सिंगरौली 26 फरवरी। सिंगरौली तहसील क्षेत्र के पिपराकुरन्द गांव की गैर सरकारी भूमियों के क्रय-विक्रय व नामांतरण पर छ: वर्षों से प्रतिबंध लगाया गया है। जिसके चलते यहां के ग्रामीणों में जिला प्रशासन के खिलाफ असंतोष बढऩे लगा है।
दरअसल हुआ यूं था कि करीब छ: वर्ष पूर्व एनटीपीसी विंध्याचल ने पिपराकुरन्द गांव को अधिग्रहण करने के लिए जिला प्रशासन से चर्चा किया था। उस दौरान तत्कालीन कलेक्टर अनुराग चौधरी ने पिपराकुरन्द गांव की भूमि को क्रय-विक्रय एवं नामांतरण पर रोक लगाने का आदेश जारी कर दिया। तब से उक्त गांव की भूमि की रजिस्ट्रियां नहीं हो पाई। लिहाजा यहां के काश्तकार लगातार इसी आशा में लगे हैं कि एनटीपीसी या अन्य कोई औद्योगिक कम्पनियां भूमियों को अधिग्रहीत करेंगी। जिस वक्त उक्त गांव की भूमि का अधिग्रहीत करने की चर्चा हुई थी, उस दौरान 3000 से ज्यादा रजिस्ट्रियां होने की खबर हैं। किन्तु छ: वर्ष बाद भी उक्त गांव की भूमियों को अधिग्रहीत न किये जाने एवं क्रय-विक्रय पर प्रतिबंध न हटाये जाने के कारण किसान व काश्तकार जिला प्रशासन के खिलाफ घोर नाराजगी व्यक्त करने लगे हैं।
बता दे कि कई काश्तकारों ने आरोप लगाया है कि जनप्रतिनिधियों ने कभी इस मसले पर ध्यान नहीं दिया। लिहाजा कलेक्टर सब कुछ मनमानी निर्णय ले रहे हैं। कहीं भी ऐसा उल्लेख नहीं है कि अधिग्रहण के पूर्व क्रय-विक्रय एवं नामांतरण पर रोक लगा दिया जाय। किन्तु सिंगरौली जिले का प्रशासन जो भी कर ले, वही सही है। जनप्रतिनिधि प्रशासन के समर्थन में खड़े रहते हैं। फिलहाल पिपराकुरन्द की जमीन पर छ: वर्षों से लगे प्रतिबंध के कारण कई काश्तकार जहां अधिग्रहण को लेकर आश लगाये बैठे हैं, वहीं कुछ अपनी अलग-अलग पीड़ा व्यक्त कर रहे हैं। भूमि का अधिग्रहण कब होगा अभी स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई है।
साहूकारों के चंगुल में काश्तकार
पिपराकुरन्द में कई ऐसे गरीब काश्तकार हैं, जो अपने बेटे-बेटियों की शादी आर्थिक तंगी के चलते नहीं कर पा रहे हैं। जमीन के क्रय-विक्रय पर रोक लगी है, लिहाजा वे साहूकारों के चंगुल में फसकर औने पौने ब्याज दर पर रकम उधार ले रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि इस क्षेत्र में साहूकारों का बोलबाला है। उधार की रकम में ब्याज वसूलने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ते। मजबूर गरीब काश्तकार भूमि स्वामी अपने बच्चों की पढ़ाई-लिखाई व शादी के लिए रकम उधार लेने के लिए मजबूर हैं। साथ ही अब यहां के काश्तकार कलेक्टर को आड़े हांथों लेना शुरू कर दिए हैं।
इनका कहना है
पिपराकुरन्द गांव के भूमि के क्रय-विक्रय पर रोक लगी है। एनटीपीसी को अंतिम पत्र दिया गया है। यदि एनटीपीसी उक्त गांव की भूमि को अधिग्रहण करने से इंकार कर दिया तो प्रतिबंध हटा दिया जायेगा।
राजीव रंजन मीना,कलेक्टर, सिंगरौली