भोपाल — मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सीएम बनने की चौथी पारी में एक के बाद एक कड़े फैसले लेते जा रहे हैं अब यह और बात है कि इस फैसले के बाद प्रदेश के अफसर व कर्मचारियों की गाड़ी निकल पड़ी या फिर यूं कहें कि अब उनकी बल्ले-बल्ले है जी हां सीएम शिवराज सिंह चौहान ने अफसर और अधिकारियों को नए वर्ष का बड़ा तौहफा दिया है। एमपी में अब आम आदमी अफसरों व अधिकारियों की शिकायत लोकायुक्त ईओडब्ल्यू मे नहीं कर पाएंगे।
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बता दें कि सामान्य प्रशासन विभाग ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत यह प्रक्रिया निर्धारित की है। विभाग के पास लोकायुक्त व ईओडब्ल्यू जांच एजेंसियां संबंधित व्यक्ति के संबंध में सरकार को जानकारी भेजेंगे । जिसका परीक्षण करने के बाद जांच की स्वीकृति अस्वीकृत का अभिमत दिया जाएगा । इस आदेश के बाद अधिकारी कर्मचारियों पर सिर्फ सरकारों का ही नियंत्रण रह जाएगा। आम आदमी के हक में सिर्फ बाबाजी का ठुल्लू आएगा।अब शासकीय कर्मचारी और अधिकारी अपने मन से यह भय निकाल दें कि कोई सामान्य नागरिक उनके विरुद्ध लोकायुक्त में शिकायत कर उन्हें फंसा सकता है अब यह संभव नहीं है। उसी प्रकार काले धन से बनाई हुई संपत्ति की जांच भी ईओडब्ल्यू विभाग नहीं कर सकता अर्थात अब जनता से पैसे लेने की छूट मिल गई है।
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अफसर व अधिकारी सामान्य जनता से जितना पैसा हो ले सकते हैं हां एक दिक्कत जरूर है यदि किसी राजनीतिक पहुंच वाले से अगर आपने पैसा लिया तो वह अपनी पहुंच के आधार पर बल्लभ भवन में बैठे अधिकारियों को प्रभावित कर आप की जांच करा सकता है लेकिन एक साधारण व्यक्ति की इतनी हिम्मत नहीं है इसलिए अधिकारी और कर्मचारियों को चाहिए नेताओं का सम्मान करते हुए आम जनता को ठोका जा सकता है। इस नये वर्ष के तोहफे के लिए कर्मचारी और अधिकारियों को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री का स्वागत करना चाहिए।