इंदौर — मध्यप्रदेश में बार-बार पंचायत चुनाव स्थगित किए जाने को लेकर मध्य प्रदेश हाई कोर्ट सख्त नजर आ रहा है इस मामले में मध्य प्रदेश हाई कोर्ट इंदौर बेंच ने चुनाव आयोग को नोटिस भेजा है इसके साथ ही साथ शिवराज सरकार से भी जवाब तलब किया है वहीं सरकार को 15 दिन में जवाब पेश करना है। सरकार ने कोरोना संक्रमण के नाम पर चुनाव 3 महीने डाल दिए हैं जबकि अधिकांश पंचायतों का कार्यकाल पूरा हो चुका है कोर्ट ने चुनाव की तारीख बार-बार टालने पर ऐसा निर्णय लिया है,जिसके बाद राजनीतिक गलियारे मे हड़कंप मच गया है ।
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बता दें कि पंचायतों के विकास कार्य पूरी तरह से ठप पड़े हैं।इसके बावजूद पंचायत चुनाव पर रोक लगाई जा रही है। शहरी क्षेत्र से जुड़ी पंचायतों में टाउन शिप बिल्डिंग आज की भी अनुमति 30 तारीख को में ही दिए जाने का काम किया जा रहा है याचिकाकर्ता तोलाराम की ओर से अधिवक्ता प्रतीक महेश्वरी ने याचिका दायर की है। इस मामले में एक जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए इंदौर हाई कोर्ट ने सरकार को नोटिस भेजा है इंदौर हाई कोर्ट द्वारा पूछा गया कि जब प्रदेश में 28 सीटों पर उपचुनाव कराया जा सकता है तो पंचायत चुनाव कराने में देरी क्यों हो रही है पंचायत चुनाव की तारीख बार-बार टलने से ग्रामीणों में काफी निराशा नजर आ रही है। जब चुनाव को लेकर आयोग कह चुका है कि चुनाव कराने की उसकी पूरी तैयारी है।
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बता दें कि जनहित याचिका में कहा गया था कि महामारी के नाम पर सरकार पंचायत चुनाव टाल रही है लेकिन प्रदेश में विधानसभा सीटों पर उपचुनाव करवाए गए हैं इस मामले में अब हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार को आदेश दिया है कि वह प्रदेश में जल्द पंचायत चुनाव करवाएं कोर्ट के इस फैसले से जनता सहमत दिखाई दे रही है। संविधान के मुताबिक कार्यकाल समाप्त होने से पहले ही पंचायत चुनाव करवाए जाने चाहिए इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में भी स्पष्ट किया जा चुका है कि ग्राम पंचायत राज्य सरकार के अधीन संस्थाओं में नहीं सम्मिलित होती है ऐसी स्थिति में राज्य सरकार द्वारा ग्राम पंचायतों की केवल मॉनिटरिंग की जा सकती है बल्कि पंचायत चुनाव के फैसले नहीं कर सकती।
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बतला दे कि प्रदेश में कोरोना की स्थिति को देते हुए लगातार पंचायत चुनाव को टाला जा रहा है जनहित याचिका में कहा गया कि शहरों के मुकाबले गांव में कोरोना महामारी के संक्रमण कम है ऐसी स्थिति में जल्द ही प्रदेश में पंचायत चुनाव करवाए जाने चाहिए । इधर इस मामले में चुनाव आयोग कह चुका है कि प्रदेश में चुनाव कराए जाने की तैयारी पूरी है। कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद आम लोगों में चुनाव को लेकर अब उत्साह दिखाई दे रहा है।
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