सिंगरौली 26 फरवरी। ऊर्जाधानी अभी ब्लैक डायमण्ड के नाम से पूरे हिन्दुस्तान में सुमार है। वहीं चितरंगी की सोनांचल धरा मे सोना व ग्लूकोनाइट पत्थर उगलेगा, जहां इसका सर्वे कार्य दूतगति से चल रहा है। एक सप्ताह के अन्दर सर्वे करते हुए राज्य शासन के यहां प्रस्ताव भेज दिया जायेगा लेकिन इसके मिले ही भू माफिया सक्रिय हो गया हैं।और ग्रामीणो की जमीन को औने पौने दामो में खरीदने की जुगाड़ में लग गया हैं। ग्लूकोनाइट की मात्रा किन-किन गांव में है, उसके लिए तीन ब्लॉक बनाये गये हैं।
सिंगरौली की धरा कोयला उगलने के बाद अब ग्लूकोनाइट रसायनिक पदार्थ उगलेगा। चितरंगी तहसील क्षेत्र के सोनांचल के करीब बारह गांव में ग्लूकोनाइट रसायनिक पदार्थ मिला है। जानकारी के मुताबिक इसका सर्वे जीएसआई के द्वारा पूर्व में ही कराया गया था। जहां चितरंगी के सोनांचल दर्जन भर से अधिक गांवों में प्रचूर मात्रा में ग्लूकोनाइट रसायनिक पदार्थ धरती में छिपे होने की पुष्टि की गई थी। इस सर्वे के बाद प्रदेश सरकार ने गांवों को चिन्हित कराकर तीन अलग-अलग ब्लॉक भी बना दिया है। जहां राजस्व, वन एवं खनिज विभाग के द्वारा स्थल निरीक्षण का कार्य दूतगति से किया जा रहा है। चितरंगी क्षेत्र के सोनतीर ईलाके में ग्लूकोनाइट रसायनिक पदार्थ के धरती के अंदर छिपे होने एवं स्थल निरीक्षण कार्य प्रारम्भ होने के बाद गांव में हलचलें भी बढ़ गई हैं।
खनन के लिए तीन ब्लॉक गठित
खनिज विभाग के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक ग्लूकोनाइट खनन के लिए तीन ब्लॉक गठित किये गये हैं। बिछिया ब्लॉक में देवरा, घोघारी, लहिया, लेरूआखांड़, काजपुरवा गांव शामिल हैं, इनका कुल रकवा 264 हेक्टेयर है। बर्दी ब्लॉक में बर्दी, मुड़पेलीकला, धुपखरी एवं सोनवर्षा गांव को शामिल किया गया है, इस ब्लॉक में शामिल गांवों को कुल रकवा 214 हेक्टेयर तथा बरहट ब्लॉक में बरहट, मुड़पेलीकला, मुड़पेला कुल रकवा 270 हेक्टेयर को चिन्हित किया गया है।
एक सप्ताह में जायेगा प्रस्ताव
सूत्रों के मुताबिक उक्त ब्लॉकों में स्थल निरीक्षण का कार्य राजस्व सहित खनिज अमले के द्वारा किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि उक्त गांवों में यदि खनन शुरू कराया गया तो विस्थापन के दौरान सरकार को कितना बोझ आयेगा, भूमि, जमीन व अन्य के मुआवजा का वैल्यूएशन नजरी नक्शा के कराया जा रहा है। एक अनुमानित लागत एवं उत्पादन को जोड़ा जायेगा। यदि लागत से ज्यादा उत्पादन एवं बहुतायत मात्रा में ग्लूकोनाइट निकला तो सरकार उक्त ब्लॉकों को अधिग्रहण करने की कार्यवाही शुरू करा देगी। हालांकि इसके लिए सरकार नीलामी प्रक्रिया अपना सकती है।
इनका कहना है
चितरंगी ब्लॉक में ग्लूकोनाइट खदान के लिए तीन ब्लाकों का गठन कर दिया गया है। स्थल निरीक्षण का कार्य राजस्व, खनिज एवं वन विभाग के संयुक्त टीम द्वारा किया जा रहा है। प्रतिवेदन राज्य सरकार के पास शीघ्र ही भेजा जायेगा।
ए के राय, खनिज अधिकारी सिंगरौली