सीधी। जिलें के सीएमएचओं आफिस में पदस्थ जिला कार्यक्रम प्रबंधक की संविदा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के संचालक ने समाप्त कर दी है किन्तु जिला प्रशासन उन्हे मुक्त करने के बजाय उनकी सेवाएं लेते रहने देने का लेख कर स्वस्थ चिकित्सा व्यवस्था पर पश्रचिन्ह लगा दिया है। ज्ञात हो कि जिले में पदस्थ कार्यक्रम प्रबंधक डीपीएम अपने रीवा जिले में पदस्थापना के दौरान रिश्वत लेते लोकायुक्त के हांथों पकड़े भी जा चुके थे तब उनके खिलाफ कार्यवाही भ्रष्टाचार निवारण अधिकनियम के तहत प्रकरण पंजीबद्ध हो चुका है लेकिन सीधी जिले का स्वास्थ्य मोहकमा उनपर ऐसा फिदा है कि उनकी सेवा समाप्त करने के आदेश को भी दरकिनार कर रहा है।
उल्लेखनीय है है सीधी के बर्तमान डी पी एम सौरव सिंह चौहान रीवा जिले के गोबिंन्दगढ़ में बीपीएम रहने के दौरान बीस हजार रूपये की रिश्वत लेते हुए लोकायुक्त पुलिस ने पकड़ा था उनके खिलाफ 24जनवरी 2020 को प्रकरण दर्ज किया गया था तो लोकायुक्त पुलिस की सूचना पर क्षेत्रीय संचालक स्वास्थ्य सेवाएं 6फरवरी2020 को कार्यवाही करने का लेख किया था तब दोनो आरोपी कर्मचारियों सौरव सिंह चौहान व संतोष कुमार चौधरी को गोविंदगढ से हटाकर हनुमना व गंगेव सीएचसी में पदस्थ किया गया था लेकिन भ्रष्टाचार से की गई कमाई का उपयोग कर श्री चौहान सीधी के मुख्यचिकित्सा कार्यालय को स्थानांतरण कराने में कामयाव हो गये जहां उन्होने डीपीएम जैसे महत्वपूर्ण पद में पदस्थ होने में भी सफलता अर्जित कर ली है।
पूरे प्रदेश की समाप्त हो गई संविदा
जिस परीक्षा को पास कर सौरव सिंह चौहान डीपीएम बन गये थे उस परीक्षा को ही राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के संचालक ने पूरी परीक्षा निरस्त कर दी है। संचालक डां पंकज शुक्ला ने 12नवम्वर 21 को मिशन संचालक एनएचएम के अनुमोदन पश्चात यह आदेश दिया है कि 7जून21 को आयोजित हुई 15 संविदा जिला कार्यक्रम डीपीएम 7संविदा जिला कम्यूनिटी मोबिलाईजर व 10 संविदा जिला लेखा प्रबंधक की नियुक्ती की गई थी लेकिन परिक्षा के सम्बंध में शिकायतें प्राप्त होने के बाद की जांच में त्रुटियां मिली है तकनीकी त्रुटि भी परिलक्षित हुई है इस कारण पूरी परीक्षा निरस्त की गई है।
मूल पद पर वापस भेजने का हुआ आदेश वेअसर
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने 7 दिसम्वर 21 को पत्र भेजकर प्रदेश के सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को निर्देर्शित किया है कि आदेश क्रमांक एनएचएच एचआरएच 1631 दिनांक 13/11/2021 को तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाता है और निर्देशित किया जाता है कि संबंधित संविदा कर्मचारियों को उनके मूल पद पर तत्काल प्रभाव से कार्यभार ग्रहण कराया जाये साथ ही रिक्त संविदा पदों पर उन्हे प्रभार सौंपे जिन्हे पूर्व में दिया गया था रिक्त पदों की जानकारी भी दी जाये लेकिन सीधी के सीएमचओं डीपीएम को पद पर बनाये रखने के लिये उनको न तो पूर्व के पद का प्रभार लेने के लिये मुक्त किया जा रहा है न ही किसी को डीपीएम का प्रभार दिया जा रहा है।
मंदसौर से भी नही ली सीख
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के संचालक के आदेश का पालन केवल मंदसौर के सीएमएचओं ने किया है उन्होने कार्यरत दिलीप बसुनिया को उनके मूलपद एपीएम के पद का प्रभार लेने के लिये मुक्त कर दिया है उन्होने 9दिसम्वर को ही दोपहर तक प्रभार लेने का आदेश जारी कर दिये लेकिन सीधी के सीएमएचओं ने पत्र पर पत्र लिखें जाने व समाजसेवियों के शिकायत किये जाने के बावजूद डीपीएम को उनके मूलपद की ओर भारमुक्त नही कर रहे है।
कलेक्टर से लिखवाया स्वस्थ्य संचालनालय को पत्र
भ्रस्टाचार के बीमारी से जकड़ा सीएमएचओ का दफ्तर
जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था को भ्रस्टाचार की बीमारी लग गई है जिसका उपचार कराने के बजाय विभाग के जिम्मेवार अधिकारी बीमारी को और बढ़ावा देने का प्रयास कर रहे है हद तो तब हो गई जब संचालक के आदेश का पालन करना यह कह कर उचित नही माना गया की उनके हट जाने से कार्य प्रभावित होगा।
इनका कहना है
डीपीएम की संविदा समाप्त हो जाने सूचना कार्यलय को प्राप्त हुई थी लेकिन जिला कार्यक्रम प्रबंधक का काम करने वाले कर्मचारियों की कमी होने के कारण उन्हे मूलपद की ओर मुक्त नही किया गया है मिशन संचालक को कलेक्टर साहब ने पत्र लिखकर सेवाएं लेते रहने की अनुमति मांगी है अगर अनुमति नही मिलेगी तो मुक्त किया जायेगा वैसे भी डीपीएम को मुक्त करने का अधिकार जिला प्रशासन को है हम इसमें कुछ नही कर सकते है।
डां आई जे गुप्ता सीएमएचओं सीधी