाही सामने आयी है।
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कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग सिंगरौली के बातों पर यकीन करें तो पीपा पुल लगाने की मंजूरी देने में सोन घडिय़ाल अमले ने छ: महीने का वक्त लगा दिया है। जबकि पीडब्ल्यूडी से सोन घडिय़ाल अमले को कई बार पत्राचार किये भी गये हैं। बावजूद इसके सोन घडिय़ाल अमला मनमानी करता रहा और एनओसी देने में छ: महीने का समय गुजार दिया। फिलहाल यही कहा जा रहा है कि यदि देवरा सोन नदी पर पीपा पुल समय से लग गया होता तो पनवार के सोन नदी में नाव डूबने की घटना को टाला जा सकता था। मजबूरन लोग नाव का सहारा ले रहे हैं। क्षेत्रीय जनों का मानना है कि इसमें कहीं न कहीं सोन घडिय़ाल के साथ-साथ लोक निर्माण विभाग अमला भी नाव डूबने की घटना का दोषी ठहराया जा सकता है।
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दो बच्चों व महिला के मौत का गुनाहगार कौन?
पनवार सोन नदी में गत रविवार को नाव के डूबने से दो सगे भाईयों के साथ-साथ एक महिला की मौत हो गयी। वहीं मोटर साइकिल भी डूब गयी थी। आरोप है कि यदि देवरा सोन नदी पर पीपा पुल समय पर निर्माण कार्य करा दिया गया होता तो यह हादसा न होता। कहीं न कहीं सोन घडिय़ाल के साथ-साथ लोक निर्माण विभाग की घोर लापरवाही सामने आयी है। वहीं अब इस बात को लेकर क्षेत्र के गणमान्य नागरिक सवाल उठाने लगे हैं कि इन तीन लोगों की हुई जल समाधि के आखिरकार गुनाहगार कौन है? लापरवाहों के विरूद्ध प्रशासन व पुलिस एक्शन ले ताकि दोबारा इस तरह की गलतियां न हों।
जानकारी के मुताबिक देवरा के सोन नदी पर पीपा पुल लगाये जाने के लिए जब स्थानीय जनों की बातों को लोक निर्माण विभाग के अमले ने गंभीरता से नहीं लिया तो परेशान होकर खैड़ार निवासी अनिल चौबे सहित कई ग्रामीणों ने सीएम हेल्पलाईन 181 में शिकायत कर चुके हैं। बावजूद इसके उक्त समस्या का निदान नहीं हो पाया। वहीं खबर है कि लोनिवि के एक कर्मचारी ने शिकायत कर्ता से संपर्क कर सीएम हेल्पलाईन के शिकायत को वापस लेने का प्रयास कर रहा है। जबकि अभी तक पीपा पुल का कार्य आरंभ नहीं हुआ है। शिकायतकर्ताओं ने कहा कि सीएम हेल्पलाईन को भी अब धीरे-धीरे अधिकारी, कर्मचारी नजरअंदाज करने लगे हैं।
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सीएम हेल्पलाईन में भी हो चुकी है शिकायत
सांसद, विधायक ने भी पीडब्ल्यूडी ईई को कर चुके हैं फोन
देवरा गांव के सोन नदी पर पीपा पुल लगाये जाने के लिए सांसद रीती पाठक एवं क्षेत्रीय विधायक अमर सिंह ने कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग के साथ-साथ जिला प्रशासन को करीब 20 दिन पहले फोन कर चुके थे। सांसद, विधायक के पास उक्त समस्या के निदान के लिए कई बार ग्रामीण संपर्क कर अवगत कराये थे। बावजूद इसके पीपा पुल लगाने में लेट लतीफी की जाती रही है।
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इनका कहना है
15 दिन पहले कलेक्टर से मुलाकात कर देवरा सोन नदी पर पीपा पुल लगाये जाने के लिए चर्चा किया था। जहां कलेक्टर ने मेरे ही सामने लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन यंत्री को फोन किये थे। देवरा में पीपा पुल लग गया होता तो शायद पनवार सोन नदी की घटना घटित न होती।
अमर सिंह
विधायक, चितरंगी
इनका कहना है
छ: महीने पहले सोन घडिय़ाल अमले के यहां मंजूरी के लिए पत्र विभाग से भेजा गया था। सैद्धांतिक मंजूरी 8 जनवरी को मिली है। सांसद, विधायक एवं कलेक्टर को मैने 15 दिन पहले ही अवगत करा दिया था। चार,पांच दिन पूर्व सोन घडिय़ाल अमले से परमिशन मिला है कल शुक्रवार से पीपा पुल लगाने का काम शुरू हो जायेगा।
डीएल मरावी
कार्यपालन यंत्री,लोनिवि सिंगरौली