इंदौर।कोरोना महामारी ने कालेजों की परीक्षा का तरीका क्या बदला परीक्षार्थियों की चांदी हो गई। विद्यार्थियों को तो फेल होने के डर से मुक्ति मिल गई है लेकिन एक परीक्षा परिणाम से देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के अधिकारियों का सिर चकरा गया है। दरअसल Shri Gujarati Samaj B Ed College, Indore ने ओपन बुक परीक्षा करा कर एक छात्रा को 400 में से 399 नंबर दे दिए। बीएड पहले सेमेस्टर के रिजल्ट में एक छात्रा को 99.75 प्रतिशत अंक दिए गए है।आज तक के इतिहास में BEd के किसी भी विद्यार्थी ने 400 में से 399 नंबर प्राप्त नहीं किए हैं। गुजराती कॉलेज के प्राचार्य पर पक्षपात और पद के दुरुपयोग का आरोप लग रहा है।
अधिकारी भी मान रहे हैं कि मार्कशीट पर दिए गए अंक व्यवहारिक परीक्षा सिस्टम में संभव नहीं होते। इस अनोखे परीक्षा परिणाम के बाद विश्वविद्यालय में मूल्यांकन सिस्टम में जरुरी बदलावों पर भी विचार करने लगी है। गुजराती समाज B.Ed कॉलेज के प्राचार्य डॉ.किरण दम्मानी का बयान सामने आया है। उनका कहना है कि छात्रा मेधावी है, एक भी आनलाइन क्लास नहीं छोड़ी। कोई बहुत अच्छा लिखता है और उसे पूरे अंक मिले तो हैरानी नहीं होना चाहिए। वैसे भी इस बार ओपन बुक प्रणाली से परीक्षा हुई थी।
उल्लेखनीय है कि कोरोना के कारण विवि ने परीक्षा या टेस्ट नहीं लिया। कालेजों को अधिकार दिए गए थे कि वे आंतरिक मूल्यांकन कर अंक विवि तक भेज दे। कालेजों ने जैसे अंक भेजे जस के तस विवि ने मार्कशीट में चढ़ा दिए। अब जब रिजल्ट घोषित हुए तो विवि के अधिकारी हैरान है। विवि की परीक्षा समिति के सदस्य और स्कूल आफ एजुकेशन के प्रोफेसर डा.लक्ष्मण शिंदे कहते हैं मैंने अपने पूरे करियर में बीएड में कभी भी 99 प्रतिशत या ज्यादा अंकों से पास होते हुए कभी किसी को न देखा न सुना।
शिकायत करने वाले दूसरे कॉलेजों के शिक्षकों का कहना है कि यदि छात्रा सचमुच इतनी ही मेधावी है तो फिर उसका ओपन एलिजिबिलिटी टेस्ट कराया जाना चाहिए। इंदौर के किसी भी ऑडिटोरियम में पांच कॉलेजों के शिक्षक छात्रा से सवाल करेंगे। यदि वह 90% उत्तर देने में सफल रही तो मान लेंगे की गुजराती कॉलेज कि प्रिंसिपल का दावा सही है। नहीं तो छात्रा की भौतिक परीक्षा कराई जाएगी और उसके मूल्यांकन के आधार पर उसका परीक्षा परिणाम घोषित किया जाएगा।
बता दें कि रिजल्ट से स्पष्ट हो रहा है कि संबंधित छात्रा को किसी एक विषय में छोड़कर बाकी सभी में पूरे 100 प्रतिशत अंक मिले होंगे। बीएड में ऐसा लगभग असंभव ही माना जाता है। क्योंकि इस कोर्स मेें पढ़ाए जाने वाले विषय सामाजिक विज्ञान से जु़ड़े और सैद्धांतिक होते हैं। आरोप लग रहे हैं कि कालेजों ने कई विद्यार्थियों को दिल खोल कर शत प्रतिशत नंबर दे दिए।
इनका कहना हैं
छात्रा का परिणाम हैरान कर रहा है। शासन के निर्देश पर जो कालेज ने अंक भेजे विवि ने उसे मार्कशीट में चढ़ा दिया। विवि में हम चर्चा कर रहे हैं कि सभी छात्रों की कापियां और रिकार्ड यहां होना ही चाहिए। ताकि आवश्यकता पड़ने पर मेघावी छात्रों की उत्तर पुस्तिका की जांच हो सके और उसे सार्वजनिक किया जा सके। – प्रो.अशेष तिवारी, परीक्षा नियंत्रक देवी अहिल्या विवि