सीधी। जिले का नाम सीधी है लेकिन सरकारी काम का सिस्टम बहुत टेढ़ा है। सरकारी सिस्टम में अगर चढ़ोत्तरी चढ़ाई गई तो नामुमकिन काम को भी मुमकिन बना देते है। ऐसा ही एक मामला जिला मुख्यालय से 45 किलोमीटर दूरी मझौली विकासखंड से सामने आया है जहां भू माफिया रामचंद्र काछी के इशारे पर बीते वर्ष 2003 में सरकारी जमीनों का चढ़ोत्तरी के दम पर राजस्व अमले ने गैर कानूनी तरीके से पट्टा बनाकर दे दिया। और बाकी 3 एकड़ 25 डिसमिल में भू माफिया ने अपना पांव खुद पसार कर अवैध कब्जा कर लिया है हैरानी की बात है कि अपात्र होने के बावजूद भी ग्राम पंचायत के सरपंच सचिव तथा राजस्व अमले की मेहरबानी से भू माफिया रामचंद्र काछी को अति गरीबी का कार्ड बना कर दिया गया है जबकि भू माफिया के पास 18 चक्का वाहन है तथा पहले से ही करोड़ों की संपत्ति है।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2019 में धुँआडोल निवासी 75 वर्षीय बुजुर्ग सुखमंती गुप्ता पति स्वर्गीय रामजुड़ावन गुप्ता को मारपीट कर घर के बाहर निकाल दिया था और उनके घर में अवैध तरीके से कब्जा कर घर को ही नष्ट कर दिया था। जिसका मामला भी मड़वास चौकी में दर्ज था। वही पूरे मामले पर अगर जांच कमेटी बैठा कर जांच की गई तो भूमाफिया समेत कई अधिकारी कर्मचारी सलाखों के पीछे पहुंच जाएंगे। हालांकि पूरे मामले पर कलेक्टर ने जांच कर कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं।
ये है पूरा मामला
मझौली तहसील अंतर्गत मड़वास चौकी क्षेत्र के धुँआडोल निवासी रामचंद्र काछी पिता बैठोली काछी ने खैलरा नदी के किनारे स्थित मध्यप्रदेश शासन की जमीन जिसका आराजी नंबर 3,4,9 है और मध्यप्रदेश शासन का यह भूखंड 3 एकड़ 22 है। जहां भू माफिया के ऊपर मेहरबानी करते हुए खंड राजस्व प्रशासन ने 2006 में मध्यप्रदेश शासन की जमीन जिसका आराजी नंबर 4 है को फर्जी तरीके से भू माफिया को पट्टा बनाकर दे दिया। जबकि इसके पूर्व में देश आजाद होने के बाद से 2004 तक मध्यप्रदेश शासन की जमीन थी। हैरानी और शर्मनाक बात यह है कि भू माफिया के द्वारा 4 नंबर को फर्जी पट्टा बनवाते हुए मध्यप्रदेश शासन की करोड़ो की जमीन आराजी नंबर 3 एवं 9 को अवैध तरीके से कब्जा कर लिया है। इस पूरे खेल में ग्राम पंचायत के प्रशासक समेत तहसील का राजस्व अमला भी शामिल है। जहां जांच होने के बाद भूमाफिया समेत कई कर्मचारी सलाखों के पीछे पहुंच सकते हैं।
जमीन को कर रहा है बिक्री
भू माफिया रामचंद्र काछी के द्वारा मध्यप्रदेश शासन की जमीन आराजी नंबर 4 को फर्जी पट्टा बनवाने के दम पर शासन की आराजी नंबर 3 एवं 9 जो कि 3 एकड़ 22 डिसमिल जमीन में अवैध कब्जा कर लिया और मध्यांचल ग्रामीण बैंक से एक लाख बीस हजार रुपये सीएम आवास के नाम पर लेकर घर बनाया तथा सीएम हाउस बनाकर मकान सहित जमीन को राजेंद्र जयसवाल पिता कामता जयसवाल गुरु प्रसाद जयसवाल पिता श्यामलाल जयसवाल तथा राम कुमार जयसवाल पिता रामदास जयसवाल को बेच दिया। वही आज भी भू माफिया के द्वारा मध्यांचल ग्रामीण बैंक के खाता नंबर 80014909117 में सीएम आवास के नाम पर लिया गया पैसा 90 हजार 500 रुपए बाकी है। जो आज ही बैंक पैसा लेने के लिए चक्कर काट रही है। वही भूमाफिया मकान बनाने के बाद अन्य व्यक्तियों को जालसाजी करते हुए बेच दिया है हैरानी इस बात की है कि रजिस्ट्री में इस मकान का कोई जिक्र नहीं है जबकि हकीकत में मकान बना हुआ है।
पंचायत की मेहरबानी से मिला पीएम आवास
भू माफिया की पकड़ इतनी तेज है कि राजस्व अमले से लेकर पंचायत कर्मियों तक अच्छा खासा पकड़ है इसलिए क्योंकि भू माफिया के पास 18 चक्का वाहन है तथा पूर्ण तरीके से संपन्न है जहां पूरे तरीके से अपात्र है ना तो बीपीएल धारी हो सकता है और ना ही सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा कर सकता है। इसके बावजूद भी खंड प्रशासन की मेहरबानी से बीपीएल धारी बना हुआ है। और लगातार सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जा कर रहा है हैरानी इस बात की है कि शासन की योजना गरीबों तक पहुंचे इसकी गारंटी तो नहीं है पर इन माफियाओं तक आसानी से पहुंच जाती है। जहां सीएम हाउस लेने के बावजूद भी पंचायत कर्मियों ने पीएम आवास दे दिया है। और भूमाफिया अब मध्यप्रदेश शासन की जमीन में फिर से पीएम आवास का निर्माण कर रहा है हैरानी और शर्मनाक बात ये है कि पीएम आवास के नाम कब्जा करने की नियत से 10 कमरों का पक्का मकान बनाया जा रहा है और इसी तरीके से मकान बना कर दूसरों को बेच दिया जाता है और प्रशासन हाथ मलता रहता है। जहां लंबे अरसे बाद पूरे मामले की अब जांच शुरू हो रही है।
कई कर्मचारियों की है मिलीभगत
भू माफिया रामचंद्र काछी के नोटों की गड्डियां कई कर्मचारियों तक पहुंच जाती है जहां कर्मचारियों के द्वारा कलेक्टर समेत जिम्मेदार अधिकारियों को गुमराह करते हुए अफसरों को गलत जानकारी भेजी जाती है। तथा पंचायत विभाग तथा खंड प्रशासन की मेहरबानी से अपात्र होने के बावजूद भी भूमाफिया को पात्र करते हुए वकायदे बीपीएल धारी बनाया गया है जबकि इसके पास 18 चक्का वाहन वह करोड़ों की प्रॉपर्टी है। और तो और मुख्यमंत्री आवास के बावजूद भी प्रधानमंत्री आवास दिया गया है हैरानी इस बात की है कि आज तक सब कुछ जानते हुए भी किसी अधिकारी ने सरकारी जमीन में कर रहे अतिक्रमण तथा बिक्री को लेकर कोई कार्यवाही नहीं की है। वही अब पूरे मामले को लेकर कलेक्टर मुजीबुर्रहमान खान जांच कर कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं।