सिंगरौली नेहरू अस्पताल के प्रशासनिक विभाग के सिविल डिपार्टमेंट के मैनेजर आर मीना के कार्यालय एवं आवास पर सीबीआई का छापा पड़ा है. जिसमें 50000 की रिश्वत लेते एक कर्मचारी को रंगे हाथों पकड़ा है.
भारत सरकार की मिनी रत्न कंपनी नादर्न कोलफिल्ड्स लिमिटेड एनसीएल के नेहरू शताब्दी अस्पताल में जबलपुर की सीबीआई टीम ने छापा मारा है,जहां सिविल मैनेजर आर मीणा और ओवर्शियर 50 हजार की रिश्वत लेते गिरफ्तार हुए। दोनों आरोपियों को सीबीआई जबलपुर लेकर रवाना हुई है। भारत की मिनी रत्न कंपनी एनसीएल नार्दन कोल फील्ड्स लिमिटेड की जयंत में मौजूद नेहरू शताब्दी हॉस्पिटल में CBI का छापा पड़ने से हड़कंप मच गया।
मिली जानकारी के अनुसार सीबीआई टीम ने दोनों रिश्वत खोर कर्मचारियों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। सीबीआई को शंका है कि इस रिश्वतखोरी मामले में और भी कर्मचारी शामिल हो सकते हैं फिलहाल टीम ने रिश्वतखोर अधिकारियों के दफ्तर और उनके आवास पर रखे कागजातों की भी खंगाल रही है. भारत की मिनी रत्न कंपनी एनसीएल नार्दन कोल फील्ड्स लिमिटेड की जयंत में मौजूद नेहरू शताब्दी हॉस्पिटल में CBI का छापा पड़ने से हड़कंप मच गया।
आपको को बता दें कि नेहरू हॉस्पिटल के किचन शेड निर्माण में हुई गड़बड़ी को छिपाने के लिए कांट्रेक्टर से 2 लाख रिश्वत की मांग की गई थी, शिकायत पर आज जबलपुर से आई CBI की टीम ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया, साथ ही हॉस्पिटल कैंपस में स्थित ऑफिस और क्वार्टर्स में भी छापेमारी कर रिकॉर्ड खंगाले है। भ्रष्टाचार की शिकायत पर हुई कार्यवाही की भनक लगते ही NCL के हेडक्वार्टर CMD ऑफिस तक हड़कंप मचा रहा। जिले में लगातार हो रही लोकायुक्त कार्यवाही के बाद अचानक CBI रेड की खबर से जिले में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है
बता दें कि रविवार को सीबीआई की टीम ने एमसीएल के नेहरू चिकित्सालय के सिविल विभाग के इंचार्ज रोहतास मीणा के दफ्तर और आवास पर एक साथ छापेमारी की। इस दौरान जहां सिविल इंचार्ज रोहतास मीणा और उनके अधीनस्थल कर्मचारी ओवरसियर मंदीप गुप्ता को एक कांट्रैक्टर से 50 हजार रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा गया। वहीं दफ्तर और आवास को सील कर, उसमें रखे रिकॉर्डों की छानबीन शुरू कर दी गई है। पकड़े गए सिविल इंचार्ज और कर्मी से बीच-बीच में पूछताछ भी जारी है। समाचार दिए जाने तक सीबीआई की टीम दफ्तर और आवास पर मिले कागजातें की छानबीन में जुटी हुई थी।
बताते हैं कि नेहरू चिकित्सालय के कैंटीन निर्माण के कार्य में भ्रष्टाचार को लेकर सीबीआई से शिकायत की गई थी। इस मामले के वर्कआउट के लिए सीबीआई की जबलपुर टीम को लगाया गया था। सूत्रों की मानें तो दोपहर में टीम जबलपुर से जयंत पहुंच गई और सिविल इंचार्ज आर मीणा के दफ्तर और आवास पर निगरानी शुरू कर दी। बताते हैं कि दोपहर तीन-साढ़े तीन बजे के करीब एक कांट्रैक्टर दफ्तर में पहुंचा और सिविल के कार्यों को लेकर मीणा को 500 की गड्डी थमाई. पैसे लेने के बाद मीणा ने उसे कर्मचारी को रखने के लिए दिया।
रिश्वतखोरी के इस मामले में सीबीआई टीम पहले से ही घात लगाकर बैठी थी जैसे ही मीणा ने पैसे हाथ में लिए और अपने कर्मचारी को रखने के लिए दिया तब तक टीम दरवाजे को धक्का देकर अंदर पहुंच गई और आर के मीणा के साथ उसके अधिनस्थ कर्मचारी मंदीप को पैसे लेते रंगे हाथों दबोच लिया. इसके बाद सीबीआई अधिकारियों ने जब अपनी पहचान बताई तो अस्पताल प्रबंधन में हड़कंप मच गया टीम ने दफ्तर सील करने के बाद दोनों को पकड़ कर उनके आवास पर पहुंची जहां आवाज को भी सील करते हुए कागजों की छानबीन में जुट गई.