मध्यप्रदेश में चने की भाजी बड़ी मशहूर है यहां ठंड का मौसम शुरू होते चने की भाजी को बहुत पसंद करते हैं। चने की भाजी बनाने का प्रचलन बहुत है,यहां ठंडी सुरु होते ही चने की भाजी मिलना शुरू हो जाती है। दिन भर गली-गली भाजी बेचने वालियों का आना -जाना लगा रहता है। सर्दियों में अधिकतर घरों में चने की भाजी बनाई जाती है ,क्योंकि यह बहुत ही फायदेमंद होती है ।इसे लोहेे की कढ़ाई में बनाए जानेेेे पर प्रचुर मात्रा में आयरन शरीर को मिलता है,इसीलिए सेहत के लिए यह बहुत फायदेमंद है।
मध्यप्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में विभिन्न तरह से चने की भाजी बनाई जाती है आज हम आपको चने की भाजी में मिलाए जाने वाले दो ऐसे सीक्रेट इनग्रेडिएंट्स के बारे में बताएंगे जिनको चने की भाजी में डालने से चने की भाजी का स्वाद बेहद लाजवाब हो जाएगा।
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नया चावल और बरिहा की बरी
चने की भाजी में आलन के तौर पर नए चावल को मिलाया जाता है यह तो आप सबको पता होगा ,लेकिन एक और नई चीज है बरिहा की बरी। बरिहा की बारी चने की भाजी में डालने से चने की भाजी का स्वाद बहुत ही लाजवाब हो जाता है। बिना इस बरी के प्रयोग से चने की भाजी बनाने का कोई मतलब नहीं है ।इसीलिए जब भी आप अपने घर में चने की भाजी बना कर खाएं ,तो नए चावल को आलन के तौर पर और बरिहा की बरी जरूर डालें ।और चने की भाजी को अच्छे से पकाकर गोटे और उसमें लहसुन, अदरक, राई का तड़का भी जरूर दें इससे चने की भाजी का स्वाद बहुत ही अधिक लाजवाब हो जाता है।
बरिहा की बरी की तासीर गर्म होती है और चने की भाजी ठंडी। बरिहा की बरी डालने से चने की ठंडक में थोड़ी गर्माहट का तड़का लगता है और चने की भाजी का स्वाद भी बढ़ जाता है ,इसीलिए चने की भाजी में बरिहा की बरी ,लहसुन ,अदरक का प्रयोग करना बहुत ही गुणों से और स्वाद से भी भरा होता है।