खरगोन। एबी रोड पर सेंचुरी मिल के बाहर आंदोलन कर रहे श्रमिकों को पुलिस और प्रशासन की ज्यादती सहनी पडी। आंदोलनकारियों को जबर्दस्ती उठाकर वाहनों में भरकर यहां से ले जाया गया। गिरफ्तार किए गए लोगों में अनेक महिलाएं शामिल हैं। इन सभी को पुलिस वाहन में भरकर कसरावद भेजा गया है। हालांकि मिल के बाहर मेधा पाटकर और कुछ महिलाएं अब भी धरने पर बैठी है।
दरअसल औधोगिक क्षेत्र की बहुचर्चित सेंचुरी मील के बाहर हडताल कर रहे प्रदर्शनकारीयो के खिलाफ आज जिला प्रशासन ने बडी कार्यवाही करते हुए मेघा पाटकर सहित 330 प्रदर्शनकारी को गिरफ्तार किया। भारी पुलिस बल की मौजूदगी में प्रशासन ने कार्यवाही करते हुए अवैध तरीके से सरकारी जमीन पर अतिक्रमण कर बैठे लोगो को हटाया। इस दौरान मेघा पाटकर सहित मौके पर मौजूद मजदूर ने काफी विरोध किया लेकिन प्रशासन ने एक नही सुनी। हलाकि मेघा पाटकर सहित कुछ महिलाओं को गिरफ्तार करने मे पुलिस को काफी जद्दोजहद करना पढा। औद्योगिक क्षेत्र सत्राटी में स्थित सेंचुरी मील को अब मनजीत मिल सेंधवा ने खरीद लिया है। कसरावद तहसीलदार के द्वारा 4 वर्ष से हडताल कर रहे जनता श्रमिक संगठन को 48 घन्टे का नोटिस दिया गया था लेकिन मील के सामने सरकारी जमीन पर अतिक्रमण कर प्रदर्शन कर रहे जनता श्रमिक संगठन से जुडे मजदूर हटने को तैयार नही थे।
नर्मदा आन्दोलन से जुडी मेघा पाटकर के संगठन से जुड जाने से हडताली मजदूरो ने सेंचुरी के वीआरएस के प्रस्ताव को ठुकरा दिया था। 4 वर्षो से सेंचुरी मिल के सामने मजदूर प्रदर्शन कर रहे थे। अब सेंचुरी प्रबंधन के द्रवारा मंजीत मील सेंधवा को फैक्ट्री को बेची देने बाद फिर से फैक्ट्री शुरू होने की कयावद शुरू हो गई है।
इस पूरे घटना को लेकर एसपी शैलेन्द्र सिंह चौहान ने मीडिया को बताया की सरकारी जमीन पर अवैध तरीके से अतिक्रमण करके सेचुरी मील के बहार मजदूर बैठे थे धारा 248 के तहत 48 घन्टे का नोटिस हटने का दिया था। नही हटने पर कसरावद एसडीएम की अगुवाई में नियमानुसार हटाने की कार्यवाही की गई है। 330 मजदूरो मे 30 से 40 महिलाऐं थी। कार्यवाही के दौरान सहयोग नही करने पर हटाया गया है। सभी हिरासत में लिये मजदूरो और लोगो को एसडीएम कसरावद के यहाॅ पेश कर मुचलके पर छोडा जा रहा है।