UPSC Success Story: नवादा जिले के रोह प्रखंड स्थित गोड़िहारी गांव के लाल आलोक रंजन ने संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा आयोजित सिविल सर्विसेज परीक्षा 2021 में 346 वां रैंक लाकर जिले का नाम रौशन किया है.आलोक बीते कई सालों से यूपीएससी क्लीयर करने की धुन में घर नहीं आया है. आलोक की पढ़ाई के लिए माता-पिता को जमीन तक बेचने की नौबत आ गई. बेटा भी धुन का पक्का निकला.
UPSC Success Story — नवादाः बिहार के नवादा जिले का लाल आलोक रंजन ने यूपीएससी की परीक्षा (UPSC Civil Service Result 2021) में 346वां स्थान लाकर जिले का नाम रौशन (Nawada Youth Alok Ranjan got 346th Rank in UPSC) किया है. सातवें प्रयास में उसे यह सफलता मिली.बड़ी बात यह है कि आलोक ग्रामीण परिवेश में पले-बढ़े हैं। उनकी प्रारम्भिक शिक्षा-दीक्षा रोह हाई स्कूल से हुई है, हालांकि उन्होंने दसवीं की परीक्षा जीवनदीप पब्लिक स्कूल से उत्तीर्ण की और फिर राजस्थान के कोटा चले गए। आलोक के यूपीएससी में सलेक्शन की जानकारी मिलते ही उनके परिजनों में खुशी की लहर दौड़ गई. बेटे की सफलता के खुशी में मिठाइयां बांटी जा रही है.
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आलोक रंजन के पिता नरेश प्रसाद यादव, बताते है कि “15 साल से मेरा बेटा घर नहीं आया है. उसकी जिद थी कि जब तक यूपीएससी में सफलता नहीं मिलेगी, तब तक घर वालों को मुंह नहीं दिखाएंगे. आज बेटे ने हम लोगों का सपना साकार कर दिया है. किसी भी मां-बाप के लिए यह सबसे सुखद दिन है.”-उनके घर पर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है. बेटी की सफलता से मां भावुक हो गई और उनके आखों से खुशी के आंसू निकलने लगे.UPSC Success Story
आलोक रंजन रोह प्रखंड के गोड़ीयारी गांव का रहने वाले हैं. माता सुशीला देवी, पिता नरेश प्रसाद यादव दोनों सरकारी शिक्षक हैं. पिता नरेश प्रसाद यादव ने बताया कि बेटे की मेहनत रंग लाई. उन्होंने कहा कि शिक्षक की नौकरी के बाद भी पढ़ाई के लिए पैसे की कमी हो गयी तो जमीन बेच-बेच कर इस मुकाम तक पहुंचाया हूं. उन्होंने बताया कि वह बचपन से ही मेधावी था. आलोक की सफलता से पूरे परिवार का गर्व से सीना चौड़ा हो गया.UPSC Success Story
गांव के स्कूल में हुई है प्रारंभिक परीक्षा
आलोक रंजन की प्राथमिक शिक्षा गांव के सरकारी स्कूल में है। 2007 में जीवनदीप पब्लिक स्कूल, नवादा से मैट्रिक किया। इसके बाद वे कोटा चले गए, जहां से उन्होंने इंटरमीडिएट की पढ़ाई की। इसके बाद उन्होंने ट्रिपल ई से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। उसके बाद आलोक ने 2015 में यूपीएससी की तैयारी शुरू की। कड़ी मेहनत के बाद आलोक सातवें प्रयास में सफल हुए और 346 रैंक लाकर जिले में नाम कमाया।UPSC Success Story
15 साल तक ‘संन्यास’,
आलोक की इस परीक्षा को पास करने का सफर काफी मुश्किलों वाली रही है। आलोक 15 साल तक घर नहीं गए थे। उनकी जिद थी कि जबतक वह आईएएस नहीं बनेंगे घर नहीं आएंगे। आलोक के पिता नरेश यादव और मां सुशीला देवी शिक्षक हैं। उसके बाद इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय नई दिल्ली से स्नातक किया। आलोक ने 2015 में यूपीएससी की तैयारी शुरू की थी। कड़ी मेहनत के बाद सातवें प्रयास में आलोक को सफलता मिली.UPSC Success Story
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आलोक के पिता नरेश प्रसाद यादव ने कहा कि हमने शुरू में ही ठान लिया था.घर की माली हालत कमजोर होने के बाद भी सोच लिया था कि अपनी किसी भी एक संतान को यूपीएससी की तैयारी जरूर करवाएंगे.