कागज में बन गया तालाब, 11 लाख हजम
रोजगार सहायक ने परिजनों के नाम लाखों का भुगतान
मामला सीधी जनपद के ग्राम पंचायत बिसुनी टोला का
सीधी। जनपद पंचायत सीधी अंतर्गत ग्राम पंचायत बिसुनी टोला में सहायक सचिव देवी प्रसाद उपाध्याय ने कागज पर ही तालाब बनाकर लाखों रुपए का बंदरबांट कर लिया है, इतना ही नहीं अपने ही परिजनों के नाम फर्जी मस्टररोल जारी कर शासकीय राशि का गबन किया है। इन सभी आरोपों को लेकर मंगलवार को ग्रामीणों ने कलेक्टर समेत जिला पंचायत सीईओ को ज्ञापन सौंपकर भ्रष्टाचार में लिप्त सरपंच, सचिव एवं रोजगार सहायक के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
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ग्रामीणों के द्वारा सौंपे गए ज्ञापन में बताया गया है कि ग्राम पंचायत बिसुनी टोला में नवीन तालाब निर्माण हेतु मध्यप्रदेश शासन की नीति अनुसार टीएस क्रमांक 706 के आधार पर 11.29 लाख रुपए राशि स्वीकृत की गई थी। ग्राम पंचायत बिसुनी टोला द्वारा मध्यप्रदेश शासन की आराजी क्रमांक 125 रकवा 0,40 हेक्टेयर में नवीन तालाब निर्माण कार्य होना दिखाकर फर्जी तरीके से सहायक सचिव देवी प्रसाद उपाध्याय द्वारा अपनी पत्नी तथा अपने सगे संबंधियों के नाम फर्जी मस्टररोल तैयार कर लाखों रुपए का घोटाला किया गया है। ग्रामीणों ने ग्राम पंचायत के सरपंच और रोजगार सहायक सचिव पर व्यापक पैमाने पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा है कि उक्त तालाब कार्य का वर्क कोड 22012034393238 से संपूर्ण राशि फर्जी निकाली गई है जबकि ग्राम पंचायत क्षेत्र में स्थल पर कोई तालाब निर्माण हुआ ही नहीं है। हैरानी की बात ये है कि ग्राम पंचायत में पंच परमेश्वर एवं 14वां वित्त से चबूतरा निर्माण भडसोरी खोली तथा हनुमान मंदिर उत्तर टोला चबूतरा निर्माण में गुणवत्ता विहीन का कार्य जमकर भ्रष्टाचार किया गया है।
एनटीपीसी कर्मचारी के नाम हुआ भुगतान
ग्राम पंचायत बिसुनी टोला में शासकीय राशि की खयानत करने के लिए जिम्मेदार अमले ने सारी हदें पार कर दी है।बताया गया है कि राज बहादुर कुशवाहा का जॉब कार्ड नंबर 255 बी ग्राम पंचायत में कई कार्यों में फर्जी मस्टररोल हाजिरी भरकर राशि निकाली गई है। उक्त व्यक्ति राजबहादुर कुशवाहा विंध्य नगर एनटीपीसी जिला सिंगरौली में कार्यरत है। ग्रामीणों ने बताया कि वो कभी भी ग्राम पंचायत बिसुनी टोला आया ही नहीं है।
जांच हुई तो खुल सकते हैं कई राज
ग्रामीणों ने बताया कि सरपंच सचिवों तथा रोजगार सहायक का कारनामा यहीं नहीं रुका बल्कि कई कार्यों में ग्रामीणों से मजदूरी तो कराई गई है लेकिन आज तक उनकी मजदूरी भुगतान नहीं किया गया है ग्रामीणों ने जिम्मेदार अधिकारियों से जांच कर कार्रवाई की गुहार लगाई है। ग्रामीणों की मानें तो अगर जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा ईमानदारी पूर्वक जांच की गई तो और भी कई भ्रष्टाचार के खुलासे हो सकते है जिसके बारे में अभी लोगों को जानकारी ही नहीं है।