सिंगरौली 10 अगस्त। एमपीईबी अमले के एक दिवसीय 24 घण्टे के कामबंद हड़ताल से जिले की अधिकांश बिजली व्यवस्था अस्त-व्यस्त हो गयी। उपभोक्ता, कनिष्ठ अभियंता से लेकर लाइनमैन को फाल्ट की शिकायत दर्ज कराने के लिए घण्टों फोन लगाते रहे। लेकिन हड़ताली एमपीईबी सेवकों ने किसी की एक भी नहीं सुनी। आज पूरे दिन एमपीईबी अमला अपने दफ्तरों के सामने केन्द्र सरकार के नीतियों के विरूद्ध धरने पर बैठ जमकर नारेबाजी की।
यूनाइटेड फोरम फॉर पावर एम्पलाइज एवं इंजीनियर के आव्हान पर एक दिवसीय कार्य बहिष्कार आज 10 अगस्त को किया गया। केंद्र शासन द्वारा विद्युत वितरण कंपनियों के निजीकरण एवं अन्य 18 सूत्रीय मांगों के समर्थन में मध्य प्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड सिंगरौली के समस्त अधिकारियों, कर्मचारियों द्वारा पचखोरा स्थित वृत्त कार्यालय सिंगरौली के परिसर के मुख्य गेट में एकत्रित होकर निजीकरण के खिलाफ आवाज बुलंद करते हुए कार्य बहिष्कार किया गया। जिला मुख्यालय के वृत्त कार्यालय, शहर संभाग बैढऩ, संचालन संधारण संभाग बैढऩ, एसटीएम उपसंभाग के सभी अधिकारी, लाइन एवं कार्यालयीन कर्मचारी उक्त कार्य बहिष्कार में शामिल रहे। इस संबंध में कार्यपालन अभियंता ने बताया कि यूनाइटेड फोरम के प्रदेश स्तरीय पदाधिकारियों द्वारा लिए गए निर्णय अनुसार आज के कार्य बहिष्कार कार्यक्रम में सभी लोग शामिल थे। वहीं यह भी बताया कि उक्त कार्य बहिष्कार में विद्युत केंद्रों से विद्युत प्रदाय निरंतर बनाए रखते हुए विद्युत उपभोक्ताओं को विद्युत सप्लाई दी गई। साथ-साथ शासकीय चिकित्सालय में यदि कहीं विद्युत व्यवधान की स्थिति निर्मित हुई तो उसको मानवता के नाते आवश्यक सुधार कार्य भी किया गया। इस अवसर पर अधीक्षण अभियंता ने कहा कि यह निजीकरण विद्युत अधिकारियों, कर्मचारियों के साथ-साथ विद्युत उपभोक्ताओं के लिए भी हानिकारक है। आज शासन, विद्युत विभाग की प्राथमिकता विद्युत उपभोक्ताओं की सुविधा पहले है। विद्युत कंपनी का मुनाफा बाद में है, लेकिन यदि यह कंपनी प्राइवेट कंपनी हो जाएगी तो निजी विद्युत कंपनी का पहला उद्देश्य खुद का लाभ रहेगा उसके बाद उपभोक्ता सेवा रहेगी। निश्चित रूप से यदि यह व्यवस्था लागू होगी तो विद्युत उपभोक्ताओं को जो सुविधाएं आज आसानी से मिल पा रही हैं बाद में इन सुविधाओं के लिए काफी परेशान होना पडेगा । आज उक्त कार्य बहिस्कार का प्रभाव जिले के समस्त विद्युत कार्यालयों में रहा। जिस कारण विद्युत कार्यालय में पहुंचने वाले विद्युत उपभोक्ताओं की विद्युत प्रदाय संबंधी एवं बिद्युत बिलों संबंधी शिकायतों की सुनवाई नही हो सकी। जिले के सभी कार्यालय के मुख्य गेट में ताला बंद रहा।
हड़ताल में ये अधिकारी रहे शामिल
यूनाइटेड फोरम फॉर पावर एम्पलाइज एवं इंजीनियर के आव्हान पर एक दिवसीय 24 घण्टे कार्य के बहिष्कार में अधीक्षण अभियंता एसपी तिवारी, कार्यपालन अभियंता अजीत सिंह बघेल,सहायक अभियंता अवनीश कुमार सिंह, उपेन्द्र यादव,जनमेजय सिंह,गौरव कुमार पांडेय,कनिष्ठ अभियंता तरूण कुमार मोदी, विशाल आनंद,संदीप विश्वकर्मा,माता प्रसाद शाह, परशुराम कुशवाहा,परीक्षण सहायक दुष्यंत सिंह, सुरेश प्रसाद मिश्रा, राजेश कुमार चर्मकार,कार्यालय सहायक एसपी तिवारी,सुरेश तिवारी,आरएम श्रीवास्तव,यूएम मिश्रा,एमपी मिश्रा,लाईन परिचारक पन्नालाल जायसवाल, उग्रभान विश्वकर्मा, धानेन्द्र सिंह, राज कुमार बियार,जितेंद्र द्विवेदी, रामलाल तिवारी,नेतलाल शाह,आउटसोर्स सुनील शाह,अनिल शाह एवं अन्य एक सैकड़ा अधिकारी, कर्मचारी, संविदा एवं आउट सोर्स सहित मौजूद रहे।
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