मानवता को शर्मसार कर देने वाली इस घटना का अस्पताल प्रबंधन बना मूक दर्शक
अलीराजपुर. सरकार गांव में लोगों को बेहतर चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने के लिए 108 एंबुलेंस सेवा चला रही है. ताकि आपात काल में लोगों को समय से अस्पताल पहुंचा सके, लेकिन धरातल पर हकीकत शुक्रवार को कुछ और ही दिखी. जी हां अलीराजपुर के खट्टाली गांव की एक महिला प्रसव पीड़ा से तड़पती रही। कई बार परिजनों ने 108 एम्बुलेंस को फोन भी लगाया बावजूद इसके एंबुलेंस नहीं पहुंची।महिला के प्रसव पीड़ा को देखते हुए परिजनों ने पैदल ही अपने घर से खट्टाली के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र आ रहे थे तभी खट्टाली बायपास मार्ग पर पहुचे ही थे कि रास्ते मे ही प्रसव हो गया। रास्ते मे महिला की प्रसव होने की खबर मिलते ही आसपास की महिलाओ ने घेरा बनाकर रास्ते में ही उसका प्रसव कराया। प्रसव के बाद पीड़िता के पति जब स्वास्थ्य केंद्र पर पहुच कर पीड़िता को लाने के लिए साधन की मांग की लेकिन स्वास्थ हमला वाहन नहीं होने का हवाला देकर अपना पल्ला झाड़ लिया ऐसी स्थिति पर प्रसूता पति परेशान होकर भटक रहा था इसी दौरान खट्टाली पुलिस चौकी पर पदस्थ गुमान सिंह चौहान व नगीन सिंह कटारा ने मदद की और सब्जी ठेला उपलब्ध कराया तब कहीं जाकर प्रसूता को सब्जी ठेला से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया गया। प्रसूता ने एक बेटे को जन्म दिया वही जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ व सुरक्षित हैं।
यदि यह कहें कि मध्य प्रदेश में आए दिन इस तरह की खबरें देखना अब आम बात हो चुकी है पूरी स्वास्थ्य व्यवस्था आईसीयू में है। जिसके चलते महिला को हाथ ठेले पर अस्पताल पहुंचाना पड़ा, देरी के चलते रास्ते में ही प्रसूता की डिलीवरी हो गई. मानवता को शर्मसार कर देने वाली इस घटना का अस्पताल प्रबंधन मूक दर्शक बना रहा.अलीराजपुर जिला चिकित्सालय में ऐसी अव्यवस्थाएं आए दिन सामने आती रहती हैं, कभी जननी एक्सप्रेस नहीं मिलने से महिला को ठेले पर पहुंचाना पड़ता है, तो कभी शव वाहन नसीब नहीं होता है. ऐसे में स्वास्थ्य सेवाएं कब तक पटरी पर आएंगी यह कहना बहुत मुश्किल है.