सिंगरौली : प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान नशा के विरुद्ध अभियान छेड़ रखा है नशा कारोबारियों को नेस्तनाबूद करने का संकल्प ले लिया है लेकिन सिंगरौली जिले के बरगवां थाना थाना प्रभारी सीएम के मंसूबों पर पानी फेर रहे हैं। खतरनाक व जानलेवा बीमारियों से पीड़ित मरीजों को लाभ पहुंचाने वाली दवाइया जान लेने का काम भी कर रही हैं। हम जिक्र कर रहे हैं ऐसी दवाओं का, जिनका प्रयोग खासी, कफ, मस्तिक , घबराहट आदि के इलाज में किया जाता है। कानूनी मनाही के बावजूद इन बीमारियों में लाभप्रद दवाइया बिना चिकित्सकीय जांच के ध्रुव व विजय मेडिकल स्टोर मेंं यह है दवा धड़ल्ले से बेची जा रही हैं। प्रतिबंधित दवाओं की बिक्री को लेकर दो दर्जन से ज्यादा ग्रामीण बरगवां थाना शिकायत करने पहुंचे लेकिन अब तक ना तो ग्रामीणों की शिकायत दर्ज की गई और ना ही नशे के सौदागर मेडिकल स्टोर पर कोई कार्यवाही की गई।
गौरतलब है की ग्रामीण जब प्रतिबंधित दवाओं की बिक्री की शिकायत करने बरगवां थाना पहुंचे थे उस दौरान एक ग्रामीण ने पुलिस कर्मी से बातचीत का एक वीडियो भी बनाया था। उस वीडियो को बनाने का उद्देश्य सिर्फ इतना था कि पुलिस ग्रामीणों की शिकायत दर्ज करें व प्रतिबंधित दवाओं के सौदागरों के ऊपर कार्यवाही करें। लेकिन बरगवां पुलिस ना तो ग्रामीणों की शिकायत दर्ज की और ना ही नशा के सौदागरों ऊपर कोई कार्यवाही की। बल्कि शिकायताओंं पर ही नशा कारोबारी गाली गलौज करने लगे साथ ही उन्हें गंभीर धारों पर फसाने की भी धमकी देने लगे।
वायरल वीडियो
बरगवां थाना क्षेत्र का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है यह वीडियो बरगवां थाना का है। जहां दो दर्जन से ज्यादा ग्रामीण प्रतिबंधित दवाओं की बिक्री की शिकायत को लेकर पहुंचे हैं शिकायत के दौरान एक पुलिसकर्मी को ग्रामीण बता रहे हैं कि क्षेत्र में राधा गुप्ता व उसका बेटा राजीव गुप्ता बरहवा टोला मेंं गांजा व कोरेक्स बेचता है। जबकि ध्रुव व विजय मेडिकल में कोरेक्स खुलेआम बेचा जा रहा है। वायरल वीडियो को विंध्य न्यूज़ ने एसपी वीरेंद्र सिंह को उपलब्ध कराई है। हालांकि जब उनका पक्ष जानना चाहा तो उन्होंने मीटिंग का हवाला दिया है और कहां है की मीटिंग खत्म होते ही बात करूंगा।
चिकित्सा परामर्श किए बिना प्रतिबंधित दवाएं
नशा करने वाले लोग इस तरह की दवाई का खूब उपयोग कर रहे हैं। इनमें किशोर व युवाओं की संख्या अधिक है। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा लागू शेड्यूल: एनडीपीएस (नैरोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंसेज) एक्ट के अनुसार स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी शेड्यूल के तहत कुछ दवाओं की बिक्री चिकित्सक परामर्श के बिना पूरी तरह से रोक लगाई गई है। सूत्रों की माने तो इन नशा कारोबारियों को बरगवां पुलिस संरक्षण दे रखी है। यही वजह है कि नासा के कारोबारियों के हौसले इतने बुलंद हो गए हैं वह शिकायत करने वाले को ना केवल गाली गलौज करते हैं बल्कि उसे झूठे मामलों में फंसाने की भी धमकी देते हैं।
बरगवां क्षेत्र के मेडिकल स्टोर दिखा रहे है नियम को ठेंगा
सरकारी आदेशों के मुताबिक ब्रेन, घबराहट, स्लीप एप्रिया, कफ, खासी आदि बीमारियों के इलाज में प्रयुक्त होने वाली टेबलेट, कैप्सूल, इंजेक्शन व सीरप डाक्टरी पर्चे पर ही बेचने का प्रावधान है। बावजूद इसके बाजार में एल्प्राजोलम, फैल्साड्रिल, कोडीन सिरप, डायजापाम, कोरेक्स, फेन्सिडिल, आदि दवाइया धड़ल्ले से बिना चिकित्सक परामर्श के बेची जा रही है। बरगवां कस्बे में प्रतिमाह इनकी बिक्री लाखों रुपये में है। दु:खद पहलू यह कि इन दवाओं का सेवन करने वाला वर्ग 12 वर्ष से 30 वर्ष तक के आयु के हैं।
दवाई का साइट इफेक्ट
कुछ युवा नशा के आदि हो गए हैं और वो इन दवाओं का सेवन करते हैं। नशा करने वाली दवाईयों का सेवन करने वाले किशोरों व युवाओं में उत्सुकता, जिज्ञासा, अकेलापन, तनाव, खेलकूद पढ़ाई आदि काम में अरूचि, भूख न लगना, शरीर कमजोर होना, बदन कापना, आखें लाल रहना, जुबान लड़खड़ाना, रात को नींद न आना, चिड़चिड़ापन, चोरी व झूठ बोलने की आदत पड़ना, स्मरण शक्ति कमजोर होने के लक्षण आसानी से देखे जाते हैं।
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