भोपाल– मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपने पूर्व के तीन कार्यकाल की तरह चौथे कार्यकाल में भी पार्टी के सांसदों और विधायकों को सम्मान देने के मूड में दिखाई दे रहे हैं। इसके लिए हुए उन्हें कैबिनेट और राज्यमंत्री का दर्जा देकर महत्वपूर्ण पदों पर बैठा सकते हैं। इससे हुए भाजपा के असंतुष्ट माने जा रहे नेताओं को सत्ता की मुख्यधारा से जोड़ने जा रहे हैं बल्कि आने वाले स्थानीय निकाय और पंचायत चुनाव में बेहतर परिणाम प्राप्त करने के लिए उन्हें एडजस्ट करने की तैयारी भी कर रहे हैं।
इसके लिए शिवराज सरकार ने मध्य प्रदेश सहकारी सोसायटी संशोधन आज 2020 लागू कर दिया है पहले इस संशोधन को विधेयक के रूप में विधानसभा में लाने जा रहे थे किंतु पिछला सत्र स्थगित होने के कारण अध्यादेश के रूप में राज्यपाल की मंजूरी ली गई है। इससे सहकारी बैंक और देवेंद्र सहकारी संस्थाओं में क्षेत्र के सांसदों और विधायकों को अध्यक्ष पद से नवाजा जा जा सकता है। और उन्हें कैबिनेट और राज्यमंत्री का दर्जा भी दिया जा सकता है। ऐसे में विधायक दल बदल कर बीजेपी सरकार को अस्थिर करने का भी प्रयास नहीं करेंगे।
बता दें कि सहकारिता अधिनियम में इस संशोधन के बाद मध्य प्रदेश में स्थित 38 जिला सहकारी बैंक को प्रदेश सहकारी संघ, विपणन संघ, अपेक्स बैंक और लघु वनोपज संघ में विधायकों और सांसदों को प्राथमिक सदस्य बनाकर अध्यक्ष की आसंदी पर पहुंचाया जा सकता है। अधिनियम में संशोधन अध्यादेश के बाद कई विधायकों और सांसदों ने तो प्राथमिक सोसाइटी यों में सदस्यता हासिल करने की तैयारी भी शुरू कर दी है स्पष्ट है कि पार्टी में पनप रहे असंतोष को कम करने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक बड़ा फैसला लिया है। और इससे आने वाले दिनों में 40 से भी ज्यादा पार्टी नेता सरकार की मुख्य धारा से जुड़ सकते हैं इससे न सिर्फ पार्टी को मजबूती मिलेगी बल्कि मार्च के अंतिम सप्ताह या अप्रैल के प्रथम सप्ताह में संभावित प्रदेश के नगरीय निकाय चुनाव में भी अच्छा अच्छी सफलता मिल सकती है।
निगम मंडलों में भी होगी नियुक्तियां सिर्फ इतना ही नहीं प्रदेश के निगम मंडल और आयोग में भी अभी नियुक्तियां होना शेष है जिसमें अध्यक्ष उपाध्यक्ष और सदस्यों के रूप में 50 से ज्यादा भाजपा नेताओं को दायित्व सौंपा जा सकता है संभावना यह भी व्यक्ति की जा रही है कि इसमें मंत्रिमंडल में शामिल होने से वंचित विधायकों और पार्टी संगठन में जिम्मेदारी मिलने से किन्हीं कारणों से चूके हुए वरिष्ठ नेताओं को समायोजित किया जा सकता है पार्टी सूत्रों की मानें तो ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ भाजपा के अंग बनने वाले नेताओं के साथ ही इन्हीं कारणों से विधानसभा उपचुनाव हारने वाले इमरती देवी जैसे पूर्व मंत्रियों को उपकृत किया जा सकता है
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