रीवा। मरीजों के इलाज एवं अन्य सेवाओं को लेकर लंबे समय से विवादों में रहने वाले शहर के खुटेही स्थित डॉ केएल अग्रवाल मैमोरियल नर्सिंग होम (Dr KL Agarwal Memorial Nursing Home) का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया है। यह कार्यवाही नवीन नर्सिंग होम एक्ट 2021 के नियमों के तहत की गई है। प्रबंधन को एक माह के अंदर अपना नर्सिंग होम बंद कर सूचित करना होगा। इस कार्यवाही के बाद शहर भर के प्राइवेट नर्सिंग होम में हड़कंप मच गया।
बता दें कि रजिस्ट्रेशन रद्द होने के बाद अब नर्सिंग होम केवल पुराने भर्ती मरीजों की देखभाल और पुराने ओपीडी मरीजों का ही फॉलोअप किया जाएगा। अब नए मरीजों की भर्ती तथा ओपीडी सेवाएं तत्काल प्रभाव से बंद कर दी गई है। कार्रवाई से पहले जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की टीम खुटेड़ी में स्थित इस नर्सिंग होम की जांच करने पहुंची थी, जहां पर व्यापक पैमाने पर कमियां पाई गई। इस कारण पंजीयन निरस्त करने की कार्रवाई की गई है। इस कार्यवाही के बाहर न केवल प्रबंधन सख्ते में दिखा बल्कि नर्सिंग होम स्टॉप भी बंगले झाकते नजर आए ।
निरीक्षण में पाई गई यह कमियां
मेडिकल नियम के अनुसार अस्पतालों से निकलने वाले अपशिष्ट (बेकार पदार्थ) का सही प्रकार से निवारण करना आवश्यक होता है। निस्तारण न होने की दशा में इससे संक्रामक और असंक्रामक रोगों के फैलने की अशंका बनी होती है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बीएल मिश्रा ने बताया कि निरीक्षण के दौरान नर्सिंग होम में गंदगी के साथ कई अनियमितताएं पाई गई। नर्सिंग होम द्वारा नगर निगम की व्यावसायिक अनुमति भी नही ली गई। ऑपरेशन थियेटर में साफ-सफाई एवं सेप्टिक कंडीशन संतोषजनक नहीं थी। ऑपरेशन थियेटर में बोयल, एप्रंटस, डिप स्टैंड, ओटी टेबल में जंग पाया गया। बायो मेडिकल वेस्टज प्लांट की उचित व्यवस्था नहीं पाई गई साथ ही नर्सिंग होम में प्रति बेड के हिसाब से फ्लोर स्पेस नहीं था।
नर्सिंग होम में ड्यूटी चिकित्सक अनुपस्थित थे तथा चिकित्सक का रोस्टर नहीं पाया गया। साथ ही अन्य स्टाफ की जानकारी भी प्रदर्शित नहीं की गई थी। फार्मेसी में फार्मासिस्ट उपस्थित नहीं था नर्सिंग होम का पंजीकरण प्रमाण पत्र और रेट लिस्ट को नहीं चस्पा किया गया था तथा शिकायत पुस्तिका के संधारण का भी अभाव था लेबर रूम में सेवन ट्रे नहीं पाई गई एवं लक्जरी चेयर तथा ऑटोक्लेव लेबर रूम में पाया गया जो उचित नहीं था। बायो मेडिकल वेस्ट व प्रदूषण नियंत्रण का प्रमाण पत्र अद्यतन नहीं मिला। इन्ही अनियमितताओं के कारण रजिस्ट्रेशन निरस्त कर दिया गया है।
रजिस्ट्रेशन निरस्त होते ही मरीजों ने मांगी छुट्टी
नर्सिंग होम में कुछ मरीज भर्ती भी किए गए थे। सायं जैसे ही यह खबर उन तक पहुंची कि अग्रवाल नर्सिंग होम का रजिस्ट्रेशन निरस्त हो गया है। वहां पर भर्ती मरीजों हड़कंप मच गया मरीजों ने अस्पताल प्रबंधन से छुट्टी मांगना शुरू कर दिया है। इस पर कर्मचारियों ने छुट्टी देने में आनाकानी की और कहासुनी के बाद आखिर मरीजों को छोड़ना पड़ा। वहीं टीम ओपीडी के लिए भी कुछ मरीज सायं पहुंचे थे वह भी बिना उपचार कराए ही लौट आए। यह खबर पूरे संभाग में जंगल में आग की तरह फैल गई।
भ्रूण परीक्षण का आरोपी भी रहा है !
अग्रवाल नर्सिंग होम इलाज को लेकर लंबे समय से सुर्खियों में रहा है नर्सिंग होम अवैधानिक रूप से भ्रूण परीक्षण के लिए भी एक समय सुर्खियों में रहा है। पूर्व में प्रशासन ने जांच में इसकी पुष्टि भी की थी। आरोपी संचालक के विरुद्ध कार्रवाई हुई थी। सूत्र बताते हैं कि नर्सिंग होम के खिलाफ प्रशासन कार्यवाही के दौरान पक्षपात करते हुए दिखा कई ऐसी कमियां थी लेकिन प्रशासनिक अधिकारी नर्सिंग होम मनमानीयों को नजरअंदाज किए हैं।
चिकित्सकों की लापरवाही से एक मरीज की मौत पर अभी कार्रवाई बाकी
खुटेही के अग्रवाल नर्सिंग होम पर इसके पहले कई गंभीर आरोप लगाए जाते रहे हैं। जिस पर राजनीतिक प्रभाव से संचालक बचता रहा है। पूर्व में माही निवासी प्रशांत सिंह ने मानव अधिकार आयोग एवं जिला प्रशासन सहित अन्य स्थानों पर शिकायत की थी कि उनकी पत्नी विद्या सिंह का गलत तरीके से ऑपरेशन किए जाने से अधिक खून बह गया और मौत हो गई। इसमें चिकित्सकों की लापरवाही पर का आरोप था। इस पर प्रशासन ने जांच तो कराई थी लेकिन राजनीतिक दबाव में कार्रवाई रोक दी गई थी।
मानव अधिकार आयोग में शिकायत के बाद फिर जांच कराई गई। जिसमें जांच टीम ने सारे दस्तावेज करने के बाद रिपोर्ट में कहा है कि डॉ. निशा सवाल और डॉ. गोयल की लापरवाही रही है। इस मामले में दोनों पर कार्रवाई की अनुशंसा की गई है। प्रशांत सिंह ने बताया कि उनकी पत्नी की प्रसव के दौरान चिकित्सकों की लापरवाही से मौत हुई है, इसलिए उन्हें कठोर सजा मिलना चाहिए। दोनों पर एफआईआर दर्ज कर जेल भेजना चाहिए।
शहर के सभी नर्सिंग होम्स की करना है जांच
स्वास्थ्य विभाग ने नियम के खिलाफ खुले अस्पतालों पर कार्रवाई तेज कर दी है। सरकार ने नर्सिंग होम संचालन के नियमों में संशोधन किया है। इसके लिए सभी को पहले ही सूचित किया गया था कि वह नए नियमों के अनुसार व्यवस्थाएं बनाए अब तक अधिकांश में सभी व्यवस्थाएं नहीं बनाई गई हैं। जिसकी वजह से जांच के लिए नायब तहसीलदार सतीश शुक्ला, डीएचओ डॉ. ज्ञानेश मिश्रा, डॉ. सुधाकर पांडेय डॉ. अंकिता शर्मा, फार्मासिस्ट सोनू तिवारी आदि पहुंचे थे।