आए दिन राजनीतिक पार्टियां महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष करती हैं प्रदर्शन
सीधी — भारत को आजादी दिलाने वाले एवं अहिंसा के पुजारी रहे महात्मा गांधी के नाम पर राजनीतिक पार्टियां जो सदा से ही अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकती रही हैं वहीं उनके प्रतिमा के समक्ष धरना प्रदर्शन करने की हद को लांघते हुए पुतला दहन करने सहित उग्र विरोध प्रदर्शन करना शुरू कर दी हैं। जबकि गांधी जी ने सदैव संदेश दिया था कि किसी के खिलाफ उग्र या स्तरहीन विरोध नहीं होना चाहिए। बावजूद इसके सीधी शहर में गांधी जी की प्रतिमा के समक्ष ही राजनीतिक पार्टियां स्थल का चयन क्यों करती हैं यह सवाल खुद उठ रहा है ? वैसे भी देखा जाये तो सीधी शहर का गांधी चौराहा सबसे व्यस्ततम जगह है जहां कि भीड़भाड़ हरदम लगी रहती है। इस चौराहे में प्रदर्शन के कारण आवागमन भी प्रभावित होता है। पुलिस को भी काफी परेशानी उठानी पड़ती है। इन सबके बावजूद भी गांधी जी के प्रतिमा के समक्ष सर्वाधिक प्रदर्शन भाजपा एवं कांग्रेस के नेता ही करते देखे जाते हैं। जहां एक-दूसरे के खिलाफ पुतला दहन तो कहीं अन्य आंदोलन को लेकर गांधी जी की प्रतिमा के समक्ष ही अधिकांश ऐसे राजनीतिक प्रदर्शन होते हैं। इससे आवागमन भी प्रभावित हो रहा है।
प्रदर्शन के दौरान भी एक माला तक नहीं चढ़ाते
गांधी जी की प्रतिमा के समक्ष प्रदर्शन करने वाले राजनीतिक दल अपना उल्लू सीधा करके तो चले आते हैं परंतु कभी भी वो नियमित तौर पर या अपने प्रदर्शन के वक्त पर भी उनकी प्रतिमा पर एक माला पहनाना तक उचित नहीं समझते हैं, जबकि प्रदर्शन के दौरान उनकी प्रतिमा के ठीक नीचे पूरी दुहाई गांधीवादी सिद्धांतों को ही देते हैं। इस मामले में ‘विन्ध्य न्यूज’ ने जिले के राजनीतिक दलों के लोगों से इसकी जब वजह जाननी चाही तो उनका कहना समझ से परे और कुछ इस तरह था।
बापूजी तक संदेश पहुंचना है जरूरी : इन्द्रशरण
भाजपा जिलाध्यक्ष इन्द्रशरण सिंह चौहान ने कहा कि बापूजी तक संदेश चला जाये इसलिए कि आज जो अन्याय हो रहा है उन्हे भी यह जानकारी हो, इसी वजह से हम लोग धरना प्रदर्शन उनके प्रतिमा के सामने करते हैं। उन्होने कहा कि ये तो सही है कि बापूजी अहिंसा के पुजारी थे। हम भी यह मानते हैं कि उन्ही के मार्गदर्शन में हर पार्टियों को चलने की जरूरत है। लेकिन जो विसंगतियां दूसरे पार्टी के नेता कर रहे हैं इसका संदेश बापूजी तक जाये इसलिए वहां पर धरना करना जरूरी रहता है। उन्होने कहा कि लोकतंत्र में ये सब जायज रहता है।
धरना का कोई निर्धारित अड्डा न बनाया जाय : बाबा
जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रूद्र प्रताप सिंह बाबा ने कहा कि धरना के लिए कोई निर्धारित अड्डा न बनाया जाये। उन्होने कहा कि मेरे समझ से लोग ऐसा समझते हैं कि गांधी चौराहा सार्वजनिक जगह है। जहां कि लोगों की भीड़ रहती है जिस वजह से लोग वहां धरना प्रदर्शन करते हैं। लेकिन कोई निर्धारित अड्डा न बनाया जाये, भीमराव अम्बेडकर जी चौराहा पर भी प्रदर्शन का आयोजन होता है। उन्होने कहा कि गांधी जी अहिंसा के पक्षधर थे। राजनीति से ऊपर उठकर कोई भी दल उनके खिलाफ नहीं जाते हैं। देश के प्रति बापूजी के लिए आस्था बनी है। गांधी जी आजादी के सूत्रधार हैं। उन्होने कहा कि भीड़भाड़ जगह के कारण लोग स्थल को चयनित करते हैं।
दिखाने की राजनीति कर रही भाजपा, कांग्रेस : आनंद
भाकपा जिला सचिव काम. आनंद पाण्डेय ने कहा कि वर्तमान में भाजपा एवं कांग्रेस में महापुरूषों के प्रति कोई आस्था नहीं है। देश को दिखाने की राजनीति कर रहे हैं। हम तो गांधी को मानते हैं, देश को आजाद कराने में उन्होने महती भूमिका निभाई है। गांधी एक अहिंसावादी थे, वहां चौराहा बना उनकी प्रतिमा लगी लेकिन उनका इस्तेमाल राजनीतिक पार्टियां धरना प्रदर्शन के रूप में कर रही हैं, मेरे विचार से गलत है।
गांधी का सम्मान करना सभी का दायित्व : उमेश
रोको टोको ठोको क्रांतिकारी मोर्चा के जिला संयोजक उमेश तिवारी ने कहा कि महात्मा गांधी किसी दल के नेता नहीं थे। उनका सम्मान तो सभी दलों को करना ही चाहिए। उन्हे मुद्दा बनाकर, माला पहनाकर विरोध प्रदर्शन उनके प्रतिमा के सामने करना मेरे हिसाब से गलत है। हम इसके पक्षधर नहीं है। मेरे हिसाब से गांधी जी ये कभी नहीं चाहते थे कि कोई धरना प्रदर्शन करें लेकिन आज कुछ राजनीतिक पार्टियां उन्हे मुद्दा बनाकर इस्तेमाल कर रहे हैं वह बिल्कुल की गलत है मैं तो इसका विरोध करता हूं।
बापूजी की प्रतिमा के सामने प्रदर्शन करना दुर्भाग्यपूर्ण : विवेक
शिवसेना के जिलाध्यक्ष विवेक पाण्डेय ने कहा कि बड़ी दुर्भाग्य की बात है कि गांधीजी की प्रतिमा के सामने उग्र प्रदर्शन राजनीतिक पार्टिंयां करती हैं। हम तो इसके पक्षधर नहीं हैं। हम भी आंदोलन करते हैं लेकिन कभी बापूजी के समक्ष प्रदर्शन नहीं करते हैं। हालांकि हमारे पार्टी की विचारधारा भगत सिंह की है फिर भी देश को आजादी दिलाने के लिए गांधी जी को मानते हैं। हमारी विचाराधारा भगत सिंह, आजाद के लिए हैं परन्तु इस देश में गांधी को भी हम सदैव मानते रहे हैं। ऐसे नेता जो गांधी का सहारा लेकर प्रदर्शन करते हैं उनकी प्रतिमा के सामने पुतला दहन करते हैं यह बिल्कुल गलत है।
3 Comments
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