भिंड जिले में पॉवर मेक कंपनी करबाया रही अवैध रेत का कारोबार !
भिंड — भले ही सीएम शिवराज सिंह चौहान खुले मंच में सीना ठोक कर कहते हैं कि रेत माफियाओं पर काबू कर लिए हैं उनके आदेश सहित एनजीटी के आदेशों की खुलेआम रेत माफिया ठेंगा दिखा रहे हैं जी हां एनजीटी ने 1 जुलाई से रेत का उत्खनन पर प्रतिबंध लगा दिया है कलेक्टर सतीश कुमार ने पत्र जारी कर नदियों से रेत निकासी पर प्रतिबंधात्मक आदेश जारी कर दिया है बावजूद इसके रेट कारोबारी पनडुब्बियों के जरिए लगातार रेत की निकासी कर रहे हैं।
बता दें कि कई बार ग्रामीण अंचल के लोगों ने भिण्ड कलेक्टर,एसडीएम,माइनिंग विभाग को रेत की अवैध उत्खनन की शिकायत भी की है लेकिन प्रशासन के कान में जूं तक नहीं रेंगी हालात यह है कि प्रतिबंध के बाद भी रेत माफिया लगाता रेत उत्खनन में लगे हैं हैरानी तो इस बात की है कि माफियाओं के हौसले इस कदर बुलंद हो चुके हैं वह गरीबों के खेत में भी पोकलेन मशीन लगाकर रेत का कारोबार करने लगते हैं। ऐसे में यदि यह कहीं की रेत माफियाओं को प्रशासन का संरक्षण है तो गलत नहीं होगा।
शासन प्रशासन की निगरानी में हो रहा है रेत उत्खनन
पूर्व मंत्री डॉक्टर गोविंद सिंह ने भी बीजेपी पार्टी पर निशाना साधा है कहा है कि बीजेपी के नेताओं के संरक्षण में रेत का अवैध उत्खनन किया जा रहा है यह न केवल भिंड में बल्कि पूरे मध्यप्रदेश में रेत की कालाबाजारी की जा रही है। पूर्व मंत्री ने कहा कि
कलेक्टर इस पर कुछ नहीं कर सकता क्योंकि जब इस प्रदेश का मुखिया रेत में लिप्त हो तो वह इस पर क्यों कार्रवाई करेंगे। भिंड में आज भी कई पनडुब्बी और पोकलेन मशीन चल रही हैं। माइनिंग विभाग की मिलीभगत से पॉवर मेक कंपनी रेत का अवैध उत्खनन करवा रही है।
कई जगह रेत का कर रहा रखा है भंडारण
भिंड में पावरमेक कंपनी को कलेक्टर के आदेश अनुसार 6 जगह डंप के आदेश थे वही देखा जाए तो भिंड में दो दर्जन से अधिक रेत के डंप पड़े हैं। डंप पढ़े रेत के भंडारण की फोटो स्थानीय लोग लगातार कलेक्टर को फोटो भेज रहे हैं लेकिन साहब इन क्षेत्रों में जाने की जहमत तक नहीं उठाते। स्थानीय लोगों ने कहा जिले के अधिकारियों को कई बार आवेदन भी दे चुके हैं बावजूद इसके रेत माफियाओं के खिलाफ प्रशासन कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है यहां जानने लायक है कि पूर्व में भी राज्य मंत्री दर्जा प्राप्त कंप्यूटर बाबा ने भी रेत उत्खनन को लेकर शिवराज सरकार पर गंभीर आरोप लगाए थे जिसके बाद से शिवराज सरकार कंप्यूटर बाबा के पीछे पड़ गए और उनके कई ठिकानों पर अतिक्रमण की कार्यवाही की गई।