नवजात को 1 लाख रुपए में बेचने का लगा आरोप
झारखंड — गढ़वा के ऊंटारी थाना क्षेत्र से बड़ी खबर आ रही है यहां एक नाबालिग बच्ची के मां बनने का मामला प्रकाश में आया है। अब नाबालिक बच्ची जन्म के बाद नवजात को साथ में नहीं रखना चाहती। जिससे नवजात के जन्म के बाद उसे एएनएम को दे दिया। तो ही खबरें आने लगी की नवजात को 1 लाख रुपए में बेच दिया गया है। मामला संज्ञान में आने पर सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष उपेंद्रनाथ दुबे ने इसे गंभीरता से लेते हुए जच्चा और बच्चा को कमेटी के समक्ष प्रस्तुत करने का आदेश दिया। जहां शुक्रवार को नवजात को समिति के समक्ष प्रस्तुत किया गया।
बता दें कि नवजात को समिति के समक्ष प्रस्तुत किया गया। जहां पीड़िता ने बताया कि वह मानसिक रूप से अस्वस्थ है उसकी मानसिक स्थिति यह नहीं है कि वह नवजात को अपने साथ रखें। पीड़िता ने कहा कि वह नवजात को नहीं रखना चाहती है। उसके बाद बच्ची को जिला मुख्यालय स्थित कुपोषण उपचार केंद्र में भर्ती कराया गया। शनिवार को उसे विशेष दत्तक संस्थान रांची भेज दिया जाएगा। बताया जा रहा है कि नाबालिग बच्ची ने सात अप्रैल को बच्ची को एक निजी क्लीनिक में जन्म दिया है। एएनएम माया कुमार ने उसका सुरक्षित प्रसव कराया। बच्ची के जन्म के बाद नगर ऊंटारी की सोनामनी देवी नामक महिला को दे दी।
गौरतलब है कि इसी बीच सीडब्ल्यूसी तक यह शिकायत पहुंची कि नवजात को एक लाख रुपए में बेच दिया गया। उस पर त्वरित एक्शन लेते हुए अध्यक्ष ने नवजात को कमेटी के समक्ष प्रस्तुत करने का निर्देश देते हुए अपना-अपना पक्ष रखने को कहा। जहां नर्स, बच्ची को लेने वाली महिला और पीड़िता ने अपना-अपना पक्ष रखा। नर्स और बच्ची को गोद लेने वाली महिला ने सीडब्ल्यूसी फोरम में बताया कि उन्हें नियम की जानकारी नहीं थी इसलिए उन्होंने नवजात को सीडब्ल्यूसी में प्रस्तुत नहीं कर सकी। अध्यक्ष ने बताया कि पीड़िता का प्रेम संबंध पलामू के युवक से है। उसकी भी जांच की जा रही है। जांच में मिले तथ्यों के के आधार पर कार्यवाही की जाएगी