सीधी – जिला चिकित्सालय में लापरवाही के चलते मौतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। इसके पूर्व में भी एक हफ्ते पहले मिश्रा परिवार के यहां के एक परिजन की लापरवाही के चलते जान चली गई थी। परिजनों ने जमकर हंगामा काटा था, वहीं मारपीट करने तक की नौबत आ गई थी। बीते बुधवार को एक शिक्षक को फिर अस्पताल प्रशासन की लापरवाही का खामियाजा अपनी जान देकर चुकाना पड़ा है। जिनकी महज 53 साल की उम्र में मौत हो गई है।
ये है पूरा मामला
सीधी शहर निवासी जीतेन्द्र प्रसाद सेन जिन्हें कोरोना का पहला टीका विगत हफ्ते लगाया गया था और वो 2 दिन से बीमार चल रहे थे। पीड़ित के परिजनों ने बताया कि वो एक डॉक्टर के बंगले में उपचार करवाने हेतु लेकर गए थे लेकिन उन्होंने जिला चिकित्सालय में उपचार करवाने की सलाह दी जिसके बाद से आनन-फानन में जिला चिकित्सालय में लाकर भर्ती कराया गया।
उपचार करने से नर्स ने किया इनकार
ड्यूटी में तैनात नर्स से पीड़ित के परिजनों ने मिन्नतें करते रहे कि उपचार कर दें लेकिन नर्स ने लापरवाही पूर्वक जवाब देते हुए कहा कि हमारी ड्यूटी खत्म हो गई है जबकि ड्यूटी में तैनात नर्स की ड्यूटी 8 बजे खत्म होती है। ये पूरा मामला 8 बजे से पहले का है। परिजनों ने कहा कि नर्स जा रही थी उसके पीछे पीछे जाकर मिन्नते कर रहे थे कि उपचार कर दीजिए लेकिन नर्स का दिल नहीं पसीजा और उपचार करने से इनकार कर दिया।
पर्चा में लिखी दवाइयां लेकिन पेशेंट को लगी ही नहीं
बताया गया कि पीड़ित शिक्षक को 7:14 पर पर्ची काट के भर्ती करने हेतु बुलाया गया, जहां डॉक्टर के द्वारा इमरजेंसी पीरियड में इंजेक्शन समेत बाटल लगाने के लिए लिखा हुआ था लेकिन नर्स ने कोई भी उपचार नहीं किया। बताया गया कि 7:49 तक परिजन उपचार शुरू करने के लिए नर्स के पीछे पीछे भागते रहे तब तक में पीड़ित की मौत हो चुकी थी। इसी दरमियान 8:12 पर डॉ. रुपेश वर्मा का आगमन हुआ और उन्होंने पेशेंट की मौत का पुष्टि कर दी। उल्लेखनीय है कि इसके पूर्व में भी जिला चिकित्सालय की लापरवाही के कई मामले सामने आये हैं लेकिन दोषी डॉक्टर एवं नर्सों पर आज तक कार्रवाई नहीं हुई है जिसका नतीजा है कि आए दिन स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा ऐसी लापरवाही की जाती है।
शव वाहन के लिए कलेक्टर को करना पड़ा फोन
हैरानी और शर्मनाक बात यहीं नहीं रुकी बल्कि मृतक शिक्षक को मरने के बाद भी शव वाहन उपलब्ध नहीं हो पा रहा था जहां पीड़ित के परिजनों द्वारा शव वाहन के लिए कलेक्टर से गुहार लगाई। जहां कलेक्टर ने नगर पालिका के सीएमओ को शव वाहन उपलब्ध कराने का निर्देश दिए।