इंदौर। मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर कोरोना संक्रमण से बेहाल है संक्रमित के परिजन रेमडेसिविर इंजेक्शन पाने के लिए हर कीमत देने के लिए तैयार हैं। लगातार शिकायतें मिल रही थी कि रेमडेसिविर इंजेक्शन कालाबाजारी शुरू हो गई है। जहां क्राइम ब्रांच ने रेमडेसिविर की कालाबाजारी मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। नकली इंजेक्शन बेचने के मामले में गिरफ्त में आए डॉ. विनय त्रिपाठी नामक व्यक्ति के पास से रेमडेसिविर के 16 बॉक्स मिले हैं।
मिली जानकारी के अनुसार क्राइम ब्रांच टीम को प्रारंभिक जांच में पता चला है कि वह इन इंजेक्शन को हिमाचल प्रदेश से लेकर आया है। यह अभी अंडर रिसर्च में हैं। पुलिस मामले में पूछताछ कर रही है। डीआईजी मनीष कपूरिया ने बताया, आरोपी डॉ. विनय त्रिपाठी है। पुलिस को सूचना मिली थी कि रेमडेसिविर इंजेक्शन का स्टॉक किसी व्यक्ति के पास है। वह इंदौर में सप्लाई करने वाला है। इस पर टीम ने पड़ताल के बाद त्रिपाठी को गिरफ्तार करते हुए उसके पास से 16 पैकेट मिले। एक पैकेट में 25 वायल थे। इस प्रकार से विनय के पास से पुलिस को कुल 400 वायल मिले हैं।
क्राइम ब्रांच टीम ने बताया कि जब डॉक्टर जब विनय त्रिपाठी से इस संबंध में पूछताछ की गई, तो पता चला कि त्रिपाठी ये इंजेक्शन हिमाचल प्रदेश से लेकर आए हैं। जब उनसे संबंधित दस्तावेज मांगे गए, तो वे कागजात नहीं दे पाए। मामले में क्राइम के साथ ड्रग विभाग की टीम भी जांच कर रही है। पता चला है कि व्यक्ति फार्मा बिजनेस से जुड़ा है। पीथमपुर में उसकी यूनिट भी है। रेमडेसिविर मांग को देखते हुए उसने अंडर रिसर्च इंजेक्शन मगर कालाबाजारी के फिराक में था।