सिंगरौली – एनसीएल परियोजनााएं सुरक्षा के नाम पर भले ही करोड़ों रुपए खर्च कर रहा हैं बावजूद इसके आए दिन परियोजनाओं में हादसे होना आम बात हो गई है। जहां आज ब्लॉक बी परियोजना में फर्स्ट शिफ्ट में दिन में 12:30 बजे होलपैक व डंपर आपस में आमने-सामने एक दूसरे से भीड़ गए जिसमें एक डंपर चालक बुरी तरह घायल हो गया जबकि दूसरा चालक मौके पर ही मौत हो गई। घटना की सूचना लगते ही एनसीएल प्रबंधन व पुलिस प्रशासन मौके पर पहुंच रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया किया गया तब कहीं जाकर गाड़ी में फंसे मृतक ड्राइवर को बाहर निकाला जा सका। घटना की खबर लगते ही मृतक राजाराम बघेल का परिवार भी वहां पहुंच गया था।
यह है मामला
सोमवार को एनसीएल गोरबी की ब्लॉक (बी) खदान में एक हादसा पेश आया, जहां खदान के भीतर चल रहे दो डंपर आपस में टकरा गए। खदान के भीतर 100 टन के कोयला लोड डंफरों (होल पैक) की आमने-सामने भिड़ंत में कमस्तु कंपनी का डंफर क्रमांक 10 635 के चालक विनोद सतनामी को घटना के कुछ ही देर बाद ब्लॉक बी कि एंबुलेंस द्वारा नेहरू चिकित्सालय पहुंचाया गया, वहीं बीईएमएल कंपनी का डंफर क्रमांक 1089 का चालक राजा राम बघेल* डंपर में ही फंसा रह गया, जिसे निकालने के लिए प्रबंधन द्वारा युद्ध स्तर पर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया।
4 घंटे चला रेस्क्यू ऑपरेशन. घटना की सूचना मिलते ही गोरबी जीएम, एजीएम माइंस मौके पर पहुंच गए थे। इस दौरान आईएसफ व बचाव दल ने गैस कटर से मशीनों व डंपर को काटकर शव को बाहर निकाला । बताया जा रहा है कि करीब 4 घंटे चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद ही शव को बाहर निकाला जा सका. जिस प्रयास के कारण शाम करीब 4.30 बजे डंपर में फंसे चालक का शव निकाला जाता सका।
सुरक्षा नियमों को ताक पर होता है प्रोडक्शन एनसीएल सूत्रों की माने तो दुर्घटना 500 प्रति ट्रिप चक्कर के कारण घटित हुई है। घटनास्थल पर मौजूद लोगों ने बताया कि घटना के 1 घंटे तक मृतक राजाराम बघेल जिंदा था, जिसे फंसे हुए डंफर से निकलने में हुई देरी के कारण उसकी जान चली गई। इस घटना के बाद सुरक्षा का दम भरने वाले एनसीएल प्रबंधन की पोल खुलती नजर आई। खदान में कार्य कर रहे श्रमिकों का कहना है कि समय से पहले एवं टारगेट से ज्यादा कोयला उत्खनन एवं प्रेषण में लगी एनसीएल प्रबंधन द्वारा सुरक्षा नियमों को ताक पर रखा जाता है जिस कारण इस प्रकार की दुर्घटना होती है।
करोड़ों का हुआ नुकसान. एनसीएल जहां एक तरफ सुरक्षा के नाम पर करोड़ों रुपए पानी की तरह बहा रही है बावजूद इसके हादसे कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं अभी हाल ही में दुद्धीचुआ में एनसीएल अधिकारियों की लापरवाही के चलते कई मशीनें खदान में ही पानी में डूब गई थी हालांकि इस पूरे मामले में एनसीएल के अधिकारियों ने लीपापोती कर पूरे मामले को अलग ही रंग दे दिया गया.
घटनास्थल पर रहे मौजूद
इस दौरान ब्लॉक बी जीएम हरीश दोहन, एजीएम माइंस के पी दत्ता, जिला पंचायत सदस्य राजेश उर्फ राजू सिंह, बीएमएस महामंत्री हीरामणि यादव, एटक सचिव मोहम्मद जिन्ना, शैलेंद्र पाठक, गोरबी चौकी प्रभारी सुधाकर सिंह परिहार व एनसीएल हेड मुख्यालय से संबंधित अधिकारी व सैकड़ों की संख्या में ब्लॉक बी के सहयोगी श्रमिक वह मृतक के परिजन मौजूद रहे।
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