सिंगरौली — नगर निगम सतना में जो भी वरिष्ठ अधिकारी पदस्थ होते है वह मात्र अपने कार्यकाल में सिर्फ नए नए निर्माण कार्य पर खर्च करने के लिए उत्साहित रहते है और उनके द्वारा बनाए जा रहे प्रोजेक्ट से सतना की जनता को कोई लाभ हो या ना हो लेकिन अधिकारियो की जब जरूर गरम हो रही है।
बता दें कि आठ करोड़ रुपयों की लागत से सतना नगर के बीच जो जगत देव तालाब को एक अच्छा पिकनिक स्पॉट बनाने का कार्य अति शीघ्र होने जा रहा है यह एक अच्छी बात है परंतु क्या आयुक्त महोदय ने पूर्व में सतना शहर के सौंदर्यीकरण के लिए बनाए गए स्थानों का अवलोकन किया जहां पूर्व में करोड़ों की लागत से निर्माण कार्य कराया गया वह अपनी वर्तमान स्थिति में आज आंसू बहा रहे हैं जहां भ्रष्टाचार की गंगा बही है आज भी उसकी जांच की फाइलें गायब है। इसी जगह इसी जगतदेव तालाब पर पूर्व में कितना खर्च किया गया क्या इसके रिकॉर्ड की जांच करा कर आयुक्त महोदया उचित निर्णय लेगी या पूर्व की भांति इस , वर्तमान
आठ करोड़ खर्च किए जाने वाले कार्यों की रकम में भी सेंध लगवाएंगी ?
आयुक्त महोदया ने यह विचार किया कि जगत देव तालाब के सौंदर्यीकरण को देखने के लिए जो सतना के नागरिक आएंगे वह अपने वाहन को कहां खड़ा करेंगे जबकि जिस मार्ग पर जगत देवतालाब स्थित है वहां पहले से ही ट्रैफिक की समस्या बनी रहती है क्या उस समस्या को और बढ़ा नहीं रही है। सतना जिले के जनप्रतिनिधि भी मूकदर्शक बने रहते हैं मात्र चुनाव के समय वोट के लिए निकलते हैं सतना नगर के लोगों की समस्या क्या है इस पर कभी कोई भी ध्यान नहीं देता। फिलहाल इस निर्माण कार्य से किसी को कोई आपत्ति नहीं लेकिन कयास लगाया जा रहा है कि कही 8 करोड़ रुपयों में पलीता लगाया जा रहा है। कहा यह भी जा रहा है कि निर्माण कार्य कराने वालों का घर आर्थिक रूप से अवश्य मजबूत हो जाएगा जैसा कि पूर्व के सौंदर्यीकरण में हुआ।
नगर निगम सतना में घोटालों की भरमार हो गई लेकिन गबन करने वालों के विरुद्ध जिम्मेदार आयुक्त कार्रवाई क्यों नहीं करती। मात्र छोटे कर्मचारियों को बर्खास्त कर देती हैं और निलंबित कर देती हैं वह पुनः बहाल हो जाता है यदि गबन का मामला है तो आयुक्त महोदया पुलिस में रिपोर्ट क्यों नहीं करती गबन एक दंडनीय अपराध है गबन करने वाले का मामला पुलिस, द्वारा न्यायालय पेश करने के बाद अपराध सिद्ध होने पर अपराधी को जेल जाना पड़ेगा और मामला जब न्यायालय में आएगा तो गबन के मगरमच्छ भी फसेगे नगर निगम के नल कनेक्शन की रकम का भी गबन हुआ साथ ही कर्मचारियों के इपीएफ में गबन हुआ लेकिन किसी भी आयुक्त ने पुलिस में मुकदमा दर्ज नहीं कराया क्यों यह बड़ा सवाल हैं।