MP news – वैसे तो हर व्यक्ति कि सुबह गाय के दूध से बनी हुई चाय से ही होती है दूध हर व्यक्ति की जरूरत है तो वहीं दूसरी तरफ हिंदूधर्म(Hinduism) में गाय को माता दर्जा दिया गया है. और सभी धार्मिक अनुष्ठानों में गौमाता या फिर गोबर की पूजा होती है ऐसे में मध्य प्रदेश का 1 गांव ने एक अनूठी पहल कर बड़ी मिसाल कायम की है.
MP news – गांव के मुखिया सहित ग्रामीण जनों ने आपस में सहमति बनाते हुए निर्णय लिया है कि सरकारी योजनाओं का लाभ लेने वाला हर व्यक्ति अब गौ माता की सेवा अनिवार्य करते हुए उसे गांव गाय पालना आवश्यक (Cows must be raised )कर दिया है.भूखी-प्यासी भटकती गायों की पीड़ा से आहत होकर ग्राम पंचायत मखावद के मुखिया ने गोवंश की तकलीफ दूर करने के लिए अनूठी पहल कर गोसेवा की दिशा में कदम बढ़ाया है।
इसके लिए मुखिया ने ग्राम पंचायत के पंचों की सहमति से प्रस्ताव पारित कर लाउड स्पीकर के माध्यम से पूरे गांव में यह ऐलान भी करवा दिया कि गांव के जिन पात्र लोगों को पंचायत के माध्यम से सरकारी योजनाओं का लाभ लेना है तो पहले उन्हें एक गाय पालना होगी।
340 परिवार और 2420 की आबादी वाली मखावद पंचायत में गरीबी रेखा के करीब 164 राशनकार्ड धारी परिवार हैं। पंचायत के मुखिया द्वारा किए गए सर्वे के अनुसार इन 164 परिवारों में अधिकांश घरों में गाय नहीं है। किसी के पास थी तो उन्होंने भी गायों को खुला छोड़ दिया है। यहां के सरपंच पति पं रामकृष्ण उपाध्याय ने गायों के संरक्षण की सुध लेते हुए अनोखी पहल शुरू की है, जिसके अंतर्गत गांव के प्रत्येक बीपीएल परिवार मैं एक गाय होगी, गोसेवा के लिए समर्पित भाव से की गई इस पहल के माध्यम से ग्रामीण जनों में गोरक्षा के प्रति जागरूकता आएगी और गोवंश दुर्गति से भी बच पाएगा।
घर घर पहुंच उन्हें गाय पालने के लिए इस तरह प्रेरित कर रहे हैं सरपंच पति – MP news
उमा उपाध्याय इस ग्राम पंचायत मखावद की सरपंच है और उनके पति पंडित रामकृष्ण उपाध्याय सरपंच प्रतिनिधि के तौर पर कार्यरत है। पंडित श्री उपाध्याय ने गौ सेवा के इस मंसूबे को अंजाम देने के लिए सबसे पहले ग्राम पंचायत के उपसरपंच एवं पंच गणों से सहमति लेकर प्रस्ताव तैयार किया और उसके बाद से ही उन्होंने लाउडसकर पर एलान कर गौ रक्षा का अलग जगाना शुरू कर दिया।
सबसे पहले उन्होंने अपनी पंचायत के बीपीएल परिवारों की सूची निकाली और उसके बाद हर बीपीएल परिवार के बीच पहुंचकर वे हर दिन उन्हें गाय पालने के लिए प्रेरित करते हुए कह रहे हैं की सरकार द्वारा मिलने वाली सारी योजनाओं का लाभ आपको हम घर बैठे देंगे लेकिन उसके बदले आपको अपने परिवार में सिर्फ एक गाय पालना होगी।
मेरे गांव के हर घर के आंगन में एक गाय हो यही मेरा उद्देश्य है – MP news
पंडित रामकृष्ण उपाध्याय सरपंच प्रतिनिधि के साथ-साथ एक अच्छे धर्म के प्रचारक व कथावाचक भी है। वे लगभग 20 वर्षों से भागवत कथा भी कर रहे हैं, व्यास गादी के माध्यम से तो वे गोरक्षा का अलख जगाते ही आ रहे हैं लेकिन अब वे ग्राम पंचायत के मुखिया होने के नाते पंचायत के माध्यम से भी गौ माताओं को दुर्दशा से बचाने के लिए प्रयत्न कर रहे हैं। उन्होंने कहां की जब तक गांव की सीमा में गौमाताए दर्द से कराहती रहेगी तब तक गांव में खुशियांली की किलकारी नहीं गूंज सकती,
इसलिए हमें आगे आकर इस गोवंश के दर्द को महसूस करना होगा और इनके पालन के लिए कदम बढ़ाना होगा। उन्होंने कहां की इस पहल की शुरुआत में सबसे पहले बीपीएल परिवारों को गाय पालने के लिए फोकस किया जा रहा है, उसके बाद धीरे-धीरे पूरे गांव के घर आंगन को गोवंश से सजाने के लिए पंचायत बाड़ी पूरा प्रयत्न करेगी।