सीएमएचओ दफ्तर से पुलिस ने मांगी जानकारी,अब तक नहीं पहुंची खुटार पुलिस तक जानकारी, लैब टेक्नीशियन को दोषी ठहराने की साजिश
सिंगरौली 20 सितम्बर। आए दिन विवादों में रहने वाला जिला स्वास्थ्य महकमा एक बार फिर विवादों में घिरता नजर आ रहा है। इस बार कोरोना कॉल में लापरवाही को लेकर BMO के खिलाफ मामला दर्ज हुआ था जहां इस पूरे मामले को लेकर सीएमएचओ से प्रशासन ने जवाब तलब किया था लेकिन अब पूरा स्वास्थ्य महकमा बीएमओ को बचाने में जुट गया है! सूत्रों की माने तो अब सीएमएचओ बीएमओ पर मेहरबानी दिखाते हुए एक टेक्नीशियन को बलि का बकरा बनाने की साजिश रच रहे हैं!
बता दे किं जुलाई महीने के प्रथम सप्ताह में कोविड-19 जैसे मामले में तत्कालीन सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के बीएमओ डॉ.अभिरंजन सिंह ने धोखाधड़ी किया था। जहां सीएमएचओ ने उनके विरूद्ध कोतवाली बैढऩ में एफआईआर कराया था, लेकिन अब उक्त अपराध के खात्मा लगाने की कवायदें भी शुरू हो गयी हैं ! हालांकि अभी सीएमएचओ दफ्तर से पुलिस के सवालों का जबाव लिखित तौर पर नहीं किया गया है। जिसके चलते मामला अभी लटका हुआ है। प्रथम दृष्टया में बात सामने निकलकर आ रही है कि संभवत: पुलिस भी इसी हिसाब से चल भी रही है। दरअसल हुआ यूं था कि सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र खुटार के बीएमओ डॉ.अभिरंजन सिंह सीएमएचओ को वगैर किसी प्रकार की सूचना दिये 23 जून को बैढऩ-खुटार से यूपी के बलिया परिवार के साथ चले गये थे। चिकित्सक 1 जुलाई को बलिया से वापस आ गये। सिंगरौली वापस आने के बाद चिकित्सक एवं उनके पत्नी व भतीजों की तबियत बिगडऩे लगी। सूत्र बताते हैं कि चिकित्सक अपनी बीएमओ के कुर्सी बचाने के लिए ऐसा षड्यंत्र रचा कि खुलासे के बाद जिले का सरकारी तंत्र भी हदप्रद रह गया। बीएमओ उनकी पत्नी व दो भतीजे कोरोना पॉजीटिव हो गये थे, लेकिन उन्होंने नाम छिपाते हुए घर में काम करने वाली बाई, उसके पति व उसके बच्चों का नाम दर्ज करा दिया और जब उक्त महिला को आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कराने लाया गया तब चिकित्सक का पूरा करामात व करतूत सामने आ गयी!
