सिंगरौली:– जिले में प्रदूषण का स्तर लगातार बिगड़ता जा रहा है, बावजूद एनसीएल द्वारा सुरक्षा मानकों की अनदेखी की जा रही हैं। बतादे कि एनसीएल के द्वारा कराये जा रहे बाई रोड कोल परिवहन के दौरान उड़ते धूल से हो रहे भारी प्रदूषण पर काबू पाना प्रबंधन के लिये गले का फ़ांस बनता जा रहा है। इधर कोयले से उड़ते धूल के कण ने समूचे इलाके को प्रदूषित कर रखा है। स्थिति यह है कि सड़क से लेकर किचन तक कोयले के उड़ते धूल के कण की परते जमा हो रही है। जिसका असर सीधे लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा हैं। जैसे जैसे ठंड का आगमन हो रहा है धूल की परत वातावरण में जम रही है। और कोयला युक्त उड़ते इस धूल के कण का सेवन इंसानों के लिये बेहद खतरनाक हैं। ये इंसानों के गले और लंग्स को हार्म करती हैं। हालत यह है कि सड़क से लेकर घर के चौखट तक कोयले की धूल लोगों के घर तक पहुंच रही है।
कोल इंडिया चेयरमैन ने माना कोल ट्रांसपोटिंग के चलते हो रहा सर्वाधिक प्रदूषण
गत दिवस एनसीएल के दो दिवसीय दौरे पर आए कोल इंडिया के चेयरमैन प्रमोद अग्रवाल ने भी स्थिति को देख आश्चर्य थे, उन्होंने यह माना कि बाई रोड हो रहे कोल ट्रांसपोटिंग के चलते ही वायु प्रदूषण बढ़ा है। पत्रकारों द्वारा प्रदूषण को लेकर उठाये गये सवाल के जबाब में श्री अग्रवाल ने यह कहा की बाई रोड हो रहे कोल ट्रांसपोटिंग के चलते 80 से 90 प्रतिशत तक कोल डस्ट रोड पर ही जमा हुआ हैं, जो दिखाई भी दे रहा है, जिससे लोग परेशान हैं। और वायु प्रदूषण भी उसी से हो रहा है। उन्होंने स्वीकारा की यह सब रोड ट्रांसपोटिंग के चलते ही हो रहा हैं। कुल मिलाकर कहने का आशय यह था की कोयले का रोड ट्रांसपोटिंग बंद होने पर रोड पर जो 80 से 90 प्रतिशत कोयला रोड जमा दिख रहा है वह खत्म हो जायेगा, और वायु प्रदूषण से लोगों को काफी हद तक निजाद मिलेगी। सवाल के जबाब में कोल इंडिया चेयरमैन ने यह आश्वस्त कराया की एनसीएल में दो सीएचपी का निर्माण कार्य चल रहा है, तीन और बनने है कुल मिलाकर जब पांचो सीएचपी बन कर तैयार होगी तब जाकर कही जनता को प्रदूषण से कुछ राहत मिल सकेगा।
कोल प्रदूषण के चलते लोग निम्न बीमारियों से है ग्रसित
कोयले के उड़ते धूल के प्रदूषण से लोग तरह तरह के विमारियों से ग्रसित हो रहे हैं। जैसे की आज लोग सांस,दमा,खाशी, आंखों में जलन, चिड़चिड़ापन, डाइबिटीज, हार्टअटैक, शुगर, ब्लडप्रेशर, आदि की समस्याओ से जूझ रहे हैं। तथा बूढ़े,बच्चे व गर्भवती महिलाओं पर भी इसका प्रतिकूल असर पड़ रहा है। इतना ही नहीं यहां का जल स्त्रोत भी काफी प्रदूषित हो चुका हैं। और लोग आये दिन नित नए नए तरह के बीमारियों से ग्रसित हो रहें हैं। यदि समय रहते सरकार व एनसीएल प्रबंधन इसे गंभीरता से नहीं लिया, तो जिले के लोग गंभीर बीमारियों के जद में आ जाएंगे,जिसे संभालना बड़ी मुश्किल होगा।