Bhopal। देश में बेरोजगार युवक-युवतियों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है कमोबेश स्थिति मध्यप्रदेश में भी यही है । मध्य प्रदेश एड्स सोसायटी द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक मध्य प्रदेश के बदनाम बाजार में 47000 मजदूर काम कर रहे हैं. इनमें से 35000 लड़कियां हैं जबकि 12000 लड़के हैं। यह आंकड़ा काफी बड़ा हो गया है और यह सरकार के लिए चिंता का विषय होना चाहिए। यदि युवक-युवतियों को सही दिशा पर रोजगार नहीं मिला तो उनके कदम भी भटकेगे। इस सब की जिम्मेदारी सरकार की भी है।
मध्य प्रदेश के किस जिले में कितनी लड़कियां हैं?
इंदौर में 2513, छिंदवाड़ा में 2464, सागर में 1543, रायसेन में 1441, भोपाल में 1374, पन्ना में 1321, बालाघाट में 1228, शिवपुरी में 1218, छतरपुर में 1012, धार में 956, रीवा में 926, ग्वालियर में 898, बैतूल में 841 सिंगरौली में 798, झाबुआ में 791, उज्जैन में 772, खरगोन में 769, देवास में 455, सतना में 721, नीमच में 726, रतलाम में 698, जबलपुर में 686, मंडला में 645, मंदसौर में 637, श्योपुर, में 634, दतिया में 632 , बुरहानपुर में 622, , अलीराजपुर में 600, बड़वानी में 585, मुरैना में 582, निवाड़ी में 569, शाजापुर में 530, गुना में 509, होशंगाबाद में 505, शहडोल में 478, कटनी में 471, नरसिंहपुर में 416, सीहोर,400 सीधी मे 341, अशोकनगर में 270, , खंडवा में 179, टीकमगढ़ में 161, हरदा में 29, आगर मालवा में 28, अनूपपुर में 13, उमरिया में 11 और दमोह जिले में 3 बदनाम बाजार में महिलाएं सक्रिय हैं।
मध्य प्रदेश के किस जिले में कितने लड़के हैं?
इंदौर में 1570, ग्वालियर में 849, जबलपुर में 795, भोपाल में 766, सागर में 739, होशंगाबाद में 582, मुरैना में 580, टीकमगढ़ में 472, रायसेन में 446, उज्जैन में 397, छिंदवाड़ा में 369, छतरपुर में 317, मंदसौर में 311, धार में 271, रतलाम में 268, बैतूल में 255, सतना में 239, शिवपुरी में 222, बड़वानी में 215, खरगोन में 208, पन्ना में 206, देवास में 193, झाबुआ में 169, कटनी में 155, शाजापुर में 150, अलीराजपुर में 144, बालाघाट में 127, खंडवा में 116, हरदा में 101, बुरहानपुर में 99, दतिया में 99, सीहोर में 81, सिवनी में 50, आगर-मालवा में 8 और सीधी में 2,सिंगरौली में 2 लड़के कर्मचारियों लिस्टेड किए गए हैं
यह केवल सूचीबद्ध स्थायी कर्मचारियों की संख्या है
यहां यह ध्यान रखना जरूरी है कि यह केवल स्थायी कर्मचारियों की संख्या है। इस बाजार में पार्ट टाइम कामगारों की संख्या इससे कई गुना ज्यादा हो सकती है. सरकार को इस बात की चिंता है कि क्यों इतनी बड़ी संख्या में लोग बदनाम बाजार में रोजी-रोटी की तलाश में जा रहे हैं और चुनौती यह है कि क्या इन लोगों का पुनर्वास किया जा सकता है.