बवाल से बचने के लिए साफ-सफाई कर्मी महिला को कोविड वार्ड से मुक्ति दी गयी। चिकित्सक के इस करतूत का मामला जब सामने आया तो तत्कालीन सीएमएचओ डॉ.आरपी पटेल ने कोतवाली बैढऩ में बीएमओ डॉ.अभिरंजन सिंह के विरूद्ध एफआईआर दर्ज कराया। कोतवाली पुलिस ने सीएमएचओ के प्रतिवेदन के आधार पर चिकित्सक के खिलाफ भादवि की धारा 269,270,271, 419, महामारी अधिनियम 1897 की धारा 3,4 तथा आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 51,52,54 के तहत अपराध पंजीबद्ध किया था। वहीं अपराध पंजीबद्ध होने के बाद तत्कालीन सीएमएचओ ने डॉ.अभिरंजन सिंह को बीएमओ पद से हटाते हुए खुटार सीएचसी में पदस्थ डॉ.महेन्द्र पटेल को बीएमओ पद का जिम्मा सौंप दिया था। अब जब चिकित्सक कोविड से ठीक होकर लौटे तो उन्हें बीएमओ पद की खुमारी फिर से चढ़ गयी। सूत्र बताते हैं कि जैसे ही नवागत सीएमएचओ डॉ.एनके जैन ने पदभार ग्रहण किया। चंद दिनों में ही दागी चिकित्सक को फिर से बीएमओ के पद से नवाज दिया गया। ऐसे में बीएमओ अब खुद को दर्ज अपराध से मुक्ति पाने के लिए हर संभव कोशिश कर रहा है।
चर्चाओं के मुताबिक इस पूरे मामले में खुटार के लैब टेक्रिशियन को दोषी माना जा रहा है। जबकि कोविड-19 के सेम्पलों की रिपोर्ट बीएमओ के निगरानी व देख-रेख में जिला चिकित्सालय में भेजे जाते हैं। सवाल उठाया जा रहा है कि यदि लैब टेक्नीशियन ने सेम्पलों की गलत सूची भेजा तो बीएमओ ने चेक क्यों नहीं किया, जब वे खुद बीमार थे तो सेम्पल देकर सूची चेक करने की जहमत क्यों नही उठाये? ऐसे ही कई तीखे उलझाऊ सवाल हैं जिसका ठोस जबाव भी स्वास्थ्य महकमे के पास नहीं है। फिलहाल मामला जब एक बार फिर से गरमाने लगा है तो वहीं चर्चाओं के मुताबिक उक्त प्रकरण के खात्मा के लिए कवायदें जोर-शोर से चल रही हैं। ००
पुलिस के सवालों का नहीं आया जबाव सूत्रों के मुताबिक खुटार पुलिस चौकी प्रभारी ने उक्त मामले की विवेचना कर रहे हैं। जहां सीएमएचओ से जानकारी मांगी गयी है कि तत्कालीन बीएमओ डॉ.अभिरंजन सिंह 23 जून से 1 जुलाई तक अवकाश पर थे या नहीं यदि अवकाश पर थे तो स्वीकृत आवेदन पत्र की छायाप्रति उपलब्ध करायें। इसके अलावा अन्य कई बिंदुओं पर आधारित पुलिस ने जानकारी मांगी है। जहां अभी तक सीएमएचओ दफ्तर से जबाव नहीं पहुंचा है। चर्चाओं के मुताबिक इसके लिए कसरत भी खूब किये जा रहे हैं, ताकि बीएमओ को क्लीन चिट मिल जाय। फिलहाल बीएमओ उक्त अवधि के दौरान अवकाश स्वीकृत कराने के लिए हाथ-पैर खूब चला रहा है।
सीएमएचओ का खेल— प्रभार पहले कार्यमुक्त बाद में मौजूदा सीएमएचओ डॉ.एनके जैन की भी काली करतूत सामने आ गयी है। सूत्र बताते हैं कि सीएमएचओ ने चिकित्सक अभिरंजन सिंह पर बड़ा दिल दिखाया है। पदभार ग्रहण करने के चंद दिनों बाद ही 4 सितम्बर को बीएमओ सीएचसी खुटार का प्रभार सौंपने के आदेश जारी कर दिये गये। पत्र में इस बात का कहीं जिक्र नहीं है कि खुटार के बीएमओ डॉ.महेन्द्र पटेल दो साल के लिए बाहर प्रशिक्षण में जा रहे हैं। सूत्र यहां तक बता रहे हैं कि बीएमओ का प्रभार 4 सितम्बर को देने का आदेश जारी हुआ। जबकि डॉ.महेन्द्र पटेल को 8 सितम्बर को खुटार से प्रशिक्षण के लिए कार्यमुक्त किया गया। ऐसे में सीएमएचओ की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठ रहे हैं कि जब डॉ.महेन्द्र पटेल 7 सितम्बर तक सीएचसी खुटार में मौजूद थे तो उन्हें 4 सितम्बर को ही बीएमओ का प्रभार देने का आदेश जारी क्यों कर दिया सीएमएचओ भी इस मामले में गोलमाल जबाव दे रहे हैं। चर्चाओं के अनुसार एक विवादित लिपिक के जाल में सीएमएचओ फस चुके हैं।