भोपाल- मध्य प्रदेश में निर्वाचित शिक्षक लंबे समय से भर्ती का इंतजार कर रहे हैं। इस बीच शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है।दस्तावेज सत्यापन में एक साथ दो डिग्री लेने वाले 6 चयनित शिक्षकों की नियुक्ति निरस्त कर दी गई है। लोक शिक्षण विभाग (डीपीआई) ने स्कूली शिक्षा विभाग को नियमों का हवाला देते हुए उनकी नियुक्ति रद्द करने का निर्देश दिया है।इनमें से कुछ चयनित शिक्षक नियमित रूप से एक स्थान पर भर्ती होते हैं और अन्य स्थानों पर स्वाध्याय द्वारा डिग्री प्राप्त करते हैं, जबकि उनमें से कुछ नियमित रूप से विभिन्न स्थानों से भर्ती होकर डिग्री प्राप्त करते हैं।
इनमें सबसे हैरानी की बात यह है कि राज्य विभाग ने 2012 में शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में दो डिग्री की मंजूरी दी थी. एक ही यूजीसी के नियम के मुताबिक एक ही सत्र में दो डिग्री लेना कानूनी नहीं है। वर्तमान में आयुक्त के निर्देशन में पुनर्निर्वाचित शिक्षकों की पुनर्नियुक्ति के बाद दस्तावेजों का सत्यापन और चयन शुरू हो गया है और आगे की कार्रवाई की संभावना है.लेकिन 2012 में जब विभाग ने शिक्षा विभाग की नियुक्ति की तो उसी अवधि में दो डिग्री वाले शिक्षकों की नियुक्ति की गई!
बता दें कि मध्य प्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग और आदिम जाति कल्याण विभाग ने तीन साल पहले 2018 में शिक्षक योग्यता परीक्षा ली थी. इसके तहत 30,000 शिक्षकों की भर्ती की जानी थी, जिसमें से 20,000 शिक्षकों की भर्ती स्कूल शिक्षा विभाग में की जानी थी. अकेले अक्टूबर में ही करीब 12 हजार 43 शिक्षकों के नामों की सूची जारी की गई। इसमे उच्च माध्यमिक शिक्षक के 8342 और माध्यमिक शिक्षक के 3701 शामिल है।