Business Idea: घरेलू नुस्खे सहित सभी आयुर्वेदिक दवाइयों में तुलसी का विशेष महत्व है ऐसे में अब बाजार में तुलसी की मांग बढ़ रही है। आजकल इम्युनिटी पावर बढ़ाने के लिए लोगों में काफी जागरूकता है, ऐसे में जोरो शोर से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए आयुर्वेदिक और प्राकृतिक दवाएं बनाई जा रही हैं, जिसमें तुलसी का भी खूब इस्तेमाल किया जाता है। इसलिए तुलसी की मांग काफी बढ़ गई है। इतना ही नहीं आजकल लोग घर में तुलसी का खूब इस्तेमाल कर रहे हैं। ऐसे में तुलसी खेती का आप मात्र 3 से 4 महीने में लाखों रुपए कमा सकते हैं।
आमतौर पर तुलसी को धार्मिक मामलों से जोड़कर देखा जाता है लेकिन, मेडिसिनल गुण वाली तुलसी की खेती से कमाई की जा सकती है. तुलसी के कई प्रकार होते हैं, जिनसे यूजीनोल और मिथाईल सिनामेट होता है. इनके इस्तेमाल से कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों की दवाएं बनाई जाती हैं. 1 हेक्टेयर पर तुलसी उगाने में केवल 15 हजार रुपए खर्च होते हैं लेकिन, 3 महीने बाद ही यह फसल लगभग 3 लाख रुपए तक बिक जाती है.
जानिए कैसे करें तुलसी की खेती?
तुलसी की खेती जुलाई के महीने में की जाती है। सामान्य पौधों को 45×45 सेमी की दूरी पर लगाया जाना है, लेकिन आरआरएलओसी 12 और आरआरएलओसी 14 प्रजातियों के पौधों के लिए 50 x 50 सेमी की दूरी बनाए रखनी होगी। इन पौधों को लगाने के तुरंत बाद कुछ सिंचाई की आवश्यकता होती है। तुलसी की खेती के जानकारों का सुझाव है कि कटाई से 10 दिन पहले ही सिंचाई बंद कर देनी चाहिए।एक एकड़ खेत में तुलसी की खेती करने के लिए अलग से 600 ग्राम बीज डालकर पौध तैयार की जाती है। लेमन तुलसी की पौध तैयार करने का उचित समय अप्रैल माह का पहला सप्ताह है। लगभग 15-20 दिन में पौध तैयार हो जाती है। जबकि मानसूनी तुलसी की पौध जून-जुलाई में तैयार की जाती हैं
सही समय पर पत्तों की करे कटाई
इस पौधे की कटाई तब की जाती है जब तुलसी के पौधे की पत्तियाँ बड़ी हो जाती हैं। जब इन पौधों में फूल लगते हैं तो उनमें तेल की मात्रा कम हो जाती है, इसलिए इसकी कटाई तभी करनी चाहिए जब ये पौधे फूलने लगें। इन पौधों को 15 से 20 मीटर की ऊंचाई से छंटाई करना सबसे अच्छा है, ताकि पौधे में जल्द ही नई शाखाएं दिखाई दे सकें।
जानिए तुलसी कहां और कैसे बेचनी है?
अब सवाल यह उठता है कि इस फसल को कहां बेचा जाए? इन पौधों को बेचने के लिए आप मंडी के एजेंट से संपर्क करके या सीधे मंडी जाकर ग्राहकों से संपर्क करके इन पौधों को बेच सकते हैं। इसके अलावा आप अपने संयंत्रों को अनुबंधित दवा कंपनियों या ऐसी एजेंसियों को बेच सकते हैं। इन कंपनियों में तुलसी की काफी मांग है, इसलिए आपको इसे बेचने में कोई दिक्कत नहीं होगी।तुलसी के अनेक फायदे है इसे दवाइयां बनाने से लेकर ब्यूटी प्रोडक्ट्स सभी बनाने के काम में लिया जाता है। दवा बनाने वाली कम्पनी के अनुसार सामान्य रोगों से लड़ने के लिए जो भी दवा बनायीं जाती है उसमें सबसे बड़ी भागीदारी तुलसी की ही होती है।
3-4 महीने में लाखो का मुनाफा
इस व्यवसाय में आपको बुवाई के बाद फसल के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ता है। यह पौधा 3 महीने बाद ही बनकर तैयार हो जाता है और तुलसी की फसल करीब 3 लाख रुपये में बिक जाएगी. कई आयुर्वेदिक उत्पाद कंपनियों को तुलसी के पौधों की आवश्यकता होती है, इसलिए वे अनुबंध पर इसकी खेती करती हैं। डाबर, वैद्यनाथ, पतंजलि जैसी कई कंपनियां तुलसी की संविदा खेती कर रही हैं। यानी सिर्फ 3 महीने में आपको 3 लाख का बंपर प्रॉफिट मिलता है।
15000 रुपये की लागत से 3 लाख रुपये का लाभ होगा
इस व्यवसाय की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि तुलसी की खेती के लिए आपको अधिक निवेश की आवश्यकता नहीं होगी और न ही बहुत विस्तृत भूमि में इसकी खेती करने की आवश्यकता होगी। इस बिजनेस को आप सिर्फ ₹15000 से शुरू कर सकते हैं और आप चाहें तो कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग के जरिए अपना खुद का बिजनेस भी शुरू कर सकते हैं।
भारत में तुलसी का पौधा धार्मिक और औषधीय महत्त्व रखती है। इसे हिंदी में तुलसी, संस्कृत में बहूभंजरी और अंग्रेजी में होली बेसिल के नाम से जाना जाता है। कई तरह के औषधीय गुणों से भरपूर तुलसी का पौधा लगभग सभी घरों में होता है। हिंदू धर्म को मानने वाले इसकी पूजा भी करते हैं लेकिन अगर आप चाहें तो इसकी खेती करके अच्छा खासा मुनाफा भी कमा सकते हैं। वर्तमान में इससे कई दवाएं, साबुन, शैंपू आदि बनाए जाते हैं। इससे तुलसी के उत्पाद की मांग काफी बढ़ गई है।तुलसी की खेती कम उपजाऊ जमीन जिसमें पानी की निकासी का उचित प्रबंध हो, अच्छी होती है। बलूई दोमट जमीन इसके लिए बहुत उपयुक्त होती हैं। इसके लिए उष्ण कटिबंध एवं कटिबंधीय दोनों तरह जलवायु होती है। तुलसी की खेती बीज द्वारा होती है लेकिन खेती में बीज की बुवाई सीधे नहीं करनी चाहिए