सीधी- चुरहट विधानसभा क्षेत्र में इन दिनों इस्तीफा-इस्तीफा का खेल चल रहा है, विधानसभा क्षेत्र में भाजपा और कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा अपनी अपनी पार्टी से इस्तीफा देकर अलविदा कहने का दौर हर दिन जारी है। सोशल मीडिया में आए दिन कार्यकर्ताओं के इस्तीफों की खबरें वायरल हो रही हैं। हालांकि विधानसभा चुनाव को अभी दो वर्ष शेष हैं। किंतु अभी से चुनावी विसात बिछाने की तैयारी शुरू हो गई है।
हाल ही में भाजपा के सक्रिय युवा कार्यकर्ता ज्ञानेन्द्र अग्निहोत्री द्वारा भाजपा को बाय-बाय कर खुलेआम कांग्रेस के कार्यक्रमों में शामिल होकर नेताओं से मेल-मिलाप किया जा रहा है। उनके इस्तीफे के बाद कई युवा कार्यकर्ता भी भाजपा से इस्तीफा दे दिए हैं। सबसे अहम बात ये है कि भाजपा कार्यकर्ताओं के इस्तीफे की खबर मीडिया को कांग्रेसी खेमे द्वारा दी जा रही है। जबकि अधिकृत रूप से इस्तीफा देने वाले कार्यकर्ता अभी तक कांग्रेस पार्टी में शामिल नहीं हुए हैं। बावजूद इसके भाजपा छोंडने वाले कार्यकर्ताओं को कांग्रेसजनों द्वारा स्वागत किया जा रहा है।
उधर दूसरी तरफ ऐसी ही स्थिति भाजपा में भी चल रही है। जो कांग्रेस कार्यकर्ता इस्तीफा देते हैं उनका स्वागत भाजपा के कार्यकर्ता कर रहे हैं। हालांकि कई अनुसूचित जाति, जन जाति व ब्राम्हण समाज के कार्यकर्ता जो कि भाजपा से इस्तीफा दे दिए थे वो पुन: भाजपा नेताओं की शरण में पहुंचकर अपने इस्तीफा देने की बात का मीडिया के सामने भी खंडन कर रहे हैं। चुरहट विधानसभा क्षेत्र में अभी तक ज्ञानेन्द्र अग्रिहोत्री व नीरज पाण्डेय को छोंडकर किसी भी ऐसे कार्यकर्ता ने भाजपा से इस्तीफा नहीं दिया है जो भाजपा में सक्रिय भूमिका अदा करता रहा हो। छोटे-छोटे भाजपा कार्यकर्ताओं के द्वारा इस्तीफा देने व दिलानें का क्रम जरूर जारी है।
विगत विधानसभा चुनाव में भाजपा छोंडकर कांग्रेस में गए कार्यकर्ताओं की पुन: कांग्रेस को छोंडकर भाजपा में जानें की खबरें सोशल मीडिया के माध्यम से सामने आ रही हैं। पार्टी छोंडने वाले कार्यकर्ता किस पार्टी में जाएंगे और उनकी क्या हैंसियत रहेगी, वे कितना फायदा-नुकसान कर सकते हैं, इसका आंकलन किए बिना भाजपा और कांग्रेस के छुटभैया नेता इस्तीफा देने वाले कार्यकर्ताओं को गले लगाने में जुटे हुए हैं।
दोनो पार्टियों के कुछ विघ्न संतोषी कार्यकर्ताओं द्वारा इस्तीफा कार्यक्रम विधिवत रचा जा रहा है और इसे तूल पकड़ानें की कोशिशें की जा रही हैं। हालांकि कांग्रेस के कई कद्दावर नेताओं के भाजपा में जाने की खबरें गुपचुप तरीके से सामने आ रही हैं। तो उधर भाजपा से भी कुछ चेहरे कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। कौन कहां आएगा और जाएगा यह तो आने वाले वक्त में ही पता चल सकेगा।
कांग्रेस, भाजपा में बड़े नेताओं के प्रति असंतोष के आरोप
भाजपा कांग्रेस दोनो दलों के कार्यकर्ताओं में अपने-अपने नेताओं के प्रति उपेक्षा को लेकर असंतोष खुलकर दिखाई दे रहा है। नेताओं के द्वारा अभी कार्यकर्ताओं के असंतोष को ठीक करनें का प्रयास नहीं किया जा रहा है। किंतु अभी वक्त बहुत हैै नेता अपने-अपने कार्यकर्ताओं को कितना साध पाते हैं ये समय आने पर पता चलेगा।