Madhya Pradesh में कांग्रेस सरकार गिरने के बाद हुए उपचुनाव में कांग्रेस की हार के बाद पीसीसी अध्यक्ष कमल नाथ कई बड़े नेताओं पर चाबुक चलाया। जिसकी गूंज दिल्ली तक भी पहुंची है कमलनाथ के इस एक्शन का अभियान शुरू हो गया है। दरअसल करीब डेढ़ साल बाद विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं जिसके लिए बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने अपनी तैयारी तेज कर दी है. कांग्रेस सत्ता में वापसी के लिए प्रयास कर रही है जिसके लिए प्रदेश में पार्टी की दूसरी पंक्ति के नेताओं की सक्रियता तेज हो गई है. पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह, पीसीसी के पूर्व अध्यक्ष अरुण यादव दिल्ली का दौरा कर चुके हैं, जबकि हाईकमान की नजरों में बने रहे पूर्व मंत्री और राज्य के विधायक उमंग सिंगार को गुजरात में विधानसभा चुनाव को देखते हुए अहम जिम्मेदारी दी गई है.
Madhya Pradesh में ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में शामिल होने के बाद अब कांग्रेस की राजनीति इस समय प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ और राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह के इर्द-गिर्द घूम रही है. सरकार गिरने के बाद दो साल से राज्य में कई नेताओं की उपेक्षा की गई है, उनमें पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह, पूर्व पीसीसी अध्यक्ष अरुण यादव शामिल हैं। इसके पीछे तर्क यह दिया गया कि पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह राहुल अपनी सीट नही बचा पाए। इसी तरह कई दिग्गज नेता, पूर्व सांसद सत्यव्रत चतुर्वेदी, विधानसभा के पूर्व उपाध्यक्ष राजेंद्र सिंह, रामनिवास रावत, नरेंद्र नाहटा भी सक्रिय नहीं दिखाई दे रहे हैं, तत्कालीन विधायक डॉ. गोविंद सिंह को भी उपेक्षित नेताओं की सूची में शामिल किया जा सकता है।
दिल्ली दौरे के बाद सक्रिय हुए यादव
अरुण यादव की हाल ही में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से दिल्ली में मुलाकात के बाद से सक्रियता बढ़ गई है. यादव के दिल्ली से लौटने के बाद उन्होंने यादव समुदाय के लिए सेना में अहीर रेजिमेंट बनाने की मांग की, लेकिन शनिवार को उन्होंने व्यापमं घोटाले को लेकर फिर आवाज उठाई. आज वे आंदोलनकारी चयनित शिक्षकों से मिलने जा रहे हैं। इस बीच विधानसभा में विपक्ष के पूर्व नेता अजय सिंह ने भी पार्टी हाईकमान सोनिया गांधी से मुलाकात की थी। जिसके बाद से वह लगातार जनसंपर्क कर अपनी सक्रियता दिखाने लगे हैं।
उमंग सिंगार को हाईकमान ने सौंपी जिम्मेदारी
मध्य प्रदेश कांग्रेस में दूसरी पंक्ति के एक और नेता विधायक उमंग सिंगार पर पार्टी हाईकमान ने एक बार फिर भरोसा जताया है. पार्टी ने सिंगार को गुजरात कांग्रेस का प्रभारी सचिव बनाया है। सिंगार पहले झारखंड के प्रभारी सचिव थे और वहां उनके प्रभारी सचिव के रूप में विधानसभा चुनाव हुए थे। अब दिसंबर में गुजरात में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले उन्हें वहां की जिम्मेदारी दी गई है. बता दे कि उमंग सिंगार राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के कट्टर घोर विरोधी हैं। सिंगार मध्य प्रदेश में विधानसभा में विपक्ष के नेता थे। जमुना देवी के भतीजे हैं और वह उनकी राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं। राजनीतिज्ञों की माने तो पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह उमंग सिंगार के पर कतरने का कोई भी मौका नहीं छोड़ा है यही वजह है कि इन दो बड़े नेताओं के बीच 36 का आंकड़ा है।