सिंगरौली — दीपावली के पहले जहां राज्य सरकार ने सभी कर्मचारियों को अक्टूबर 2021 के वेतन के साथ 8% डीए और इंक्रीमेंट 50% देने की घोषणा की थी लेकिन बिजली कंपनियां इस मानने को तैयार नहीं है इससे बिजली कंपनियों की संवेदनशीलता और हठधर्मिता खुद ही स्पष्ट होती है कि वह अपने कर्मियों के हितों की परवाह नहीं करते। बिजली कर्मचारियों के द्वारा अनिश्चितकालीन हड़ताल के बाद अब लोगों को डर सताने लगा है कि क्या सिंगरौली जिला अंधेरे में डूब जाएगा या फिर बिजली व्यवस्था इस कदर बे पटरी हो जाएगी जिसकी लोग कल्पना मात्र से परेशान हो उठते हैं।
बता दें कि 1 नवंबर से जिले के सभी बिजली कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जा रहे हैं यह हड़ताल मध्य प्रदेश यूनाइटेड फोरम फॉर पावर एंप्लाइज एवं इंजीनियर सके जिला संयोजक इस अनिश्चितकालीन हड़ताल की रूपरेखा तैयार की है और कलेक्टर को सूचना भी दी है। बिजली कर्मचारियों ने सूचना पत्र में कहा है कि दिए और इंक्रीमेंट के मामले को लेकर 26 अक्टूबर को ऊर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर ने 27 अक्टूबर को कंपनी प्रबंधन से भी चर्चा हुई थी। इसके बाद भी समस्या का कोई हल नहीं निकाला गया जिसके कारण फोरम बिजली कर्मियों की इस मांग को लेकर 1 नवंबर से कार्य बहिष्कार कर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने के लिए विवश हो गया है इस अनिश्चितकालीन हड़ताल के कारण हर जिले की तरह सिंगरौली जिले के लिए भी एक बड़ी चिंता का विषय है।
कर्मियों के इस हड़ताल से निश्चित तौर पर बिजली व्यवस्था बाधित होंगी वजह यह है कि इस बार बिजली कर्मियों ने सिर्फ सामान ही नहीं बल्कि बिजली से जुड़ी आपातकालीन सेवाओं और कंप्लेन के निराकरण से भी किनारा करने का निर्णय किया है नतीजा इससे व्यवस्थाएं पूरी तरह से बदहाल हो सकती है और हालत बेहद गंभीर बन सकते हैं। अब देखना होगा की आने वाली दिवाली में बिजली कितनी आंख मिचौली करती है या फिर पूरा ब्लैकआउट ही हो जाएगा।
कार्य बहिष्कार अनिश्चितकालीन हड़ताल
* कोई कर्मी ड्यूटी पर तो नहीं जा रहा है इसकी निगरानी करने फोरम की संभागी डिविजनल स्तर पर गठित टीमें करेगी ।
* किसी भी अधिकारी कर्मचारी को बिजली कार्यालय में जाकर उपस्थिति नहीं दर्ज करना है।
* 1 नवंबर को सभी उपकेंद्र हुआ शिफ्ट ड्यूटी की सुबह 8:00 बजे की पाली और इसके बाद कोई भी ऑपरेटर अपनी ड्यूटी पर उपस्थित नहीं होगा
* विद्युत शिकायत निवारण विद्युत व्यवधान पर लाइन सुधार कार्य समेत किसी भी प्रकार की आपातकालीन सेवाओं के काम इस बीच नहीं किए जाएंगे।
* उपचुनाव वाले क्षेत्रों में चुनाव ड्यूटी में लगे अधिकारियों कर्मचारियों को 2 नवंबर तक कार्य बहिष्कार हड़ताल से मुक्त रखा गया है।