एक आईएएस अधिकारी के पास असीमित अधिकार होते हैं लेकिन उनकी महत्वाकांक्षा उससे भी ज्यादा रहती है आईएएस अधिकारी अपने पास एक अंग्रेजी भाषा की मैगजीन और एक अंग्रेजी का अखबार अवश्य रखते हैं उसके साथ ही अपने आईएएस ग्रेडेशन की लिस्ट भी अपने पास रखते हैं और उस पर हमेशा फोकस बनाए रखते हैं कि उनका प्रमोशन कब होने वाला है एक आईएएस अधिकारी के पास जमीन से नीचे 100 किलोमीटर तथा आसमान में भी 100 किलोमीटर तक पर आदेश देने का अधिकार है यदि जिले में कलेक्टर है तो उसे इतना अधिकार प्राप्त होता है कि वह जमीन के नीचे खोदने का आदेश दे सकते हैं और और ऊपर से जाने वाले हवाई जहाज को चाहे तो अपने आकाश से जाने की अनुमति दे सकते हैं और चाहे तो रोक भी सकते हैं चाहे किसी का भी हो लेकिन साथ ही अपने से सीनियर आईएएस की इच्छाओं के सामने उनके कथनानुसार ही कार्य करेंगे चाहे उनकी इच्छा उस आदेश के विपरीत हो वर्तमान में आईएएस लॉबी राजनीति के बड़े चेहरे की मंशा को देखते हुए कार्य करते हैं क्योंकि अच्छी जगह पोस्टिंग हर अधिकारी चाहता है हां एक बात आईएएस अधिकारी में अक्सर देखी जाती है कि उनकी पोस्टिंग जहां भी होती है उनका पहला ध्यान पोस्टिंग के साथ वहां के बजट और उनकी व्यक्तिगत सुविधा क्या-क्या है इस पर भी उनका फोकस रहता है यदि आईएएस अधिकारी अपने ट्रांसफर पोस्टिंग का लालच छोड़ दें तो प्रशासन में उन से मजबूत कोई नहीं हो सकता चाहे वह मंत्री ही क्यों न हो मंत्री भी राजनीति में रहने के कारण कहीं न कहीं उनकी कोई कमजोरी अवश्य रहती है इस कारण एक ईमानदार आईएएस से वे हमेशा भयभीत रहते हैं ऊपर से भले अपने को मजबूत बताएं।
IAS (इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस) – सिविल सेवा परीक्षा में टॉप रैंक हासिल करने वाले उम्मीदवारों को आईएएस बनाया जाता है. आईएएस अधिकारी संसद में बनने वाले कानून को अपने इलाकों में लागू करवाते हैं. साथ ही नई नीतियां या कानून बनाने में भी अहम योगदान निभाते हैं. आईएएस अधिकारी कैबिनट सेकेट्री, अंडर सेकेट्री आदि भी बन सकते हैं.
आईएएस अधिकारी की सैलरी: आईएएस अधिकारी के वेतन की बात करें तो ये विभिन्न संरचनाओं के आधार पर होता है, जैसे कि जूनियर स्केल, सीनियर स्केल, सुपर टाइम स्केल. वेतनमानों में अलग-अलग वेतन बैंड होते हैं. आईएएस अधिकारी भी एचआरए (मूल या आधिकारिक आवास का 40 प्रतिशत) के हकदार होता है. साथ ही उन्हें डीए, टीए भी मिलता है. इसमें कैबिनेट सेकेट्री, अपेक्स, सुपर टाइम स्केल के आधार पर सैलरी बढ़ती जाती है.
जिला मजिस्ट्रेट के रूप में : जिला में कानून और व्यवस्था के रखरखाव के लिए उपायुक्त जिम्मेदार है। वह आपराधिक प्रशासन का मुखिया है और जिले के सभी कार्यकारी मजिस्ट्रेटों की देखरेख करते हैं और पुलिस के कार्यों को नियंत्रित करते हैं और निर्देश देते हैं। जिले में जेलों और लॉक-अप के प्रशासन पर उनके पर्यवेक्षी अधिकार हैं।