भोपाल — हमारे देश में बाबू और बड़ा बाबू होना खुद में धमक और धौंस का प्रतीक है. बाबू बनते ही लोगों के तेवर बदल जाते हैं. इस बीच सरकार ने लिप की संवर्ग में भर्ती की शैक्षणिक योग्यता हायर सेकेंडरी की जगह स्नातक करने का फैसला लेने जा रही है इसके लिए सरकारी नौकरियों में भर्ती के 45 साल पुराने नियमों में बदलाव किया जाना प्रस्तावित है इसके साथ ही ना पीएससी से नौकरी में आने वाले कर्मचारियों को शुरुआत से 100 फ़ीसदी वेतन दिया जाएगा।
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सरकारी दफ्तर में बाबू बनने की राह अब आसान नहीं रहेगी इसके लिए ग्रेजुएट होना आवश्यक हो जाएगा इन मामलों को कैबिनेट में पारित कर गजट नोटिफिकेशन कर लागू किया जाएगा बता दें कि तत्कालीन कमलनाथ सरकार ने कर्मचारियों से संबंधित एक फैसला लिया था जिसके अनुसार नान पीएससी से भर्ती होने वालों को 3 साल तक मानदेय दिया जाएगा इस अवध में नौकरी जाने पर कर्मचारी किसी तरह से महंगाई भत्ता और वेतन वृद्धि का क्लेम नहीं कर पाएगा।
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इस व्यवस्था से पहले साल में 70% दूसरे साल में 80% तीसरे साल में 90% मानदेय देने का प्रावधान था कर्मचारियों को 4 साल की नौकरी होने पर 100 फ़ीसदी वेतन दिए जाने का प्रावधान था यह व्यवस्था 1 साल पहले लागू की गई थी नए प्रस्ताव के हिसाब से इसमें अहम बदलाव किया जा रहा है और नौकरी में आने की तारीख से कर्मचारी की जिस स्कूल में भर्ती होती है उसे पूरा वेतन दिया जाएगा।
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इधर सरकारी नौकरी में भर्ती के 45 साल पुराने भर्ती नियमों में भी बदलाव किया जाना प्रस्तावित है 1976 में बनी सेवा भर्ती नियमों के हिसाब से लिपटी संवर्ग में भर्ती की शैक्षणिक योग्यता हायर सेकेंडरी निर्धारित है उसमें सरकार बदलाव कर ग्रेजुएट किया जा रहा है इन दोनों अहम मामलों को लागू किए जाने के लिए कैबिनेट में प्रस्ताव लाया जाएगा जहां से पारित होने के बाद गजट नोटिफिकेशन कर नई व्यवस्था को लागू कर दिया जाएगा संभवत अगले महीने फरवरी में इस मसले पर महत्वपूर्ण निर्णय लिया जा सकता है।
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कोरोना संकट की वजह से यह व्यवस्था पिछले साल लागू नहीं हो पाई है लेकिन इसे अगले वित्तीय वर्ष में लागू किया जाना तय है। इस काम के लिए सरकार को ग्रेजुएट और कंप्यूटर में दक्ष कर्मचारियों की जरूरत है इस वजह से 1976 में बने नियमों में बदलाव किया जा रहा है। इसके लिए राज्य सरकार ने अपर मुख्य सचिव एनवीडीए आईसीपी केसरी की अध्यक्षता में काडर रिस्ट्रक्चरिंग के लिए कमेटी गठित की है इसमें प्रमुख सचिव जीएसडी कार्मिक दीप्ति गौड़ मुखर्जी सदस्य है। इस समिति का सदस्य सचिव रूही खान को बनाया गया है।
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बताया जा रहा है किस समिति ने अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट कर्मचारियों से मिले सुझाव के बाद तैयार कर ली है इसमें अहम सुझाव यह था कि लिपिकीय संवर्ग में होने वाली 90 फ़ीसदी से ज्यादा भर्तियों में जो कर्मचारी आ रहे हैं वह ग्रेजुएट है इसलिए आगे भर्ती नियमों में उड़ता स्नातक करना उचित होगा इन सभी पहलुओं का परीक्षण कर अंतिम रिपोर्ट सरकार को सौंपी जाएगी जिसे सामान्य प्रशासन विभाग कैबिनेट में रखेगा जहां से चर्चा के बाद मंजूरी मिलेगी।
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