सीधी — जिले में रेत खदान से लेकर सड़कों तक रेत माफियाओं का आतंक जारी है यहां रेट की एक टीपी पर कई फेरे लगाने के चक्कर में बेतहाशा स्पीड से रेत से भरे ट्रक खर्राटे मार रहे हैं। हालात यह है कि आए दिन रेत की गाड़ियों की चपेट में आम लोगों की जिंदगी जा रही है। इसके पीछे खादी, खाकी और माफिया के गठजोड़ से इनकार नहीं किया जा सकता बात करें अगर खनिज विभाग की तो खनिज विभाग सिर्फ ऑफिस में बैठकर कोरम पूर्ति और गुलाबी नोटों की गड्डियां बनाने में लगा है। जिसका जीता जागता सबूत यह ट्रक हादसा है जहां एक बेलगाम रेत से लदे ट्रक ने एक और जिंदगी को निगल लिया।
उल्लेखनीय है कि जिले में इन दिनो में खादी,खाकी, जिला प्रशासन और माफिया की सह पर रेत माफियाओं की गुंडई जिले में चरम पर है वही इसका जिम्मेदार आरटीओ विभाग भी है क्योंकि सड़कों पर ओवरलोड बेखौफ वाहन दौड़ रहे हैं लेकिन आरटीओ कभी कोई कार्रवाई नहीं करता है। वहीं सड़कों की हालत दयनीय होती जा रही है। बीते 25 अप्रैल को भी एक रेत की गाड़ी ने बाइक सवार को कुचल दिया है जहां मौके पर ही मौत हो गई है। सवाल यह भी खड़ा होता है कि क्या खादी,खादी,जिला प्रशासन माफिया की जेब में है ?
ये है पूरा मामला
पूरा घटना बीती 25 अप्रैल की है जहां सीधी से मड़वास जाने वाली सड़क में रेत से भरे ओवरलोड ट्रक ने संतोष साकेत निवासी पड़खुरी उम्र 30 साल को ट्रक ने रौंद दिया है जहां मौके पर ही बाइक सवार युवक की मौत हो गई है। जहां गुस्साए परिजनों तथा ग्रामीणों ने सीधी मड़वास मार्ग में चक्का जाम कर दिया था और घंटो पूरा मार्ग अवरुद्ध रहा। ग्रामीणों ने मांग किया कि मृतक कि 3 बच्चियां है और उनके परिवार को देखभाल तथा आजीविका चलाने के लिए कोई नहीं है इसलिए शासन त्वरित उचित मुआवजा दे और रेत माफियाओं की गाड़ी पर कार्रवाई करें। वही यह पूरी घटना दोपहर 2:00 बजे की बताई जा रही है। वही बात करें अगर सड़क दुर्घटनाओं की तो रेत के ओवरलोड फर्राटे भर्ती ट्रकों से बीते कुछ दिनों में आधा दर्जन के लगभग मौत हो चुकी है बता दे इंडेट माफियाओं की गाड़ियां गाड़ियों के नंबर में टेप तथा प्लास्टिक की पन्नी से नंबर को ढककर सड़कों पर फर्राटे भर रही है। जहां ना तो खनिज विभाग की नजर जा रही है और ना ही आरटीओ विभाग की देखना यह होगा कि प्रशासन कब जाता है। हालांकि पूरे मामले में पुलिस ने जांच कर कार्रवाई कर रही है।
आने वाला वक्त इन्हें नहीं करेगा माफ
चर्चित विधायक जाति पात की नफरत फैलाकर अपनी राजनीति चमका रहे है। जिलेभर में नदियों से रेत का उत्खनन वे दस्तूर जारी है लेकिन सीधी जिले के जनप्रतिनिधियों कौन सब कुछ ठीक-ठाक लग रहा है यहां लगातार मजदूरों का पलायन हो रहा है कोरोना काल के बाद से वापस आए लोग रोजगार नहीं मिलने के चलते वापस जाने को मजबूर है उन्हें जिले में काम नहीं मिल रहा इसके उलट रेत माफिया नदियों से चैन माउंटेन लगाकर लगातार रेत का उत्खनन कर रहे हैं अब यदि रेत की निकासी इन मजदूरों के जरिए होती तो इन्हें जीवन जीने का सहारा मिल जाता लेकिन विधायक जी आने वाला वक्त आप को माफ नहीं करने वाला।