सिंगरौली। नगर निगम परिषद की बैठक सोमवार को अध्यक्ष देवेश पांडे की अध्यक्षता में आयोजित हुई। बैठक में पार्षदों द्वारा पूछे गए प्रश्नों पर विस्तार से चर्चा की गई। वहीं परिषद में शॉपिंग प्लाजा के टूटने या फिर बनने पर सहमत नहीं बनते दिख रही है। पार्षदों ने नगर निगम प्रशासन पर दोहरा मापदंड अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि नगर निगम प्रशासन शिवाजी कांप्लेक्स के व्यवसायों को विस्थापित मान रहे हैं लेकिन शॉपिंग कांप्लेक्स व्यापारियों को नहीं यह गलत है। एक ही तरह के मामले में दो तरह के मापदंड किसी भी तरह से सही नहीं है।
गौरतलब है कि परिषद बैठक में पार्षदों ने नगर निगम प्रशासन पर दोहरा मापदंड लगाने के आरोप लगाते हुए कहा कि प्रशासन एक तरफ शिवाजी कांप्लेक्स को तोडक़र व्यावसायिक प्लाजा बनाते हुए वहां के व्यवसाईयों को विस्थापित मानते हुए बसाने की बात कर रहा है , वहीं दूसरी तरफ म हज 12 साल में गनियारी शॉपिंग प्लाजा जर्जर हालत में पहुंच गया। जर्जर भवन बनाने के जिम्मेदार नगर निगम प्रशासन भरी बरसात में व्यवसायियों का कारोबार बंद करा दिया।
उस दौरान सदर विधायक रामनिवास शाह की मौजूदगी में महापौर, कलेक्टर,नगर निगम अध्यक्ष, जिला प्रशासन सहित नगर निगम कमिश्नर ने व्यापारियों को आश्वासन दिया था कि जल्द ही उन्हें दूसरी जगह दुकान बनाकर स्विफ्ट कराया जाएगा लेकिन दो बार परिषद की बैठक हो चुकी है लेकिन अभी तक परिषद किसी भी नतीजे पर नहीं पहुंची यह निंदनीय हैं। आम सहित खास लोग जनप्रतिनिधियों से सवाल करते हैं। पार्षदों ने मांग करते हुए कहा कि एक निश्चित समय अवधि निर्धारित की जाए ताकि समय पर काम पूरा हो सके।
गड़बड़ी छिपाने निर्माण स्थल पर नहीं लगाते प्राक्कलन बोर्ड
पार्षद भारतेंदु पांडे ने नगर निगम क्षेत्र के सभी वार्डो में हो रहे निर्माणकार्यों में अनियमितता का आरोप लगाते हुए कहा कि कहीं भी निर्माण कार्य हो रहा है लेकिन ठेकेदार अपनी गड़बड़ी छुपाने के लिए निर्माण स्थल पर प्राक्कलन बोर्ड नहीं लगाते। ऐसे में पार्षद सहित आम आदमी को यह नहीं पता चल पाता कि यह काम किसी ठेकेदार के द्वारा कराया गया है। इस काम का समय अवधि क्या है और इसकी लागत कितनी है। जबकि पूर्व कमिश्नर ने आदेश जारी कर सभी निर्माण कार्यों में प्राक्कलन बोर्ड लगाने के लिए निर्देश दिए थे। साथ ही उसमें नगर निगम के अधिकारियों सहित ठेकेदार का नामए काम की लागत और गारंटी पीरियड का स्पष्ट उल्लेख करने के निर्देश दिए थे। लेकिन नगर निगम में कहीं भी प्राक्कलन बोर्ड नहीं है इससे यह साबित होता है कि नगर निगम के ठेकेदार गड़बड़ी कर रहे हैं।
रांची बस्ती में नहीं पहुंचा अमृत जल योजना
वार्ड क्रमांक 9 के पार्षद शेखर सिंह ने महापौर और नगर निगम अध्यक्ष से रांची बस्ती में पेयजल उपलब्ध करने की मांग करते हुए बताया कि अभी तक इस बस्ती में गंदा पानी पीने की वजह से दो तीन लोगों की मौत हो चुकी है। यहां शौचालय नहीं होने से लोग खुले में शौच कर रहे हैं। श्री सिंह का समर्थन बार्ड पार्षद अनारकली ने करते हुए कहा कि पेयजल नहीं होने से बार्ड के लोगों को गंदा पानी पीना मजबूरी है। जवाब में नगर निगम कमिश्नर ने भी माना कि वहां अब तक अमृत पेयजल नहीं पहुंच पाया है जल्द ही वहां स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी।
खुले में फेंके जा रहे मृत जानवर
पार्षद अनिल कुमार बैस ने सफाई का काम कर रही सीटाडिटेल कंपनी पर आरोप लगाते हुए कहा कि मृत जानवरों का सही डिस्पोजल नहीं हो रहा है। सिटाडेल कंपनी मृत जानवरों को सुनसान जगह में खुले में फेंक रहा है। हवा चलते ही आसपास के क्षेत्र में दुर्गंध फैल जाती है। लोगों का जीना दुश्वार हो चुका है। जबकि स्वच्छता के नाम पर नगर निगम करोड़ों रुपए पानी की तरह बहा रही है। लेकिन मृत जानवरों का सही डिस्पोजल नहीं हो रहा है।