सिंगरौली।जिले के विकासखंड बैढ़न के शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय पिपराछापी में आज शनिवार छात्र 16 छात्र-छात्राएं वही एक शिक्षका की तबियत बिगड़ने के बाद प्रशासनिक महक में हड़कंप मच गया। बीमार सभी बच्चों सहित शिक्षिका को जिला चिकित्सालय सह ट्रामा सेंटर में लाया गया जहां मौके पर प्रशासनिक अमला पहुंचकर मोर्चा सभाल लिया।
मिली जानकारी के अनुसार शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय पिपराछापी में फूड प्वाइजनिंग से 16 छात्र-छात्राओं को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी हालत पर चिकित्सकों की टीम नजर बनाए हुए है। कुछ बच्चों की हालत गंभीर बताई जा रही है। बताया जा रहा है कि इन छात्रों ने दोपहर में मध्यान भोजन में दाल-चावल और सब्जी खाई थी, जिसके बाद उनके शरीर में दर्द और अन्य लक्षण दिखाई दिए। सबसे ज्यादा प्रभावित कक्षा 8 के छात्र-छात्राएं रहे। बीमार छात्रों को शिक्षकों ने इलाज के लिए जिला अस्पताल सह ट्रामा में भर्ती कराया।
हालांकि जिला प्रशासन फूड प्वाइजनिंग से साफ इनकार किया है। बच्चों के जिला अस्पताल पहुंचते ही देवसर विधायक राजेंद्र मेश्राम जिला कलेक्टर चंद्रशेखर शुक्ला, पुलिस अधीक्षक मनीष खत्री, एसडीएम सृजन वर्मा और अन्य प्रशासनिक अधिकारी पहुंच गए और स्थिति पर लगातार निगरानी रख रहे हैं। थाना प्रभारी अशोक सिंह परिहार भी मौके पर पहुंचे और हालातो को संभाला । प्रशासन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच के आदेश दे दिए हैं, ताकि वास्तविक वजह का पता चल सके। लेकिन इस बीच कई बच्चों के अभिभावक भी जिला अस्पताल पहुंच गए। और बताया कि स्कूल में मध्यान भोजन गुणवत्ता युक्त नहीं होता है। मध्यान भोजन बनाने वाले समूह को बदल देना चाहिए। वह मनमानी कर रहा है। संभवत मध्यान भोजन में गड़बड़ी के चलते ही बच्चों की तबीयत बिगड़ी है।
इन बच्चों की बिगड़ी तबीयत
निशा सोनी, मानसी यादव, राकेश खैरवार, कृष्णा कहार, अमित शर्मा, जरीना खातून, प्रियंका, आरती सिंह, रानी वर्मा, निवकी बसोर, नव्या साकेत, उदय कुमार शर्मा, नीलम बसोर, सोनम बैस ,चाहत सिह, कृष्णदेव शर्मा सहित शिक्षका शालू सिंह बैस कि अचानक तबियत बिगड़ गई। जिनका इलाज जिला चिकित्सालय शाह ट्रामा सेंटर में चल रहा है।
इनका कहना है
पहले कुछ बच्चों को चक्कर आया, मनोविज्ञान की तरह उनके मन में कुछ भ्रम फैला हुआ है, बच्चों का इलाज शुरू है और एक-दो घंटे में सब ठीक हो जाएंगे। फूड प्वाइजनिंग जैसे कोई लक्षण नहीं है, कई बच्चे खाना खाए वह स्वस्थ है।
चंद्रशेखर शुक्ला, कलेक्टर , सिंगरौली