सीधी– सीधी बाणसागर नहर बस हादसे में कल शुक्रवार को तीसरे दिन रेस्क्यू की टीम को 2 और शव बाणसागर के नहर से प्राप्त हुए हैं। दोनों शवों के चेहरे को मछलियों ने नोच डाला था। परिजनों ने शवों की शिनाख्त कर ली है। जबकि अभी आखिरी एक शव की तलाश जारी है। कल शुक्रवार को 2 और शव मिलने के बाद हादसे में मृतकों की संख्या बढ़कर 53 हो गई है।प्रशासन की सूची के मुताबिक एक युवक अब भी लापता हैं। 96 घंटे बाद शुक्रवार सुबह रमेश विश्वकर्मा (25) और योगेंद्र शर्मा (28) का शव मिला।
नहर में छोड़ा गया था पानीपूर्व से ही प्रशासन को ये विश्वास था अभी तक इस घटना में अप्राप्त 3 लोगों के शव टनल के भीतर फंसे हो सकते हैं जिसको लेकर नहर में बाणसागर बांध से पानी छोड़ा गया। पानी के प्रेशर से लाशें बहकर टनल से निकलीं। दोनों लाशें छुहिया पहाड़ की टनल के दूसरी ओर गोविंदगढ़ में करीब डेढ़ किमी मीटर के दायरे में मिलीं। दोनों ही शव पानी में डूबने के कारण बुरी तरह फूले हुए थे और चेहरे को मछलियां खा गई थीं जिससे प्रथम दृष्टया उन्हें पहचानना मुश्किल हो रहा था। हालांकि परिजन ने शव की पहचान कर ली। एनडीआरएफ और एसडीआऱएफ की संयुक्त टीम सिलपरा और टीकर के पास लापता युवक की तलाश कर रही हैं।
सीधी जिला प्रशासन ने शुक्रवार को बाणसागर डैम से नहर में पानी छोड़ने का निर्णय लिया। इसके बाद फुल प्रेशर से पानी छोड़ा गया। तीन स्थानों टीकर, सिलपरा और टनल के पास रेस्क्यू टीम तैनात थी। चार किमी लंबी टनल में फुल प्रेशर से पानी पहुंचा तो दो लाशें टीकर नहर में टनल से डेढ़ किलोमीटर दूर बहकर आ गईं जिसमें एक की पहचान परिजनों ने रमेश के शव के रूप में की। मूलत: बिहार निवासी रमेश के पिता राजेंद्र सीधी में पीडब्ल्यूडी विभाग में नौकरी करते हैं। उनका परिवार सीधी में नूतन कॉलोनी में रहता है। जबकि दूसरा शव सीधी के पिपरोहर में रहने वाले योगेंद्र उर्फ विकास शर्मा का है। वो एचडीएफसी बैंक में जॉब करते थे। मंगलवार को बैंक के ही काम से सतना जा रहे थे। पिता सुरेश कुमार ने बताया था कि मंगलवार सुबह 9 बजे हादसे की सूचना मिली थी। तबसे परिवार योगेंद्र के मिलने की उम्मीद में सीधी से रीवा जिले की सीमा में नहर किनारे भटक रहा था।
रेस्क्यू टीम ने दिया जांबाजी का परिचय इस पूरे सर्च ऑपरेशन में रेस्क्यू में लगी एनडीआरएफ तथा एसडीआरएफ के दल एवं पुलिस होमगार्ड के जवानों द्वारा लगातार चौथे दिन भी बाणसागर नहर में सर्च ऑपरेशन में जांबाजी का परिचय दिया जा रहा है। शुक्रवार की सुबह रीवा जिले की सीमा में दुर्घटना के शिकार दो अन्य व्यक्तियों का शव प्राप्त हुआ है। एसडीआरएफ के इंस्पेक्टर मयंक तिवारी एवं एनडीआरएफ के इंस्पेक्टर मिथलेश कुमार ने बहादुरी का परिचय देते हुये बाणसागर नहर की लगभग 3 कि.मी. से अधिक लंबी सुरंग को पार किया गया, जिसके विषय में स्थानीय लोगों द्वारा बताया जा रहा था कि सुरंग के निर्माण के बाद में आज तक किसी ने भी उक्त सुरंग को पार नहीं किया है। हालांकि आक्सीजन की कमी सुरंग के दोनों तरफ निकली लोहे की छड़ों एवं चमगादड़ों ने सर्च ऑपरेशन में अवरोध पैदा किया।कलेक्टर रवीन्द्र कुमार चौधरी, पुलिस अधीक्षक पंकज कुमावत तथा अपर कलेक्टर हर्षल पंचोली द्वारा राहत एवं बचाव कार्य की सतत निगरानी की जा रही है।