MP – अजब मध्यप्रदेश के गजब कारनामे जी हां यह हम 2014 बैच के आईएएस लोकेश कुमार जांगिड़ का साढ़े चार साल की नौकरी मे 8 बार ट्रांसफर हो चुका है. हाल ही में उन्हें बड़वानी अपर कलेक्टर पद से राज्य शिक्षा केंद्र में पदस्थ किया गया है.यह हम नहीं कह रहे बल्कि मध्य प्रदेश के युवा आईएएस अधिकारी लोकेश जांगिड़ ने अपने ट्वीट के माध्यम से एक पत्र का हवाला देते हुए यह खुलासा किया है उन्होंने कहा कि हर 4 दिन में आईएएस के ट्रांसफर के लिए बैठक। आईएएस अधिकारी के इस ट्वीट के बाद प्रशासनिक महकमे सहित राजनीतिक गलियारे में हड़कंप मच गया। यह जानने लायक है कि 2014 बैच के आईएएस लोकेश कुमार जांगिड़ का साढ़े चार साल की नौकरी मे 8 बार ट्रांसफर हो चुका है. यानी हर छह माह में उनका तबादला किया गया। कुछ दिनों पहले उन्हें बड़वानी अपर कलेक्टर पद से राज्य शिक्षा केंद्र में पदस्थ किया गया है.
बता दे कि 9 जुलाई 2021 को मध्यप्रदेश के कार्मिक विभाग की उप सचिव अर्चना सोलंकी ने भारत सरकार के कार्मिक लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के सचिव को एक पत्र लिखा कि मुझे इस विषय में माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के पालन में भारत सरकार कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग द्वारा जारी अधिसूचना दिनांक 19-4-2016 के संदर्भ में भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों की पदस्थापना स्थानांतरण के संबंध में सिविल सेवा बोर्ड की अनुशंसा पर किए गए स्थानतरण पदस्थापना की जानकारी 1 जनवरी 2020 से 31-12-2020 तक निर्धारित प्रपत्र में सलंग्न प्रेषित है। इसके बाद 2020 में साल भर में किए गए तबादलों की जानकारी दी गई है।
बता दें कि सिविल सेवा बोर्ड के माध्यम से 2020 में करीब 91 बार आईएएस अधिकारियों के स्थानांतरण को मंजूरी देने के लिए बैठक की गई जिन्होंने अपना न्यूनतम कार्यकाल पूरा नहीं किया यानी राज्य में हर चौथे दिन आईएएस अधिकारियों के तबादले के लिए सिविल सेवा बोर्ड की बैठक हुई अपने ट्वीट में मध्य प्रदेश के युवा आईएएस अधिकारी लोकेश कुमार जांगिड़ ने पत्र का हवाला देते हुए यह खुलासा किया है।
मिली जानकारी के अनुसार सिविल सेवा बोर्ड का नेतृत्व किसी राज्य का मुख्य सचिव करता है और इसके सदस्य के रूप में वरिष्ठ आईएएस सचिव होते हैं इसके अलावा राज्य सरकार में प्रमुख सचिव या सचिव कार्मिक विभाग जैसे सदस्य सचिव भी होते हैं हालांकि खुद कार्मिक एवं प्रशासनिक विभाग यानी डीओपीटी सिविल सेवा बोर्ड की स्थापना के लिए राज्यों को भेजे एक नोट में कह चुका है कि किसी भी पद पर उचित कार्यकाल पूरा करने से पहले अधिकारियों के बार-बार और मनमानी तबादले को हमेशा प्रशासन के घटते मानकों का एक प्रमुख कारण माना जाता है इसके बावजूद 2020 में मध्यप्रदेश में बेधड़क आईएएस के तबादले किए गए।